ब्रिक्स देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की पहली बैठक 11 जुलाई को पेइचिंग में आयोजित हुई। इस बैठक का विषय वैश्विक स्वास्थ्य व दवाओं की उपलब्धता है। चीन, ब्राज़ील, रूस, भारत व दक्षिण अफ्रीका पांचों देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने अपने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में भाग लिया और संयुक्त रूप से पेइचिंग में पहली बैठक की घोषणा की।
इसमें कहा गया कि लोक स्वास्थ्य सामाजिक व आर्थिक विकास का अहम तत्व है। हालांकि ब्रिक्स देशों की विभिन्न स्थितियाँ हैं, लेकिन उनके सामने समान स्वास्थ्य चुनौतियां खड़ी हैं, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं व दवाओं की अनुचित उपलब्धता, स्वास्थ्य लागत में इजाफा, एड्स, क्षय रोग आदि संक्रामक रोगों, अधिक से अधिक गैर-संचारी रोगों के खतरे आदि शामिल हैं। सभी देशों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि बड़े पैमाने पर जनता को, खासकर सबसे कमजोर लोगों को कैसे स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएं।
चीन, ब्राज़ील, रूस, भारत व दक्षिण अफ्रीका पांच देशों ने घोषणा में दावा किया है कि वे सहयोग कर अपने देश की जन स्वास्थ्य सेवाओं व दवाओं की उपलब्धता को बढावा देंगे और अन्य देशों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य के लिए किए प्रयासों का समर्थन करके एक साथ समान स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटेंगे।
इस घोषणा में ब्रिक्स देश पांच देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों व जिनेवा में स्थायी प्रतिनिधि के बीच दीर्घकालीन वार्ता व्यवस्था की स्थापना पर भी सहमत हुए, ताकि शीर्ष सम्मेलन में प्राप्त स्वास्थ्य संबंधित परिणामों का पालन किया जाए।
(नीलम)