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चीनी सेना ने जापान से त्याओ यू द्वीप से संबंधित जोखिमभरी गतिविधियों को बंद करने की मांग की
2011-07-08 17:15:07

दोस्तो , जापानी हवाई आत्म रक्षा दस्ते के लड़ाकू विमान ने हाल ही में त्याओयू द्वीप के समुद्री आकाश में चीनी फौजी विमानों को रोक दिया , इस बात को लेकर चीनी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के सूचना मामलात ब्यूरो के अधिकारी ने सात जुलाई को कहा कि जापानी लड़ाकू विमान ने काफी ज्यादा समय में नजदीकी से समुद्री आकाश में चीनी विमानों का जो पीछा किया व निगरानी की है , उस से आसानी से दोनों पक्षों के बीच गलतफहमी और गलत फैसला हो सकता है । चीनी फौजी विशेषज्ञ ने 8 जुलाई को हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि जापान की यह कार्यवाही गम्भीर उत्तेजनापूर्ण हरकत ही है । चीनी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारी का यह रवैया जापान के लिये एक पूर्वचेतावनी माना जा सकता है , जापान को ऐसी जोखिमभरी गतिविधियों को बंद कर समुद्री आकाश में अप्रत्याशित घटना होने से बचना चाहिये ।

रिपोर्ट के अनुसार जापानी प्रतिरक्षा मंत्रालय के संयुक्त चीफ आफ स्टाफ विभाग ने कहा कि चार जुलाई को दो चीनी फौजी विमान त्याओयू द्वीप के ऊपरी आकाश से 60 किलोमीटर की दूरी पर गये , पर जापानी प्रादेशिक आकाश में प्रविष्ट नहीं हुए । जापानी हवाई आत्मरक्षा दस्ते ने इन विमानों को रोकने के लिये तुरंत ही एफ- 15 लड़ाकू विमान भेज दिया ।

चीनी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के सूचना मामलात ब्यूरो के अधिकारी ने सात जुलाई को संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि चीनी विमानों ने अपने प्रादेशिक आकाश में जो उड़ान भरी है , वह बिलकुल अंतर्राष्ट्रीय कानून के संबंधित मापदंड से मेल खाती है । इस अधिकारी ने बल देते हुए कहा कि त्याओयू द्वीप और उस के अधीन सभी द्वीप प्राचीन काल से ही चीनी की प्रादेशिक भूमि है , चीन इन द्वीपों पर अपनी निर्विवाद सार्वभौमिकता रखता है । चीनी फौजी विज्ञान सोसाइटी के उप महा सचिव मेजर जनरल लो य्वान का विचार है कि चीनी वायु सेना ने अपने प्रादेशिक आकाश में जो गश्त लगायी है , वह बिलकुल कानूनी मापदंड के अनुरुप है । जापान द्वारा जारी फोटो से देखा जा सकता है कि जापानी हवाई आत्म रक्षा दस्ते ने चीनी युन 8 परिवहन विमानों को रोकने के लिये जो एफ - 15 लड़ाकू विमान भेज दिया है , वह एक गम्भीर उत्तेजनापूर्ण कार्रवाई ही है ।

त्याओ यू द्वीप प्राचील काल से ही चीन की प्रादेशिक भूमि रही है , हमारी चीनी वायु सेना ने अपने प्रादेशिक ऊपरी आकाश में जो नियमित गश्त लगायी है , वह निस्संदेह अंतर्राष्ट्रीय कानून से मेल खाती ही नहीं , चीन लोक गणराज्य के संविधान के अनुरुप भी है । जापान ने हमारे गश्ती विमानों को भगाने की जो कार्यवाही की है , वह स्पष्टतः उत्तेजनापूर्ण हरकत ही है । जापान द्वारा सार्वजिक फोटो से पता चला है कि हमारे विमान युन 8 परिवहन विमान हैं , वे लड़ाकू विमान के बजाये गश्त लगाने का काम संभालते हैं । पर जापान ने एफ -15 लड़ाकू विमान भेज दिया , यह अत्यंत अनुचित है । इस से जाहिर है कि जापान ने चीन के लिये खतरा और उत्तेजन पैदा कर दिया है ।

वास्तव में त्याओयू द्वीप चीनी पूर्वी समुद्र की सीमा पर स्थिर है , उस का क्षेत्रफल मात्र 6.5 किलोमीटर है , चीन ने सब से पहले उस का पता लगाया और नाम भी दिया । हालांकि इस द्वीप पर कोई निवासी नहीं है , पर फिर भी 600 साल से पहले चीन की प्रादेशिक भूमि की पुष्टि हो गयी है । बहुत सारे ऐतिहासिक सामग्री से साबित हुआ है कि त्याओयू द्वीप और उस के अधीन सभी द्वीपों पर चीन की निर्विवाद सार्वभौमिकता है । पर इस छोटे द्वीप को लेकर चीन व जापान के बीच लम्बे समय से क्या विवाद बरकरार रहा है ।

चीनी अंतर्राष्ट्रीय संबंध कालेज के प्रोफेसर यांग पो च्यांग ने कहा त्याओयू द्वीप मामला गत सदी के 60 वाले दशक के अंत में सामने आया , उस समय इसी समुद्री क्षेत्र में तेल का पता लगाया गया , जापान का जोर इसी समुद्री साधन को काबू में लाने पर केंद्रित रहा है । दूसरी तरफ इस क्षेत्र का रणनीतिक स्थान भी बहुत महत्वपूर्ण है , क्योंकि वह दक्षिण पूर्वी समुद्र के केंद्रीय पट्टी में खड़ा हुआ है , इसलिये वह चीन व जापान दोनों पक्षों के लिये बाहर जाने का महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग ही है , यह दोनों पक्षों की छीना झपटी की एक अहम पृष्टभूमि ही है ।

मेजर जनरल लो य्वान ने कहा कि हाल ही में जापानी आत्मरक्षा दस्ते ने पूर्वी समुद्र में चीन की गश्त को जो बाधित किया है , उस का इरादा चीन के खिलाफ तीन आयामी रोधक नीति अपनाने का है ।

जापान ने समुद्रतह में केबल , माँनिटर व सोनार साजसामान लगा दिये , समुद्री क्षेत्र में हमारे मछुआ जहाजों को निष्कासित किया , ऊपर आकाश में टोह व लड़ालू विमान भेजकर हमारे विमानों को रोक दिया , जिस से हमारी सामान्य मछुआगिरी और तेल अन्वेषण करने में रुकावट पैदा हुई है ।

चालू वर्ष के शुरु में जापानी प्रतिरक्षा मंत्रालय ने भी कहा था कि दो चीनी फौजी विमान त्याओयू द्वीप से 60 किलोमीटर दूर पहुंच गये , जापान ने तुरंत ही रोकने के लिये एफ – 15 लड़ाकू विमान भेज दिया । उस समय चीनी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की । लो य्वान ने कहा कि चीन अपनी प्रादेशिक सार्वभौमिकता बनाये रखने का संकल्प व इरादा अविचल है ,इस बार राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया जापान के लिये एक पूर्वचेतावनी है , ताकि दोनो देशों के बीच त्याओयू द्वीप में संभावित फायरिंग की रोकथाम हो सके । जापान को संबंधित जोखिमभरी गतिविधियों को बंद करना चाहिये ।

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