Web  hindi.cri.cn
तिब्बत के स्थिर विकास की देन कार्यांवित समान व अनुकूल जातीय नीति को जाती है
2011-07-07 17:04:01

दोस्तो , वर्तमान में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के 60 साल की उपलब्धियां प्रदर्शनी पेइचिंग में लगी हुई है । इस प्रदर्शनी में चित्रों , वस्तुओं और ऐतिहासिक दस्तावेजों व मल्टीमीडिया आदि माध्यमों के जरिये दर्शकों को पिछले साठ सालों में तिब्बत में हुए भारी परिवर्तन प्रदर्शित हुए हैं । तिब्बती विद्या के विशेषज्ञ तानचेन लुनचू ने इस का उल्लेख करते हुए कहा कि आज के तिब्बत में आर्थिक विकास , जनजीवन में सुधार , सांस्कृतिक खुशहाली और अमन चैन की स्थिति इसीलिये नजर आती है , जिस की देन पिछले हजारों सालों में देश और चीनी राष्ट्र पर हान व तिब्बती लोगों की सर्वमान्यता और तिब्बत में केद्रीय सरकार की समान और राष्ट्रीय परिस्थिति के उनुरुप जातीय स्थिति को जाती है ।

युचन तिब्बत के ल्हासा शहर में रहने वाली एक तिब्बती युवती है । गत जून के मध्य में वह तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के 60 साल की उपलब्धियां प्रदर्शनी की गाइड के रुप में पेइचिंग आयी । इस प्रदर्शनी की चर्चा में उस ने कहा बहुत वास्तविक है , प्रदर्शनी में जो प्रदर्शित हैं , वे सब के सब असली हैं । किसानों व चरवाहों की मौजूदा जीवन स्थिति में बड़ा सुधार आया । मुझे याद है कि मैं अपनी छोटी उम्र में लिनची जैसे क्षेत्र गयी , तो देखा कि वहां पर कुछ मकान बहुत टूटे फूटे थे . पर अब सुरक्षित आवास परियोजनाओं में निर्मित पक्के मकान बहुत खूब सूरत दिखाई देते हैं । राज्य ने विशेष तौर पर तिब्बत के लिये तिब्बती कलास भी खोल दी , एक कलास में 50 से ज्यादा छात्र हैं , मैं बचपन से ही तिब्बती कलास में पढ़ती थी , फिर परीक्षा पास होकर देश के भीतरी इलाके में आगे पढ़ने गयी ।

असल में युचन ने जिस की चर्चा की है , वह मात्र तिब्बत के अर्थतंत्र , जनजीवन और संस्कृति के विकास का एक नमूना ही है । आंकड़ों के अनुसार 1951 में सारे तिब्बत का संकल उत्पाद केवल 12 करोड़ 90 लाख य्वान था , जबकि 2010 में बढ़कर 50 अरब 74 करोड़ 60 लाख य्वान तक पहुच गया । सारे स्वायत्त प्रदेश में किसान व चरवाहे पहले झोपड़ियों या टूटे फूटे मकानों में रहते थे , अब वे सब नये पक्के मकानों में रह गये हैं । प्रति किसान व चरवाह के हिस्से में औसत आय भी चार हजार 138 य्वान हुई है । समूचे स्वायत्त प्रदेश के किसान व चरवाहे मुफ्त चिकित्सा प्रणाली से लाभ उठाते हैं , औसत जीवनी आयु मुक्ति के पहले के 35.5 साल से बढ़कर 67 साल तक हो गयी है , श्रेष्ठ परम्परागत संस्कृति और धार्मिक विश्वास का सम्मान व सरक्षण हुआ है । कहा जा सकता है कि आज का तिब्बत अपने सब से बढ़िया ऐतिहासिक विकास दौर में है ।

चीनी तिब्बती विद्या अनुसंधान केंद्र के सामाजिक आर्थिक अनुसंधान शाला के उप प्रधान तानचंग लुनचू को तिब्बति विद्या पर अनुसंधान किये हुए 20 हो गये हैं । उन का मानना है कि तिब्बत की विशेष ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, भौगोलिय स्थिति और सामाजिक व्यवस्था तले जो उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं , उस की देन देश और चीनी राष्ट्र पर हान व तिब्बती लोगों की सर्वमान्यता और केंद्रीय सरकार द्वारा तिब्बत में कार्यांवित समान व राष्ट्रीय स्थिति के अनुरुप जातीय नीति को जाती है ।

तिब्बत में काफी लम्बे अर्से से जी डी पी के सूचकांक के बजाये किसानों व चरवाहों के ठोस जीवन स्तर व गुणवत्ता में वृद्धि विभिन्न स्तरीय सरकारी अधिकारियों को परखने का मापदंड मानी जाती है ।

चीन की ठोस परिस्थिति के मद्देनजर चीन की केंद्रीय सरकार ने जातीय क्षेत्रों में स्वशासन , अल्पसंख्यक जातीय कार्यक्रताओं के प्रशिक्षण , अल्पसंख्यक जातीय भाषाओं व लिपियों के विकास और उन के धार्मिक विश्वास के सम्मान और संरक्षण जैसे क्षेत्रों में जातीय नीतियां निर्धारित की हैं । इन नीतियों का मूल सिद्धांत यह है कि जातीय समानता व एकता पर कायम रहकर सभी जातियों के समान विकास , समान खुशहाली और समान समृद्धि को मूर्त रुप दिया जायेगा ।

तानचंग लुनचू ने अंतर जातीय विवाह को लेकर हान व तिब्बती जातियों के बीच जातीय समानता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शादी विवाह किसी भी जाति में आदान प्रदान , समानता और एक दूसरे से प्रेम के आधार पर होना चाहिये । चीन सरकार द्वारा कार्यांवित जातीय समान नीति से हान व तिब्बती युवाओं के बीच शादी विवाह मामले बढ़ गये हैं । 

उन्होने इस की चर्चा में कहा कि 1992 के बाद खासकर 2001 के बाद इन दोनों जातियों के बीच शादियों की संख्या तेजी से बढ़ गयी है , पहले की दस , बारह जोड़ियों से बढ़कर 20 , तीस तक पहुंच गयी है ।

चीन एक बहुजातीय देश है । पिछले अनेक सालों में विभिन्न जातियों के बीच घनिष्ट आवाजाही , आपसी निर्भरता और आदान प्रदान से एक बहुपक्षीय स्थिति तैयार हो गयी है । तिब्बत प्राचीन काल से ही चीन का अभिन्न भाग रहा है , तिब्बत के विकास के लिये केंद्रीय सरकार ने अनेक बार तिब्बती मामलात पर संगोष्टियां बुलायीं और तिब्बत के लिये तेज विकास व चिरस्थायी सुरक्षा बनाये रखने की विकास रणनीति भी निर्धारित की है । तिब्बत का भविष्य और उज्जवल होगा ।

संदर्भ आलेख
आप की राय लिखें
सूचनापट्ट
• वेबसाइट का नया संस्करण आएगा
• ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा
• दस सर्वश्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन
विस्तृत>>
श्रोता क्लब
• विशेष पुरस्कार विजेता की चीन यात्रा (दूसरा भाग)
विस्तृत>>
मत सर्वेक्षण
निम्न लिखित भारतीय नृत्यों में से आप को कौन कौन सा पसंद है?
कत्थक
मणिपुरी
भरत नाट्यम
ओड़िसी
लोक नृत्य
बॉलिवूड डांस


  
Stop Play
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040