चीनी राष्ट्रपति हु चिनथाओ ने 1 जुलाई को जो महत्वपूर्ण भाषण दिया, उसपर भारत में उत्साहपूर्ण प्रतिक्रियाएं हुईं।विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने अलग-अलग तरीके से अपनी भावना प्रकट की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य हरी सिंह कांग ने 3 तारीख को नई दिल्ली में स्थित चीनी दूतावास द्वारा आयोजित एक संबंधित गतिविधि में भाग लेते हुए कहा , चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपनी स्थापना के बाद के 90 वर्षों में चीन लोगों की बुनियादी हितों के लिये निरंतर संघर्ष कर रही है। पिछले 90 वर्षों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने मार्क्सवाद के बुनियादी सिद्धांतों को चीन की वास्तविक स्थिति से मिलाकर मार्क्सवाद को चीनी विशेषता से संपन्न करने की कोशिश की है और बड़ी सफलता हासिल की।तथ्यों ने साबित किया है कि विश्व कम्युनिस्ट आंदोलन को सिद्धांत व व्यवहार में लगातार नवीनता लाने के साथ-साथ युग की मांग व जनता की अभिलाषा के अनुकूल नीतियां बनानी चाहिए। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस संबंध में एक अच्छा उदाहरण पेश किया है ।
भारत में उत्तर प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता पी.एन.राय ने 3 तारीख को हमारे संवाददाता को बताया, हु चिनथाओ का भाषण आम नागरिकों के ख्याल वाले सामाजिक सलावों पर बड़ा ध्यान देता है।मिसाल के लिए उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कम्युनिस्ट पार्टी के संघर्ष की महत्ता की खासी चर्चा की। उन का कहना है कि भ्रष्टाचार-विरोध का पार्टी के जीवन-मरण से संबंध है। इन वर्षों में आर्थिक विकास के साथ-साथ उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के सामने भ्रष्टाचार समस्या और गंभीर हो गयी है, जो इन देशों के विकास के लिये एक सबसे बड़ा खतरा बन गयी है। इसलिये चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा इस क्षेत्र में की गई कोशिश विश्व में भी बहुत महत्वपूर्ण है।
हमारे श्रोता अमेर अहमद ने बिहार से हमें पत्र भेजकर कहा ,चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के संघर्ष के कारण चीनी जनता को आजादी प्राप्त हुई है। चीन में समाजवादी व्यवस्था की स्थापना हुई है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व ने सफलतापूर्वक चीनी विशेषता वाले समाजवाद का मार्ग खोल दिया है। हु चिनथाओ का भाषण सीआरआई के माध्यम से विश्व में सभी जगह प्रसारित किया गया है और हमें विश्वास है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में चीनी जनता और ज्यादा रचनात्मक परिणाम प्राप्त करेगी।
अंजली