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चीन व अमरीका का एशिया प्रशांत मामला सलाह मशविरा समयानुकूल
2011-06-27 16:48:56

दोस्तो , चीन व अमरीका के बीच प्रथम एशिया प्रशांत मामला सलाह मशविरा 25 जून को अमरीका के हनोलूलू में हुआ । दोनों पक्षों ने आम परिस्थिति , एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी नीतियों , इसी क्षेत्र में चीन व अमरीका के बीच समझ और सहयोग तथा समान दिलचस्पी वाले क्षेत्रीय सवालों पर गहन रुप से विचारों का आदान प्रदान किया , दोनों पक्षों ने सलाह मशविरे का वातावरण मैत्रीपूर्ण , ईमानदार और रचनात्मक कहा । हाल ही में चीन और कुछ दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के बीच दक्षिण समुद्री मामलात को लेकर विवाद हुए , मौजूदा सलाह मशविरे ने चीन व अमरीका को सकारात्मक समझदारी बनाने और इसी क्षेत्रीय स्थिरता की हिफाजत में भूमिका निभाने के लिये बेहतरीन मौका प्रदान कर दिया है।

चीन अमरीका एशिया प्रशांत मामलात सलाह मशविरा तंत्र की स्थापना गत जनवरी में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ की अमरीका यात्रा में प्राप्त परिणाम को मूर्त रुप देने के लिये की गयी है । यह तंत्र गत 9 से 10 मई तक अमरीका के वाशिंगटन में हुए तीसरे चीन अमरीका रणनीतिक व आर्थिक वार्तालाप के दौरान स्थापित हुआ है , मकसद है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच तंत्रीकरण समझ व समन्वय , आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा दिया जाये । चीनी उप विदेश मंत्री छ्वी थ्येन खाई और अमरीकी सहायक विदेश मंत्री कुर्ट कम्वेल ने मौजूदा सहार मशविरे की सहाध्यक्षता की । वर्तमान में चीन व अमरीका के बीच 60 से अधिक वार्तालाप सलाह मशविरा व सहयोग तंत्र स्थापित हुए हैं ।

यह सलाह मशविरा बंद द्वार का है । चीन ने कहा है कि दोनों पक्षों का मानना है कि मौजूदा सलाह मशविरा सकारात्मक और लाभदायक है । दोनों पक्षों ने कहा कि वर्तमान एशिया प्रशांत की परिस्थिति आम तौर पर स्थिर है , आर्थिक विकास बरकरार रहा है , एशिया प्रशांत के विभिन्न देशों के बीच एक दूसरे का सहारा लगातार बढ़ता जा रहा है । वर्तमान एशिया प्रशांत की उम्दा स्थिति को बनाये रखना सभी पक्षों के हितों के अनुकूल है । एशिया प्रशांत में चीन व अमरीका के व्यापक समान हिस मौजूद हैं , इसी क्षेत्र की शांति , स्थिरता और विकास के लिये दोनों पक्षों पर भारी दायित्व भी हैं । दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि चीन अमरीका एशिया प्रशांत मामलात सलाह मशविरा तंत्र को मंच बनाकर इसी क्षेत्रीय परिस्थिति और अपनी नीतियों पर घनिष्ट सम्पर्क बना देंगे , समन्वय बनाकर सहयोग को विस्तृत कर देंगे . ताकि एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति , स्थिरता और समृद्धि को बनाये रखने के लिये सकारात्मक भूमिका निभाई जाये ।

अमरीकी मीडिया के अनुसार दक्षिण समुद्री सवाल मौजूदा सलाह मशविरे का केंद्र है । अमरीकी सहायक विदेश मंत्री कम्बेल ने अमरीकी मीडिया के सम्मुख बताते हुए कहा कि मौजूदा सलाह मशविरा खुला , ईमानदार और रचनात्मक है , जिस से एशिया प्रशांत में एक दूसरे का इरादा , नीति व कार्यवाही और अच्छी तरह समझी गयी है , आदान प्रदान के दृष्टिकोण फायदेमंद और फलदायक हैं । कम्बेल ने कहा कि अमरीका एशिया प्रशांत क्षेत्र के एक देश की हैसियत से इसी क्षेत्र की शांति , स्थिरता और समृद्धि बनाने , इसी क्षेत्र में नये आकार वाले साझेदार संबंध की खोज करने और एक शक्तिशाली चीन का समर्थन करने के लिये प्रयासरत है । अमरीका ने चीन से वार्तालाप के जरिये दक्षिण समुद्री क्षेत्र में विवादों को कम करने और विभिन्न संबंधित पक्षों के साथ वार्तालाप करने की अपील की ।

हाल ही में चीन और कुछेक दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के बीच दक्षिण समुद्री सवालों पर विवाद हुए हैं । ए एफ पी का विचार है कि दक्षिण समुद्री विवादों में अमरीका अपने दक्षिण पूर्वी एशियाई संश्रयकारियों के पक्ष में खड़ा हुआ है । अमरीकी न्युयार्क टाइम्स ने कहा कि हालांकि अमरीका ने दक्षिण चीनी समुद्र की प्रादेशिक भूमि से जुड़े विवादों को लेकर किसी पक्ष का पक्षपात नहीं किया है , पर अमरीका ने फिर भी विभिन्न संबंधित देशों से मतभेदों का शांतिपूर्ण रुप से समाधान करने की अपील की । रिपोर्ट के अनुसार अमरीकी विदेश मंत्री हिलारी ने गत वर्ष कहा था कि दक्षिण समुद्र में अमरीका का राष्ट्रीय हित मौजूद है , इस से चीन को यह चिन्ता हुई है कि कहीं अमरीका दक्षिण समुद्री प्रादेशिक भूमि के विवादों में हाथ न डाले । एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गत वर्ष में अमरीका और वियतनाम और अधिक विश्वसनीय व शक्तिशाली पेइचिंग से चिन्तित हुए हैं , इस से वाशिंगटन व वियतनाम के बीच सम्पर्क को मजबूत बनाने में नयी प्रेरक शक्ति का संचार हुआ है ।

अमरीकी राजनयिकों का मानना है कि एशिया में फिर वापसी रणनीति के एक भाग के रुप में दक्षिण चीनी समुद्री सवाल को लेकर अमरीका का रवैया सकारात्मक नजर आता है । पर अमरीका ने यह समझ भी लिया है कि दक्षिण समुद्री सवाल चीनी हित व चीन अमरीका संबंधों से संबंधित है, इसलिये अमरीका इसी मामले पर काफी सतर्क रहा है । चीन व अमरीका का समान विचार है कि दोनों देशों का समान हित मतभेदों से बड़ा है और एशिया प्रशांत क्षेत्र में मौका चुनौती से बड़ा भी है । एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन व अमरीका का बेहतर सम्पर्क और सहयोग दोनों पक्षों के सर्वांगीर्ण सहयोग का महत्वपूर्ण विषय है , यह न सिर्फ दोनों देशों के समान हितों को बढावा देगा, बल्कि एशिया प्रशांत , यहां तक कि सारी दुनिया की शांति , स्थिरता और समृद्धि को सुदृढ़ बनाने के लिये भारी महत्व भी रखता है । दोनों पक्ष तभी सहमति बढ़ाने और मतभेदों को कम करने में सफल होंगे , जबकि वे एक दूसरे के केंद्रीय हितों व चिन्ताओं का सम्मान करें और समान व सार्थक सलाह मशविरा करें । मौजूदा सलाह मशविरा एक सकारात्मक महत्व की शुरुआत माना जाता है , दोनों पक्ष सुविधाजनक मौके पर चीन में अगला सलाह मशविरा करने पर राजी हुए हैं ।

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