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यूरोपीय संघ नवोदित अर्थव्यवस्थाओं के उत्थान से सही बर्ताव करे
2011-05-18 16:29:42

यूरोपीय परिषद के स्थाई अध्यक्ष श्री हर्मन वेन रॉम्पाई इन दिनों चीन की यात्रा पर हैं। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष बनने के बाद यह उन की प्रथम चीन यात्रा है। लेकिन उन की मौजूदा यात्रा पर चीन और यूरोपीय संघ के बीच हुए व्यापारिक विवादों की साया मंडरा रही है। दरअसल, चीन और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार संबंध में आए तनाव को कम करने के लिए यूरोपीय संघ को नवोदित अर्थव्यवस्थाओं के उत्थान से सही बर्ताव करना चाहिए और चीन व यूरोप के बीच आर्थिक संबंधों में उत्पन्न असंतुलन को कम करने की कोशिश करनी चाहिए, ऐसा करना न केवल दोनों पक्षों के हित में है, साथ ही विश्व आर्थिक विकास के लिए भी लाभदायक होगा।

2006 में चीन के बारे में यूरोपीय संघ के एक दस्तावेज में स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि चीन यूरोपीय संघ की वैदेशिक व्यापार नीति के लिए सब से अहम चुनौती है, चाहे चीन हो अथवा यूरोपीय संघ, दोनों को चीन के आर्थिक उत्थान से फायदा मिलेगा। इन शब्दों से जाहिर है कि चीन के प्रति यूरोपीय संघ चिंतित भी हुआ है और उम्मीद भी बांधता है। यानिकि उसे चिंता है कि कहीं उस की अपनी श्रेष्ठता को आंच तो नहीं पहुंचे, साथ ही वह यह चाहता भी है कि नवोदित अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग से ज्यादा लाभ मिले।

सच तो यह है कि यूरोपीय संघ समझ गया है कि नवोदित देशों का विकास अबाध्य है। पिछले साल के सितम्बर में यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन में जारी एक विदेश नीति दस्तावेज में कहा जा चुका है कि यूरोप के सामने चुनौति पड़ी है, विश्व में शक्तियों की आजमाई बदल रही है और नए नए प्रतिद्वंद्वी अन्तरराष्ट्रीय मंच पर चढ़ते आ रहे हैं। किन्तु तथ्य मानने की बात अलग है और तथ्य से सही रूख अपनाने की बात अलग। अपने हितों से जुड़ने वाले सवालों पर यूरोपीय संघ में समग्र स्थिति के अवलोकन तथा ऊंची रणनीतिक दृष्टि की कमी है, इसी के कारण वहां व्यापार संरक्षणवाद का सिर फिर एक बार उठा। कुछ संरक्षणवादी कार्यवाहियों पर ऐसे मिथ्या आवरण भी लगाए गए है जो कार्बन सीमा शुल्क और हरित प्रदूषण कटौती के नाम दिए गए है। बेशक इस से चीन और यूरोप के बीच व्यापार में तनाव अवश्य बढ़ जाएगा।

श्री हर्मन. वेन रॉम्पाई की चीन यात्रा के पूर्व भी चीन और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार का जंग छिड़ा। 14 मई को यूरोपीय संघ ने चीन द्वारा निर्यातित ताम्र फलक कागज पर डंपिंग व सब्सीडी विरोधी चुंगी दर लगाई, इससे गैर बाजार अर्थव्यवस्था पर सब्सीडी विरोधी सीमा शुल्क नहीं लगाने के प्रचलित नियम को भंग कर दिया गया। लोग समझते हैं कि चीन के प्रति यूरोपीय संघ की व्यापारिक सहायता नीति बदल गयी है। दो दिन बाद, चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने यूरोपीय संघ से आयातित होने वाले आलू स्टार्च पर सब्सीडी विरोधी जांच करने का ऐलान किया।

यदि यूरोपीय संघ ने संपूर्ण और ठंडे दिमाग से चीन की व्यापारिक कार्यवाहियों का आकलन किया होता, तो चीन पर उस की यह आशंका नहीं पैदा हुई होती। असल में विश्व वित्तीय संकट परपने के बाद विश्व अर्थतंत्र मंदी में फंसा, किन्तु चीन में आर्थिक स्थिरता बनी रही और तेज विकास होता जा रहा, जिस ने विश्व अर्थतंत्र की बहाली के लिए बड़ा योगदान दिया और यूरोपीय देशों को भी लाभ मिला। यदि चीन जैसे नवोदित अर्थव्यवस्थाओं से समर्थन नहीं मिला होता, तो यूरोपीय देशों के निर्यात और अधिक सिकुड़ हुए होते और उन के आर्थिक विकास को और अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता। वर्तमान में यूरोपीय देश गंभीर कर्ज संकट से जूझ रहे हैं, उनको चीन ने दृढ समर्थन दिया है और यूरो जोन के बांड खरीदे हैं। और तो और, इधर के सालों में चीन यूरोपीय देशों के साथ व्यापार पैमेंट में अनुकूल संतुलन की कोशिश नहीं करता है और अपने देश में उपभोक्ता की वृद्धि को अपने देश की आर्थिक वृद्धि की प्रेरणा बनाता है। वेन रॉम्पाई से मुलाकात में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने कहा कि दोनों पक्षों को नयी ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहिए, विकास के नए आयामों का विकास करना चाहिए। यदि यूरोप उच्च विज्ञान व तकनीक व्यापार में चीन पर लगाई पाबंदियों को हटा ले, तो निस्संदेह, चीन और यूरोप के बीच व्यापारिक असंतुलन अधिक कम हो जाएगा।

श्री हर्मन. वेन रॉम्पाई ने अपनी चीन यात्रा के पूर्व प्रकाशित अपने एक लेख में कहा कि हमें बदलती जा रही दुनिया के अनुरूप होने की कोशिश करनी चाहिए, यूरोपीय संघ और चीन इस दौरान सहयोग के साझेदार हों, तभी हम एक साथ और अधिक काम कर सकेंगे। उन्हों ने ठीक ही कहा, नवोदित देशों का उभरना विश्व आर्थिक विकास की अनिवार्य धारा है, किसी भी देश या देशों के गुट को हमेशा के लिए विश्व आर्थिक विकास में असंतुलन की स्थिति बनाए रखने की नहीं कोशिश करनी चाहिए, नवोदित अर्थव्यवस्थाओं का उत्थान विश्व आर्थिक विकास के लिए हितकारी है, निश्चय ही यूरोपीय संघ को भी इस से फायदा मिलेगा।

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