दोस्तो , चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय ने हाल ही में चीन की विदेशी सहायता नामक श्वेत पत्र जारी किया , इस श्वेत पत्र में चीन की विदेशी सहायता की नीति , धनराशि , तौर तरीके , वंटवारे , प्रबंधन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारे में पूर्ण रुप से विवरण दिया गया । 26 अप्रैल को चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित न्यूज ब्रीफिंग में चीनी उप वाणिज्य मंत्री फू ची इंग ने पत्रकारों के सम्मुख कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान चीन सरकार अपने देश के आर्थिक व सामाजिक विकास की असली हालत के मद्देनजर संभवतः विदेशी सहायता देने में समुचित रुप से पूंजी बढा देगी ।
उप वाणिज्य मंत्री फू ची इंग ने कहा कि चीन विदेशी सहायता देने के तौर तरीके को बदलने में तेजी लाएगा । उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि चीन आइंदे में सहायता के विकासक्रम में तकनीकी स्तर को उन्नत करेगा , ताकि चीनी सहायतार्थ मुद्दों की निरंतरता को मजबूत बनाया जाये , साथ ही विदेशी सहायता के ढांचे को और अधिक सुनियोजित किया जाये और विदेशी सहायता देने में मुफ्त सहायता का अनुपात उन्नत किया जा सके ।
उन का कहना है कि हम संभवतः भारी कर्जदार देशों , अति अविकसित देशों और कुछ छोटे द्वीपीय देशों को सहायता देने का अनुपात बढा देंगे और सहायता प्राप्त देशों में विकास की क्षमता , निर्माण में पूंजी व सहातया बढा देंगे ।
फू ची इंग ने जोर देकर कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान चीन सरकार विदेशी सहायता की गुणवत्ता को प्राथमिकता पर देगी । उन्होंने कहा कि गुणवत्ता विदेशी सहायता , खासकर विदेशी सहायता परियोजनाओं के निरंतर विकास की कुंजी है । उन्होंने साथ ही कहा कि विदेशी सहायता के विकासक्रम में चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग व आदान प्रदान लगातार खोजने की पूरी कोशिश कर देगा ।
इसी संदर्भ में हमारे लिये यह जरूरी है कि विदेशी सहायता के विकास में अंतर्राष्ट्रीय आदान प्रदान को बढावा दिया जाये , अंतर्राष्ट्रीय समुदाय , अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय संस्थाओं और अन्य देशों के कुछ समुन्नत व असरदार सहायता तौर तरीकों से सीखा जाये , ताकि हमारी विदेशी सहायता की प्रणाली , तौर तरीकों और नीतियों व कदमों को लगातार संपूर्ण बनाया जा सके ।
चीन की विदेशी सहायता दक्षिण दक्षिण सहयोग के दायरे में है और विकासशील देशों के बीच एक दूसरे की मदद की गिनती में आती है । चीन की विदेशी सहायता नीति का मूल विषय यह है कि सहायता प्राप्त देशों को स्वतंत्र रुप से विकास करने की अपनी क्षमता को बढाने में मदद दिया जाये और किसी राजनीतिक शर्त के बिना समानता , पारस्परिक लाभ और समान विकास के आधार पर यथोचित रुप से सहायता दी जाए ।
वर्तमान में चीन मुख्यतः कम आय वाले विकासशील देशों को सहायता देता है , जिन में सब से ज्यादा गरीब जनसंख्या वाले एशिया व अफ्रीका इन दोनों क्षेत्रों को चीन की 80 प्रतिशत सहायता प्राप्त हो गयी है ।
चीन की विदेशी सहायता पूंजी तीन प्रकार की है यानी मुफ्त सहायता , ब्याज मुक्त कर्ज और उदार कर्ज वाली सहायता ही है । चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय ने 21 अप्रैल को जारी चीन की विदेशी सहायता नामी श्वेत पत्र में कहा है कि 2009 के अंत तक चीन ने विदेशी सहायता देने में कुल 2 खरब 56 अरब 20 करोड़ चीनी य्वान से अधित धन राशि जुटाई है , जिन में एक खरब 60 अरब 20 करोड़ चीनी य्वान मुक्त सहायता में दिया गया है , जबकि ब्याज मुक्त कर्ज 76 अरब 50 करोड़ से अधिक चीनी य्वान तक पहुंच गया है ।