अब से नाभिकीय रिसाव के पूरी तरह काबू में आने तक जापान के फुकुशिमा दाइची नाभिकीय संयंत्र में रेडियोधर्मी पदार्थों की मात्रा व्यापक तौर पर नहीं बढ़ेगी। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के उप महानिदेशक डेनिस फ्लोरी ने 19 अप्रैल को एक न्यूज़ ब्रीफिंग में उक्त बात कही।
उन्होंने कहा कि हालांकि वर्तमान में नाभिकीय संयंत्र में रेडियोधर्मी पदार्थों का रिसाव कम स्तर पर है, और उसकी मात्रा कम हो रही है। अनुमान है कि कुल मात्रा में वर्तमान स्थिति की तुलना में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। उधर जापानी राष्ट्रीय उद्योग तकनीक अनुसंधान केंद्र यानी एआइएसटी ने 20 अप्रेल को ऐलान किया कि जांच से पता चला कि फुकुशिमा दाइची नाभिकीय संयंत्र के रेडियोधर्मी पदार्थों से स्थानीय भूमिगत जल पर कम असर पड़ेगा।
इस अनुसंधान केंद्र के सर्वेक्षण से पता चला कि नाभिकीय संयंत्र के सौ मीटर के दायरे में भूमि सतह के नीचे पांच मीटर मिट्टी व कंकड़ का स्तर है, इसके नीचे चट्टान है, जिसे पानी मुश्किल से पार कर सकता है, कुछ स्थलों में चट्टान स्तर की गहराई 20 मीटर होती है। इस तरह नाभिकीय संयंत्र का रेडियोधर्मी पदार्थ वर्षा के साथ भूमि में प्रवेश करने के बावजूद गहरे भूमिगत स्थल पर नहीं पहुंच सकता। अनुसंधान केंद्र का विचार है कि रेडियोधर्मी पदार्थ सिर्फ़ भूमि सतह के नीचे कई मीटर की मिट्टी को प्रदूषित करता है, ऐसे में भूमिगत जल व्यापक तौर पर प्रदूषित नहीं हो सकता।
(श्याओ थांग)