चीन का थुंग शहर आन ह्वी प्रांत का प्राचीन शहर है। 18 वीं शताब्दी में शुरू होने वाली चीनी साहित्य जगत की 200 साल पुरानी सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली साहित्यिक शाखा थुंग छंग शाखा का प्रादुर्भाव भी इसी शहर में हुआ था। इसलिए इस शहर को साहित्य की राजधानी के नाम से भी पुकारा जाता है। आज तक भी यहाँ पर साहित्य और इतिहास की झलक चारों तरफ मौजूद है। यह शहर अपनी गलियों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है जिनमें पतली गली, छिएन शांग गली, शुआंग चिंग गली, चियांग श्वे गली आदि बहुत मशहूर हैं लेकिन इन सब गलियों में छ फुट वाली गली सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।
यह गली 100 मीटर लंबी और 2 मीटर चौड़ी है। गली का पथ पत्थरों से बना है। इस गली के बारे में एक बहुत ही दिलचस्प कहानी प्रचलित है। छिंग राजवंश के खांग शी(1654-1722) सम्राट के दरबार में चांग यिंग नामक एक अधिकारी था। एक बार उसके परिवार वाले नया घर बनाना चाहते थे लेकिन पड़ोसी से जमीन को लेकर विवाद हो गया। उनके परिवार वालों ने चांग यिंग को पत्र लिखा और कहा कि वह खुद आकर इसका फैसला करे। लेकिन उन्होंने पत्र का जबाव देते हुए लिखा कि सिर्फ एक दीवार के लिए तुमने दूर हजार मील से मुझे पत्र भेजा है, अगर दोनों पक्ष एक दूसरे को तीन फुट जमीन दे देंगे तो इसमें किसी का नुकसान नहीं होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि चीन की लंबी दीवार अभी भी मौजूद है लेकिन उसे बनाने वाले सम्राट छिन शहोंग कब ही नहीं रहे। उनका मतलब बिल्कुल साफ था। बाद में जब यह पत्र उनके परिवारवालों को मिला तो दोनों परिवारों ने तीन-तीन फुट जमीन छोड़ी जो लगभग दो मीटर के बराबर है। यही गली बाद में छ फुट गली के नाम से प्रसिद्ध हो गया। तब से लेकर आजतक थुंग शहर में चांग यिंग परिवार का यह किस्सा बच्चे-बूढे सभी के जबान पर छा गया। 1956 में जब माओ त्स तुंग चीन स्थित रूसी राजदूत से मिले तो उन्होंने विशेष तौर पर यह कहानी सुनाकर दोनों देशों के संबंध को आगे बढाने के लिए रियायत देने की सलाह दी थी।
थुंग शहर में दो छोटी नदियों के संगम पर चांग यिंग ने एक कुटिया का निर्माण किया था। इस कुटिया के द्वार पर एक आलेख लिखा हुआ है। इस आलेख का मूल सारांश है कि मेहनत और किफायत जहाँ परिवार चलाने का मूल मंत्र है वहीं शांति और सहयोग सुखी परिवार का आधार है। उन्होंने मेहनत और किफायत तथा शांति और सहयोग पर काफी बल दिया है। जिसका मतलब है कि मेहनत, किफायत, शांति और सहयोग प्राचीन समय से चली आ रही चीनी सभ्यता का मूलमंत्र है। यहाँ के संग्रहालय के प्रबंधक श्री चांग त्स कुओ, चांग यिंग के तेरहवीं पीढी के संतान हैं। उन्होंने कहा कि छ फुटा गली का यहाँ होना कोई संयोग की बात नहीं है। चीन के कन्फ्यूशियस धर्म का यहाँ पर बहुत प्रभाव रहा है क्योंकि कन्फ्यूशियस भी शांति, सहयोग आदि की बात को बढावा देता है।
उन्होंने कहा कि हमारी जानकारी सीमित है इसलिए अब हम जब थुंग शहर की संस्कृति की बात करते हैं तो केवल थुंग छंग शाखा की चर्चा की जाती है। वास्तव में इस शहर की संस्कृति का इतिहास हजार साल पुरानी है, जिस में अनगिनत माइने निहित है। वर्तमान में हमलोगों ने अपनी जानकारियों के आधार पर इसका नामकरण किया है। अगर हमलोग छिंग राजवंश के शुरूआती काल की बात करें तो चांग परिवार और वू परिवार के बीच गली के लिए तीन तीन फुट जगह देने की कहानी निसंदेह इस शहर के नैतिक मूल्यों से जुड़ी हुई है।
छ फुटा गली थुंग शहर की पश्चिमी सड़क और पांच बीघा बगीचे के बीच स्थित है। लेकिन उस समय के चांग परिवार और वू परिवार के घर में अब सिर्फ वू परिवार के एक मंडप का अवशेष ही बचा हुआ है। अब छ फुटा गली के दोनों तरफ आन ह्वी प्रांत का सैनिक अस्पताल बनाया गया है। इस अस्पताल के निदेशक चु वांग पाओ संवाददाता को एक बेर के पेड़ के पास ले गए। यह वही पेड़ है जिसे चांग यिंग ने खुद अपने हाथों से रोपा था। श्री चु ने कहाः
यह बेर का पेड़ चांय यिंग मंत्री का था । इसके एक तरफ चांग परिवार तो दूसरे तरफ वू परिवार था। वसंत आने पर इस पेड़ पर बहुत फूल खिलते हैं। पेड़ों पर पत्ते निकलते हैं उसके बाद इस पेड़ पर खूब फल निकलते हैं।
पिछली शताब्दी के 80 वाले दशक में छ फुटा गली के संरक्षण पर विभिन्न स्तरीय सरकारों का ध्यान गया। 1985 में थुंग शहर की सरकार ने इस गली को सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया। 1993 में आन ह्वी प्रांतीय सरकार के संबंधित विभाग ने विशेष कारीगरों को भेजकर इस गली की मरम्मत करवायी। 1999 में थुंग शहर की स्थानीय सरकार ने एक बार फिर इस गली के जीर्णोद्धार के लिए अनुदान दिया। थुंग संग्रहालय के उपनिदेशक चांगजी ने परिचय देते हुए कहाः
आप जिस छ फुटा गली को देख रहे हैं उस की वर्ष 2002 में मरम्मत की गयी थी। हमने उसके मूल आधार पर एक बार फिर से नया छ फुटा गली का निर्माण किया। अब भी इस गली की चौड़ाई 6 फुट ही है। हमने इस गली के पुराने रिकार्ड के आधार पर इसकी चौड़ाई, इसके आकार और साम्रगियों के आधार पर इसको मूल रूप में वापस लाने की कोशिश की है। छ फुटा गली पुराने जमाने में भी हमारे शहर को जोड़ने वाली एक गली थी। इसकी मरम्मत के बाद यह गली एक बार फिर से मुख्य गली बन गई है।
अब इस छ फुटा गली के चारों तरफ विभिन्न प्रकार के कई वास्तुकृतियां की गयी हैं जैसे दो प्राचीन स्तम्भ, तोरण, एक बड़ा मनोरंज मैदान, एक ऐसी भित्ति जिसपर कई कविताएं अंकित हैं आदि देखने को मिलते हैं। अब यह जगह एक स्वतंत्र पर्यटन स्थल के रूप में परिवर्तित हो गया है और रोज रौनक छाया रहता है।
एक लिपिकार जिनका नाम चोउ कुओ लियांग है, जो इसी जगह पले-बढे हैं, वे इस स्थल के विभिन्न परिवर्तन के साक्षी हैं। उन्हों ने चर्चा में कहाः
मैं बचपन में इसी जगह पैदा हुआ था। अगर सटीक रूप से कहें तो मैं इसी मंत्री आवास में पैदा हुआ था। उस समय यहाँ पर बहुत सारे पुराने मकान थे। जो एक अनेक कतारों में खड़े सजे थे। मैं जिस मकान में रहता था वह बहुत उँचा था। उसके दीवारों पर तरह-तरह की नक्काशी के काम थे। ऐसा लग रहा था जैसे वह एक बड़ा प्रांगण हो।
छ फुटा गली के बारे चर्चा करते हुए थुंग शहर के पार्टी सचिव वांग छियांग ने कहाः
मेरी नजरों के सामने इस छ फुटा गली में परिवर्तन हुआ है। इसे इस लायक बनाया गया है कि लोग यहाँ पर आनंद उठा सकें, इसे अनुभव कर सकें और इसके इतिहास के बारे में सोच सकें।
इस जगह पर स्थित सेना अस्पताल के निदेशक वू जी ने परिचय देते हुए कहा कि हम लोग इस जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित होने की तैयारी कर चुके हैं। जिस से यह जगह पूरी तरह ऐतिहासिक विरासत के रूप में बहाल की जाएगी।
थुंग शहर की विकास योजना के बारे में पार्टी सचिव वांग छियांग ने परिचय देते हुए कहा कि वे इस पुराने शहर में प्राचीन काल की स्मृतियों को जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन का कहना हैः
खांग शी सम्राट के शासन काल के थुंग शहर के मानचित्र के अनुसार इस शहर का पुराना खाका अभी भी सुरक्षित है। इसलिए हमलोग इस शहर के पुराने ढांचे को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं। जिससे आगे चलकर लोग इस जगह का अवलोकन कर सकें। इस स्थल पर जन्म लेने वाले थुंग साहित्यिक शाखा के बारे में शोध कर सकें।
आन ह्वी प्रांत की छ फुटा गली शायद चीन की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति की एक झलक है। यह गली शायद चीन के प्राचीन दर्शन शास्त्र में उल्लेखित शांति और मेल मिलाप का द्योतक है। इस गली का ऐतिहासिक महत्व इस में नहीं है कि उस की चौड़ाई छ फुट है, बल्कि इस का महत्व यह है कि इसकी चौड़ाई चीन के लोगों के बीच मेल मिलाप, शांति, सहयोग का एक गवाह है।