श्रोता दोस्तो , बओ एशिया मंच का 2011 वार्षिक सम्मेलन 15 अप्रैल को चीन के हाईनान प्रांत के बओ शहर में उद्घाटित हुआ , चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ , रुसी राष्ट्रपति मेडवेडेव , ब्राजिल की राष्ट्रपति रुस्सेफ , दक्षिण अफ्राका के राष्ट्रपति जुमा , कोरिया गणराज्य के प्रधान मंत्री किम ह्वांग सीक , स्पेन के प्रधान मंत्री जापाट्रो और युक्रेन के प्रधान मंत्री अजारोफ ने उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए सहनशील विकास पर अपना विचार व्यक्ति किया ।
बओ एशिया मंच 2001 में स्थापित हुआ , तब से लेकर आज तक दस साल हो गये हैं । पिछले दस सालों में बओ एशिया मंच ने एशियाई सहमति जुटाने , एशियाई आवाज उठाने और एशियाई सहयोग को बढावा देने में अहम भूमिका निभाई है , अब वह विश्व के प्रभावशाली आर्थिक मंचों की गिनती में आ गया है। 2011 वार्षिक सम्मेलन का मुद्दा सहनशील विकास ही है । विश्व के विभिन्न क्षेत्रों से आये राजनेताओं , उद्योगपतियों , प्रसिद्ध विद्वानों , अतंर्राष्ट्रीय संगठनों व गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों समेत एक हजार चार सौ ज्यादा लोग इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं ।
चीनी राष्ट्रध्यक्ष हू चिन थाओ ने आज अपने भाषण में एशिया के समान विकास को बढाने और सामंजस्यपूर्ण एशिया की स्थापना करने के बारे में पांच सूत्रीय सुझाव पेश किये हैं यानी विविधतापूर्ण संभ्यताओं का सम्मान कर अच्छे पड़ोसियों जैसे मैत्रीपूर्ण संबंध को बढावा दिया जाये , विकास के फारमूले को बदलकर समान सुरक्षा को मजबूत किया जाये , विकास के मौके का फायदा उठाकर नाना प्रकार वाली चुनौतियों का मुकाबला किया जाये , मतभेदों को ताक पर रखकर समानता की खोज कर समान सुरक्षा बनाये रखी जाये और पारस्परिक लाभ व समान जीत का समर्थन कर क्षेत्रीय सहयोग को गहराई में लिया जाये । उन्होंने विशेष तौर पर कह दिया है कि एशियाई देशों के लिये यह जरूरी है समाग्र आर्थिक नीति को समन्वित बनाकर समान हित का लगातार विस्तार किया जाए और सभी क्षेत्रीय सदस्य देशों के समान विकास को बढावा दिया जाये ।
उन का कहना है कि चुनौतियों का समान रुप से मुकाबला करने और विकास के सुफलों का सभी क्षेत्रीय देशों को उपभोग करने देने के लिये बड़े देशों को छोटे देशों की मदद करना , अमीर देशों को गरीब देशों को सहायता देना चाहिये , ताकि एशियाई जनता का जीवन अधिक सुखी हो सके ।
हू चिन थाओ ने कहा कि तथ्यों से पूर्ण रूप से साबित हो गया है कि चीन का विकास व खुशहाली एशिया से अगल नहीं हो सकती , जबकि एशिया का विकास व समृद्धि चीन से अलग भी नहीं हो सकती । उन्होंने कहा कि चीन हमेशा से एशिया को अपनी विदेश नीति की प्राथमिकता पर देता रहेगा , अच्छे पड़ोसियों जैसे मैत्रीपूर्ण राजनयिक सिद्धांत अपनाकर विभिन्न एशियाई देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध व सहयोग और आपसी समझदारी व विश्वास मजबूत को वढ़ावा देगा ।
हू चिन थाओ ने कहा कि आगामी पांच सालों में चीन बाहर जाने वाली रणनीति पर कायम रहकर नाना प्रकार वाले कारोबारों को दूसरे देशों में पूंजी लगाने के लिये प्रोत्साहन देगा , हम एशिया व नवोदित बाजार देशों में और ज्यादा पूंजी लगा देंगे , साथ ही एशिया के विकासशील देशों को आर्थिक सहायता को बढा देगा ।
रुसी राष्ट्रपति मेडवेडेव ने अपने भाषण में अर्थतंत्र के संतुलित विकास के लिये एशिया प्रशांत क्षेत्रीय देशों से आर्थिक एकीकरण प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की । उन्हों ने कहा कि बओ एशिया मंच के 2011 वार्षिक सम्मेलन के सहनशील विकास वाले मुद्दे का भारी महत्व है ।
सहनशील विकास को मूर्त रुप देने के लिये यह जरूरी है कि अंतर्राष्ट्रीय संबंध के लोकतांत्रिकरण को बढावा दिया जाये , नयी युक्तिसंगत व्यवस्था की स्थापना की जाये ।
ब्राजिल की राष्ट्रपति सुश्री रुस्सेफ ने अपना भाषण देते हुए कहा कि विकासशील देशों में बहुत ज्यादा लोग गरीबी से जूझ रहे हैं , इसलिये मद्रास्फीति की रोकथाम करने के चलते आर्थिक वृद्धि व सहनशील विकास को बखूबी अंजाम देना भी अत्यावश्यक है । उन्होंने कहा कि सहनशील विकास किये बिना विश्व आर्थिक वृद्धि बनाये रखना असम्भव ही नहीं , अस्थिर भी है ।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जुमा ने भाषण में कहा कि मौजूदा मंच के सहनशील विकास वाले मुद्दे से जाहिर है कि भूमंडली आर्थिक विकास एक कुंजीभूत दौर में प्रविष्ट हो गया है । उन का मानना है कि विकासशील देशों को सतत विकास और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग मजबूत बनाना चाहिये ।
विकासशील देशों का पुनरुत्थान ध्यानाकर्षक तो है , पर कुछ देश इस पर काफी चिन्तित भी हैं । इसलिये विकासशील देशों को समान रुप से मौके व चुनौति का मुकाबला कर सतत विकास , जलवायु परिवर्तन , ऊर्जा सुरक्षा , व्यापार व वित्त आदि क्षेत्रों में सहयोग को सुदृढ़ बनाना की जरूरत है ।
अब सहलशील विकास को लेकर सम्मेलन के हिस्सेदार अनेक ग्रुपों में बटकर जोशपूर्ण रूप से विचार विमर्श करने में जुटे हुए हैं ।