ब्रिक्स देशों की तीसरी शिखर वार्ता 14 अप्रैल को चीन के हाईनान प्रांत के सानया शहर में हुई । वार्ता में पारित सानया घोषणा पत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स देशों के नेता सहयोग के राजनीतिक इरादे को ठोस कार्यवाही का रुप देने को संकल्पबद्ध हैं । चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने वार्ता में कहा कि शांतिपूर्ण , सुरक्षित और समृद्धिशाली 21वीं शताब्दी की स्थापना में विभिन्न पक्षों के लिये यह जरूरी है कि विश्व शांति व स्थिरता को बनाये रखा जाये , सभी देशों के समान विकास , अंतर्राष्ट्रीय आदान प्रदान व सहयोग को बढावा दिया जाय़े और ब्रिक्स देशों के समान विकास के साझेदार संबंध को मजबूत बनाया जाये ।
पांच ब्रिक्स देशों के नेताओं ने जारी सानया घोषणा पत्र में कहा कि ब्रिक्स अर्थ , वित्त और विकास के क्षेत्रों पर वार्तालाप व सहयोग करने का विभिन्न सदस्य देशों का महत्वपूर्ण मंच है । घोषणा पत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स देशों के सहयोग की मजबूती व सभी सदस्य देशों की जनता की भलाई , नेताओं द्वारा कार्यवाही कार्यक्रम के निर्माण , मैत्रीपूर्ण शहरों की स्थापना , स्वास्थ्य अधिकारियों के सम्मेलन और आर्थिक व व्यापारिक अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में सहयोग का उल्लेख किया गया है ।
वार्ता की समाप्ति पर पांच देशों के नेताओं ने साथ मिलकर देशी विदेशी पत्रकारों से भेंट की । चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने कहा कि ब्रिक्स देशों की वार्तालाप व सहयोग विभिन्न सदस्य देशों व अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समान हित से मेल खाता है । वार्ता में हिस्सेदार नेताओं को विश्वास है कि ब्रिक्स देशों का सहयोग व साझेदार संबंध लगातार मजबूत होगा , सहयोग का दायरा निरंतर विस्तृत किया जायेगा और सहयोग के विषय भी और अधिक विविधतापूर्ण होंगे ।
चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने अपने भाषण में कहा कि विश्व के बहुध्रुवीकरण व आर्थिक भूमंडलीकरण के विकास की पृष्ठभूमि तले शांति , विकास और सहयोग की युग धारा और अधिक तीव्र हो गयी है , भूमंडलीय आर्थिक सुधार और उभरते देशों व विकासशील देशों के बोलने वाले अधिकार व प्रतिनिधित्व की मजबूती विश्व की चिरस्थायी शांति , और समान समृद्धि के लिये लाभदायक है ।
ब्राजिल की राष्ट्रपति डिल्मा रुसेफ ने कहा कि वार्ता में नेताओं का समान विचार है कि ब्रिक्स देशों का सहयोग किसी तीसरे देश के बजाये वैश्विक बंदोबस्त के सुधार को वढावा देने के लिये है । जी बीस की स्थापना ठीक इसी तकाजे की अभिव्यक्ति ही है । हमें उम्मीद है कि जी बीस के ढांचे तले संबंधित सवालों को लेकर आपसी समन्वय बनाया जायेगा और विकासशील देशों के चिन्तित मामलों पर वार्तालाप किया जायेगा ।
वार्ता में विभिन्न सदस्य देशों के नेताओं ने कहा कि ब्रिक्स देश विश्व आर्थिक पुनरुत्थान के लिये सकारात्मक योगदान कर चुके हैं और वे वैश्विक अर्थतंत्र में पुरजोर , अनवरत और संतुलित वृद्धि को बढावा देंगे । दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जुमा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका अफ्रीकी महा द्वीप की अहम आर्थिक कम्युनिटी है और वह अन्य ब्रिक्स देशों और अफ्रीकी देशों के बीच सहयोग का अहम पुल बनेगा । इस के अलावा उन्होंने वैश्विक बंदोबस्त के सुधार की चर्चा में कहा विश्व आर्थिक व्यवस्था को और अधिक निष्पक्ष व संतुलन बनाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्ववस्था के सुधार को समान रुप से बढावा देना अत्यावश्यक है ।
सानया घोषणा पत्र में जोर देते हुए कहा कि ब्रिक्स देश बहुपक्षीय राजनय को बढावा देने और भूमंडलीय चुनौति व खतरे के मुकाबले में संयुक्त राष्ट्र संघ की केंद्रिय भूमिका का समर्थन करने को तैयार हैं । साथ ही वार्ता में वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय हाँट मामलों पर मतैक्य प्राप्त हो गया है । रुसी राष्ट्रपति मेडवेडेव ने कहा वार्ता में विभिन्न देशों के नेताओं ने कृषि उपजों के उतार चढाव दामों पर ध्यान दिया है और इसे होने वाली जी बीस की गाना शिखर बैठक में शामिल करने का फैसला कर लिया है । नेताओं का विचार है कि राजनीतिक व राजनयिक माध्यमों के जरिये लीबियाई सवाल का समाधान किया जाना चाहिये ।
भारत के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि विभिन्न देशों के नेताओं का समान विचार है कि सभी देशों की राजकीय प्रभुसत्ता , प्रादेशिक अखंडता और स्वाधीनता का आदर करना जरूरी है । उन्होंने अन्य ब्रिक्स देशों के नेताओं का 2012 में आगामी भारत में ब्रिक्स देशों की शिखर वार्ता में भाग लेने का स्वागत करते हैं ।