फुकुशिमा दायची परमाणु संयंत्र के रिसाव खतरे का स्तर 7 तीव्रता तक बढ़ा दिया गया है। जापान सरकार ने 12 अप्रैल को यह बात कही।
जापानी अर्थव्यवस्था मंत्रालय के परमाणु ऊर्जा सुरक्षा गार्ड्स कोर्टयार्ड ने रिपोर्ट दी कि फुकुशिमा दायची परमाणु संयंत्र से वायु में विकिरण रिसाव की मात्रा 370 लाख हज़ार करोड़ बेकरल तक पहुंच चुकी है, जबकि अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का अनुमान है कि यह मात्रा 660 लाख हज़ार करोड़ बेकरल तक पहुंची गई है। हालांकि दोनों संगठनों का अलग-अलग अनुमान है, लेकिन रिसाव खतरे की 7 तीव्रता से ज़्यादा है। हालांकि विकिरण की मात्रा सिर्फ 1986 में सोवियत संघ के चेरनोबिल परमाणु संयंत्र घटना का दसवां भाग है, लेकिन विकिरण कब तक समाप्त होगा, इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं है।
गौरतलब है कि जापानी शिक्षा, संस्कृति, खेल, विज्ञान व तकनीक मंत्रालय ने 12 अप्रैल को घोषणा की कि फुकुशिमा दायची परमाणु संयंत्र से 30 किलोमीटर की दूरी पर ज़मीन व पौधों में पहली बार स्ट्रोंटियम 89 व 90 का पता चला, लेकिन इसका लोगों के स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार जापान में जबरदस्त भूकंप आने के बाद भी लगातार झटके महसूस किए गए। 12 अप्रैल को छिपा केन व फुकुशिमा केन में 6.3 तीव्रता वाला भूकंप आया, जिससे परमाणु संयंत्र की मरम्मत के काम में बाधा पहुंच रही है।
(ललिता)