भारतीय परमाणु ऊर्जा प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय परमाणु सुरक्षा विशेषज्ञ गोपालकृष्णन ने कहा कि जापान में हुए भूकंप से न्यूक्लियर बिजली घर को भारी नुकसान हुआ है जिससे संभवतः गंभीर न्यूक्लियर सुरक्षा घटना पैदा होगी। भारत को इस घटना से सबक लेना चाहिए और अपनी वर्तमान परमाणु ऊर्जा के विकास कार्यक्रम की पुन: समीक्षा करनी चाहिए।
गोपालकृष्णन ने 13 मार्च को नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि भूकंप से जापान के न्यूक्लियर बिजली घर में सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है जिसके कारण सारी दुनिया में व्यापक खौफ पैदा हो गया है। भारत ने परमाणु ऊर्जा का महात्वाकांक्षी विकास कार्यक्रम बनाया था। लेकिन परमाणु सुरक्षा से जुड़े सवालों पर ध्यान नहीं दिया गया। इस कार्यक्रम के अनुसार भारत विदेशों से 21 परमाणु रिएक्टर की खरीददारी करेगा। लेकिन इस से संबंधित सुरक्षा व्यवस्था स्थापित नहीं हुई है। इसलिए न्यूक्लियर बिजली घरो में सुरक्षा घटना पैदा होने पर भारतीय न्यूक्लियर बिजली घर के प्रबंधन व तकनीक के सामने चुनौतियों का अंबार खड़ा हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जापान में हुई इस परमाणु सुरक्षा घटना से भारत को यह सबक भी लेना चाहिए कि बड़े पैमाने पर न्यूक्लियर बिजली घर की स्थापना नहीं की जानी चाहिए। और साथ ही यह सुनिश्चित होना चाहिए कि न्यूक्लियर बिजली घर में अपने देश के प्रबंधकों के पास विदेशी समुन्नत परमाणु रिएक्टर के बारे में पर्याप्त तकनिकी जानकारी है। (मीनू)