हर वर्ष के शुरु व अंत में उत्तर पूर्वी चीन के सुंग नन्न मैदान स्थित चा लुंग राष्ट्रीय स्तरीय प्राकृतिक संरक्षित क्षेत्र बड़ी तादाद में पर्यटकों को आकर्षित करता रहता है । चा लुंग प्राकृतिक संरक्षित क्षेत्र में कदम रखते ही सौ से अधिक लाल सिर वाले बगुआ आकाश में मंडराते हुए दिखाई देते हैं । हांगकांग से आये फोटोकार ली फिंग पिछले सालों में फोटो खिंचने कई बार यहां आ चुके हैं । इस बार वे अपने कई दोस्तों के साथ फिर आये हैं ।
शुरु में मैं ने सुना कि यहां पर बर्फीले मौसम में बगुआ का प्रदर्शन देखा जा सकता है । बाद में मौका मिलकर यहां आया , यहां का प्राकृतिक दृश्य वाकई बहुत सुंदर है। और तो और हर वर्ष में छुड़ाने वाले बगुओं की संख्या बढ जाती, इस बार सौ से ज्यादा बगुआओं की उड़ानों का दृश्य बहुत भव्यदार लगता है । विशेषकर मोटी मोटी बर्फ पर जो प्यारे बगुएं बड़े आराम से चलते फिरते दिखाई देते हैं , उन का दृश्य सचमुच प्रकृति व जीवों का सामंजस्यपूर्ण सौंदर्य ही कहा जा सकता है ।
बगुओं की उड़ाने चा लुंग संरक्षित क्षेत्र में सब से ध्यानाकर्षक क्षण माना जाता है । ऐसे मौके पर बगुआ पालने वाले पालक जब पिंजरा खोलते हैं , तो 1.5 मीटर लम्बे लाल सिर वाले बगुएं मांडल की तरह एक के बाद एक बाहर निकलते हैं । फिर शून्य के नीचे 20 सेलसियल डिग्री की सर्दियों में ये बगुएं धीमी गति से चलते चलते अचानक तेजी से नीले आसमान में उड़ने लगते हैं । ये बगुएं ऊपर आकाश पर बड़े सुव्यवस्थित रुप से लाइन में उड़ते हुए नजर आते हैं , मानो वे बड़ी तादाद में पर्यटकों को अभिवादन दे रहे हो । यह अजीब स्थिति देखकर पर्यटक भी अत्यंत प्रभावित होकर वाहवाही किये बिना नहीं रह सकते ।
हर वर्ष में हम इस मौके की प्रतीक्षा करते हैं , यह स्थल ही नहीं , बगुएं भी बहुत आकर्षित हैं ।
बहुत सुंदर है , पहली बार लाल सिर वाले बगुएं देख लिये हैं ।
बड़ा अच्छा लगता है , टी वी पर दिखाई देने वाले दृश्य से फर्क है , बहुत पसंद आया ।
इसी किस्म वाले लाल सिर वाले बगुएं अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक संरक्षण संघ ने विलुप्त पक्षी घोषित किये हैं , अब सारी दुनिया में उन की संख्या दो हजार से कुछ ज्यादा रह गयी है । जबकि हर वर्ष में छीछीहार के चा लुंग राष्ट्रीय स्तरीय प्राकृतिक संरक्षित क्षेत्र में आने वाले जंगली लाल सिर वाले बगुओं की संख्या कोई चार सौ से अधिक है । चा लुंग दलदल मैदानी क्षेत्र में बहुत नमी है , अंगिनत झीले एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं , जिन में घने ईख उगे हुए हैं , इस क्षेत्र का प्राकृतिक वातावरण जलीय पक्षियों के लिये अत्यंत अनुकूल है , साथ ही लाल सिर वाले बगुआओं की सुंदर जन्मभूमि कहा जा सकता है । इसीलिये छीछीहार शहर बगुआ शहर के नाम से जाना जाने लगा ।
लाल सिर वाले बगुएं वसंत व गर्मियों में दक्षिण से उत्तर की ओर उड़ते हैं , जबकि शरद व सर्दियों में उत्तर से दक्षिण की ओर उड़ जाते हैं । उत्तर पूर्व चीन के हेलुंगच्यांग प्रांत के छीछीहार चा लुंग राष्ट्रीय स्तरीय प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों ने लाल सिर वाले बगुओं पर अनुसंधान किया और चीन में प्रथम खेप में ऐसे दुर्लभ लाल सिर वाले बगुओं , जो स्थिर रुप से इस संरक्षण क्षेत्र में बसने के आदी हैं , को पालित किया है । वर्तमान में मानवकृत पोषित लाल सिर वाले बगुओं की संख्या लगभग तीन सौ हो गयी है । हेलुंगच्यांग प्रांत के चा लूंग राष्ट्रीय स्तरीय प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र के प्रबंधन ब्यूरो के उप प्रधान ली छांग यो ने कहा कि मानवकृत पोलित लाल सिर वाले बगुएं विस्थापित करने की आदत बदलकर स्थिर रुप से इस बर्फीले स्थल में रहने के आदी हो गये हैं , जिस से विशाल पर्यटकों को सर्दियों में लाल सिर वाले बगुआ की सुंदर छवि देखने को मिलती है ।
अब यहां आने वाले पर्यटक काफी अधिक हैं , क्योंकि बर्फीले मौसम में दुर्लभ लाल सिर वाला बगुआ देखा जा सकता है । चालू वर्ष में लाल सिर वाले बगुओं की संख्या बहुत ज्यादा है । पर उडाने लायक बगुओं की संख्या 130 से ज्यादा है ,उन्हें उड़ाने का दृश्य भी बहुत शानदार है । अब इस प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र में 300 से अधिक लाल सिर वाले बगुएं पाले जाते हैं , जो इसी संदर्भ में नया रिकार्ड है ।
सर्दियों के मौसम में लाल सिर वाले बगुओं के अलावा यह प्राकृतिक संरक्षण स्थल स्केइंग शौकिनों का पसंदीदा क्षेत्र भी है । यहां पर एक बहुत बड़े स्केइंग मैदान में तीन सौ से अधिक पर्यटक साथ साथ स्केइंग कर सकते हैं , इतना ही नहीं , भिन्न रुचि वाले पर्यटकों को भिन्न किस्मों वाली सेवाएं भी उपलब्ध करायी जाती हैं , ताकि पर्यटक यहां पर खेलने में मजा ले सके ।
ऊपर से नीचे स्केइंग कर बड़ा अच्छा लगता है , बड़ा शानदार है।
बड़ा मजा आया , अति उत्तेजक है । मैं क्वांग तुंग से आया हूं , मेरी उम्र 60 वर्ष हो गयी है। अभी अभी मैंने स्केइंग किया , बहुत बढ़िया लगा ।
बड़ी खुशी हुई है , बहुत प्रसन्न हूं ।
लोकप्रिय स्केइंग खेल को ध्यान में रखकर छीछीहार शहर में आयोजित रंगारंग बर्फीले मनोरंजन कार्यक्रम बहुत चर्चित हैं । सर्दियों में तराशी गयी विविधतापूर्ण बर्फीली मूर्तियां बेशुमार पर्यटकों को आकर्षित कर लेती हैं । छीछीहार शहर के पर्यटन ब्यूरो के उप प्रधान श्यू श्याओ य्येन ने इस का परिचय देते हुए कहा कि आजकल चीन छीछीहार सांस्कृति उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है ।
दिसम्बर 2010 से मार्च 2011 तक बगुआ शहर का हर्षोल्लास और क्वांग तुंग बर्फिली सदभावना नामक सांस्कृतिक पर्यटन उत्सव सफेद बर्फ से ढके बगुआ शहर को चार चांद लगा देता है । बर्फ संस्कृति , बर्फिला बगुआ संस्कृति , सांसारिक संस्कृति और स्वादिष्ट व्यंजन संस्कृति दर्शाये जाने के साथ साथ किनज़ेन , मखमली , पोषाकों जैसे स्थानीय विशेषताओं वाली वस्तुएं खूब बेची जाती हैं , इस के साथ ही लोकप्रिय सांस्कृतिक प्रतियोगिता , शादी व्याह समारोह , बर्फ मूर्तियां आदि रचनाएं भी आयोजित की जाती हैं , जिस से बहुत ज्यादा पर्यटक देखने यहां आते हैं ।
पर्यटन ब्यूरो के उप प्रधान श्यू श्याओ य्येन ने कहा कि उत्सव के उपलक्ष में चा लुंग पर्यटन क्षेत्र में बर्फ में लाल सिर वाले बगुआएं , शा लुंग पार्क में आयोजित बर्फ मिलन समारोह , निलकिस झील का स्केइंग , बर्फ मूर्तियां प्रतियोगिता और बर्फीले चित्र व लिपि कला प्रदर्शनी आदि स्थानीय विशेषताओं वाले पर्यटन कार्यक्रम बड़ी तादाद में देशी विदेशी पर्यटकों को मोह लेते हैं ।
छीछीहार शहर में हर वर्ष की सर्दियों में विशाल बर्फिला गलियारा स्थापित किया जाता है और इसी अनौखे गलियारे में नाना प्रकार वाले बर्फिले मनोरंजन कार्यक्रम किये जाते हैं , ताकि घूमने य़हां आने वाला हरेक पर्यटक बर्फीले मौसम में अलग ढंग के आनन्द उठा सके । दक्षिण चीन से आये पर्यटक छन चन शिंग ने अपना अनुभव बताते हुए कहा
उत्तर चीन का बर्फिला मौसम मुझ जैसे दक्षिण चीनी वासियों के लिये अत्यंत मनमोहक और रहस्यमय है । यहां पर आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक उत्सवों से हम ने उत्तर चीन को नयी पहचान ली है । उत्तर चीन की संस्कृति , रीति रिवाज और व्यंजन सब के सब बहुत दर्शनीय हैं ।