5 मार्च को चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने चीन की सर्वोच्च सत्ता-संस्था---राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक पूर्णाधिवेशन में कहा कि पिछले पांच वर्षों में चीन ने कारगर रूप से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट की मार से निपटाया, अर्थतंत्र के स्थिर व अपेक्षाकृत तेज़ विकास को बरकरार रखा, ऊर्जा की किफ़ायत व कार्बन-उत्सर्जन में कटौती पारिस्थितिक निर्माण व पर्यावरण संरक्षण को कार्य को
ठोस रूप से आगे बढ़ाया और सुभीते से राष्ट्रीय अर्थतंत्र व सामाजिक विकास की 11वीं पंचवर्षीय योजना के प्रमुख लक्ष्यों को साकार कर लिया।
श्री वन चापाओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले पांच वर्षों में चीन की सामाजिक उत्पादन शक्ति एवं समग्र राष्ट्रीय शक्ति में उल्लेखनीय उन्नति हुई है।देश की सकल जी डी पी 11.2 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि-दर से बढकर398 खरब य्वान तक पहुंची।राष्ट्रीय वित्तीय आय में 50 खरब य्वान से ज्यादा वृद्धि हुई।शहरवासियों व ग्रामीणों की औसत वार्षिक आमदनी लगभग 9 प्रतिशत बढ़ी। पूरे समाज में सामाजिक प्रतिभूति की व्यवस्था कदम ब कदम परिपक्व होती चली गई है।श्री वन चापाओ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जी डी पी में सेवा-उद्योग के संवर्धित मूल्य,रोज़गार के अनुपात, अनुसंधान व परीक्षण के विकास के खर्च से जु़ड़े मुद्दे 11वीं पंचवर्षीय योजना के लक्ष्यों पर खरे नहीं उतरे हैं।
पिछले पांच वर्षों में चीन अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट की मार एवं वन छ्वान भूकंप की विभीषिका जैसी प्राकृतिक विपत्तियों से गुजरा,कृषि टैक्स को पूर्ण रूप से रद्द किया गया, शहरों व गांवों में मुफ़्त अनिर्वार्य शिक्षा लागू की गई, चिकित्सा व औषधि व्यवस्था के रूपांतरण को सक्रिय रूप से बढ़ाया गया, समानव अंतरिक्षयान के प्रक्षेपण, चंद्र अन्वेषण परियोजना एवं सुपर कंप्यूटर आदि अग्रणी विज्ञान- तकनीकी क्षेत्र में भारी उपलब्धियां हासिल हुईं।इस के अलावा चीन ने पेइचिंग ओलिंपियाड एवं शांगहाई विश्व मेले का सफलतापूर्ण आयोजन किया और अंतरराष्ट्रीय मामलों में महत्वपूर्ण रचनात्मक भूमिका भी अदा की।
श्री वन चापाओ का मानना है कि इन उपलब्धियों में सुधार व खुलेपन की सरकार की नीति की महान शक्ति दिखाई दी है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि चीन में शिक्षा, चिकित्सा,वस्तुओं व मकानों के दामों की समस्याओं का मूल रूप से समाधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि चीन सरकार इन समस्याओं का यथाशीघ्र ही समाधान करेगी, ताकि चीनी जनता संतुष्ट हो सके।
(श्याओयांग)