इधर सालों में चीनी अर्थतंत्र के तेज विकास के चलते अधिकाधिक लोगों का का ध्यान लोकतंत्र पर केंद्रित हो गया है । चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के सदस्यों ने ठीक ही इसी लोकतंत्र मुद्दे को लेकर ज्यादा प्रस्ताव पेश किये हैं । राष्ट्रीय आर्थिक विकास के साथ साथ आम लोगों को किस तरह बड़ा लाभ होगा , यह एक ध्यानाकर्षक मामला भी है ।
चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के अध्यक्ष च्चा छिंग लिन ने अपनी कार्य रिपोर्ट में खास तौर पर बल देकर कहा है कि जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के व्यापक सदस्यों को विभिन्न सामाजिक जगतों के जनसमुदाय के जीवन के बारे में जानने और जनता की खुशहाली के लिये सुझाव पेश करने को प्रोत्साहन देना चाहिये । उन का कहना है हम मानवता और जनता की सेवा करने की धारणा के मद्देनजर व्यापक सदस्यों को बुनिदायी इकाइयों व लोगों के बीच जाकर जनता की भलाई के लिये काम करने को प्रेरित करते हैं ।
चीन में यह कथन प्रचलित है कि जनता भोजन पर निर्भर रहती है , खाने का सवाला एक सब से महत्वपूर्ण मामला है । मौजूदा अधिवेशन में भाग लेने आये सदस्यों की निगाहें खाद्यपदार्थों की सुरक्षा पर टिकी हुई हैं , उन का ख्याल है कि खाद्यपदार्थों की सुरक्षा सुख चैन के सूचकांक से घनिष्ट रुप से जुड़ी हुई है ।
हाईनान प्रांत से आये सदस्य फ़ुंग च्येन छ्वान ने कहा नव वर्ष में मेरे ख्याल से खाद्यपदार्थों की क्वालिटी की निगरानी पर जोर देना अत्यावश्यक है , क्योंकि सुख चैन का सूचकांग आर्थिक विकास ही नहीं , स्वास्थ्य से भी संबंधित रहा है ।
कला जगत के सदस्य छ्वी युंग य्वान ने खाद्यपदार्थ सुरक्षा के कड़े मापदंडों की चर्चा में कहा मिसाल के लिये सुअर मिट का मापदंड होता है और दूध का अपना मापदंड भी होता है , खाद्यपदार्थों के मापदंडों का कड़ाई से पालन करना चाहिये , किसी भी खाद्यपदार्थ में अपनी मर्जी से दूसरी चीज लगाने की कतई इजाजत नहीं देनी चाहिये ।
वर्तमान में समाज को विविधतापूर्ण सुयोग्य व्यक्तियों की जरूरत है , पर आम विश्वविद्यालय स्नातकों को रोज़गार मिलना मुश्किल है । इसी सवाल की चर्चा में सदस्य लिन च्चा लाई ने कहा अब नियमित विश्वविद्यालयों का सुधार सफल नहीं है , समूची शिक्षा का जोर सिद्धांत पर ज्यादा दिया जाता है , अतः आम कारोबार विश्वविद्यालय स्नातकों के बजाये व्यावसायिक कालेजों व स्कूलों के स्नातकों को भरती कराना चाहते हैं , क्योंकि व्यावसायिक कालेजों के स्नातकों की व्यावहारिक दक्षता विश्वविद्यालय स्नातकों से कहीं अधिक मजबूत है । इसलिये उन का सुझाव है कि हरेक विश्वविद्यालय स्नातक को स्नातक होने से एक या दो माहों में बुनियादी इकाइयों में भेजा जाये , ताकि वे वहां पर सैद्धांतिक ज्ञान को व्यवहार में कर सकें ।
सदस्य यू मिन हुंग का विचार है कि विश्वविद्यालय स्नातकों को रोजगार न मिलने का प्रमुक कारण शिक्षा प्रणाली के ढांचे की कमी ही है ।
खाद्यपदार्थ सुरक्षा और शिक्षा आदि सवालों को छोड़कर जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय कमेटी के सदस्यों ने निवास गारंटी कानून , चिकित्सा सन्साधन के समुचित बंटवारे , सुरक्षा उत्पादन व व्यवसाय विशेष से उत्पन्न होने वाले नुकसान की रोकथाम , किसान मजदूरों , अपाहिजों और रिटायरों व राजकीय मिल्कियत वाले कारोबारों के कर्मचाहियों व मजदूरों के कानूनी अधिकारों के बारे में रायें व सुझाव पेश किये , संबंधित विभाग इन में कुछ रायों व सुझावों को अमल में लाये हैं । रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष से अब तक सदस्यों ने जनजीवन से जुड़े एक हजार सात सौ से अधिक सुझाब पेश किये , साथ ही संबंधित विभागों ने सदस्यों व आम लोगों के 42 हजार पत्रों का निपटारा भी कर दिया । चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन ने अंतरविरोधों व विवादों का समाधान और सामजिक सामंजस्य व स्थिरता की रक्षा करने में सकारात्मक भूमिका निभायी है ।
इटरनेट के विकास के साथ साथ सदस्यों ने अपने माइक्रो ब्लोक के माध्यम से जनसमुदाय के साथ आदान प्रदान शुरु कर दिया है , जिस से आम लोगों व सदस्यों के बीच आपसी समझदारी का फासला कम हो गया है ।