लीबिया से अपने नागरिकों को निकालने की चीन की कोशिशों में चरणबद्ध कामयाबियां हासिल हुई है।दूसरी मार्च की रात तक लीबिया से उन सभी 35 हजार 860 चीनी नागरिकों को निकाला जा चुका है,जो स्वदेश लोटना चाहते हैं।किसी विदेश से अपने नागरिकों को हटाने की यह चीन सरकार की सब से बडी कार्यवाही है।ऐसा करने में जो कार्यक्षमता नजर आई है,उससे चीन की बहिर्मुखी शक्ति दर्शाई गई है।
उत्तरी अफ्रीकी देश—लीबिया में परिस्थिति गत 16 फरवरी से गंभीर स्तर पर बदलती गई है।अब वह बड़ी अस्थिरता से गुजर रहा है।ऐसे में विभिन्न देश वहां से अपने-अपने नागरिक हटाने के प्रयासों में जुट गए हैं।
लीबिया में बहुत से चीनी लोग भी रहते हैं।उन्हें वहां से निकालने में चीन सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।सर्वप्रथम 10 दिनों के भीतर 30 हजार से अधिक चीनी लोगों को निकालना है।इतने कम समय में इतने लोगों की वापसी को सुनिश्चित करना किसी भी देश के लिए कठिन काम है,जिस में आने वाली दिक्कतें अपूर्व हैं।दूसरे,जो चीनी लोग हटाए जाने हैं,वे अलग-अलग स्थान पर रहते हैं।यहां तक कि कुछ चीनी कंपनियां दूर-दराज की मरूभूमि में स्थित हैं।उन सब को सुरक्षित रूप से इकठ्टा कर वापस भेजना एक भारी-भरकम और कष्टदायी काम है।तीसरे,परिदृश्य पेचिदा है।लीबिया के अनेक क्षेत्रों में परिस्थिति नियंत्रण से परे हो गई है।यातायात और अन्य सार्वजनिक सेवा-संस्थापन मौटे तौर पर टप्प पड़े हुए हैं।इस तरह की कठिन स्थिति में चीन सरकार ने बड़ी कार्यक्षमता से अपने नागरिकों को वहां से निकालने का दिशा-निर्देशन किया।इस कार्यवाही में हवाई जहाजों,जल-जहाजों,लम्बी दूरी वाली बस-सेवा का इस्तेमाल किया गया है औऱ यहां तक कि सैन्य माल वाहक विमानों एवं जंगी जहाजों का भी प्रयोग हुआ है।मजबूत आर्थिक शक्ति के बिना यह सब नहीं हो सकता है।
लीबिया से अपने नागरिकों को निकालने की चीन सरकार की कार्यवाही इसलिए सफल रही है,क्योंकि वह चीन के शांतिपूर्ण कूटनीति अपनाने,व्यापक तौर पर लोगों को अपने मित्र बनाने और जनता से समर्थन प्राप्त करने का परिणाम देखा गया है।अपने नागरिकों को हटाने के दौरान चीन ने यूनान,मिस्र,ट्यूनिशिया,माल्टा और तुर्की आदि देशों से मदद प्राप्त की है।इन देशों ने कस्टम,किराए,आवास और मशीनरी से जुड़ी तरह-तरह की सुविधाएं मुहाया कराई हैं।
इस कार्यवाही से यह भी जाहिर है कि चीन सरकार मानवाधिकार की रक्षा को महत्व देती रही है।जैसा कि लीबिया से वापस आए एक चीनी नागरिक ने कहा है कि मातृभूमि की शक्तिशालीता हमें आशा देती है।सरकार ने हमें बचाने में जो भगीरथ कोशिश की है,उससे हमें चीनी होने की इज्जत और गौरव बखूबी महसूस हुआ है और चीनियों में एकता बढ़ गई है।