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नाभिकीय ईंधन हटाने की ईरानी घोषणा पर लोगों का ध्यान
2011-02-28 16:53:00

दोस्तो , ईरान ने 26 फरवरी को बुशर न्यूक्लीयर बिजली घर के न्यूक्लीयर ईंधन को अचानक हटाने की घोषणा की , जिस से लोगों का ध्यान आकर्षित हो गय़ा । विश्लेषकों का मानना है कि यह घोषणा इसी न्यूक्लीयर बिजली घर की व्यवस्था पर सटाक्सनेट वारयर प्रहार किये जाने से की गयी है , लेकिन ईरान ने इसी कथनी से इनकार करते हुए कहा कि यह केवल एक सामान्य तकनीकी निरीक्षण ही है । पर लोगों ने इस घटना को ईरानी न्यूक्लीयर योजना पर एक तात्विक चोट मान ली है ।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी स्थित ईरानी स्थायी प्रतिनिधि सोल्टानिय ने 26 फरवरी को अचानक घोषित किया है कि ईरान अपने प्रथम न्यूक्लीयर बिजली घर यानी बुशर न्यूक्लीयर बिजली घर के न्यूक्लीयर ईंधन को अस्थायी तौर पर हटाएगा । उन्हों ने इस की चर्चा में कहा कि यह फैसला रुसी अनुरोध से किया गया है , मकसद कई मुद्दों का परीक्षण और संबंधित तकनीकी काम किया जाना है , परीक्षण खत्म होने के बाद न्यूक्लीयर ईंधन फिर रिएक्टर पर लगाया जाय़ेगा । उन्होंने कहा कि यह बात इस से पहले अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को सूचित की गयी है , इस एजेंसी के न्यूक्लीयर जांचकर्मियों ने न्यूक्लीयर ईंधन को हटाने की पूरी प्रक्रिया की निगरानी की है ।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने 25 फरवरी को नवीतम ईरानी नाभिकीय सवाल रिपोर्ट जारी की , इस रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गयी है कि इस एजेंसी के कर्मचारियों ने इसी माह के मध्य में बुशर न्यूक्लीयर बिजली घर का निरीक्षण किया और न्यूक्लीयर सामग्री की जांच पड़ताल की है । फिर ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को न्यूक्लीयर ईंधन हटाने के बारे में सूचित किया ।

बुशर न्यूक्लीयर बिजली घर ईरान का प्रथम न्यूक्लीयर बिजली घर जाना जाता है , उस की संस्थापित क्षमता एक हजार मेगावाट है । योजनानुयार 1974 में जर्मन सीमेंस कम्पनी ने इस का निर्माण निभाया था , बाद में अमरीका के विरोध व दबाव तले सीमेंस कम्पनी ने ईरान के साथ यह सहयोग बंद कर दिया । 1995 में रुस व ईरान के बीच संपन्न अनुबंध के अनुसार रूस ईरान को इस न्यूक्लीय बिजली घर की स्थापना में मदद देने पर सहमत हो गया । अनुबंध के अनुसार इस न्यूक्लीयर बिजली घर का निर्माण जुलाई 1999 में पूरा होना था , पर राजनीति, धनराशि और तकनीक आदि अनेक कारणों से निर्माण का कार्य टलता रहा ।

गत अगस्त को बुशर न्यूक्लीयर बिजली घर में न्यूक्लीयर ईंधन लगाने की रस्म हुई , पर मौसम की वजह से न्यूक्लीयर ईंधन लगाने की तिथि गत 26 अक्तूबर तक स्थगित हुई । चालू वर्ष के जनवरी को ईरानी परमाणु ऊर्जा संगठन के अध्यक्ष अली अक्बर सालेही ने कहा कि इस न्यूक्लीयर बिजली घर के रिएक्टर का काम सामान्य रुप से शुरु हो गया है , अनुमान है कि आगामी 9 अप्रैल को बिजली का उत्पादन शुरु होगा । इस से पहले ईरान ने बिजली पैदा करने की तिथि अनेक बार घोषित की है , पर अभी तक यह तिथि पूरी नहीं हो पायी ।

गत जुलाई को जर्मन विशेषकों द्वारा सटाक्सनेट वायरस का पता लगाये जाने के बाद ईरान , इंडोनेशिया , भारत और अमरीका आदि देशों को इसी वायरस के प्रहार का सामना करना पड़ा । अमरीका के न्युयार्क टाइम्स ने जनवरी में अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि सटाक्सनेट वायरस अमरीकी व इजराइली अनुसंधानकर्ताओं ने संयुक्त रुप से तैयार किया है , जिस से ईरान के नाटेंज़ी युरेनियम संवर्धन कारखाने का 20 प्रतिशत अपकेंद्रित्र बेकार हो गया , बुशर न्यूक्लीयर बिजली घर सटाक्सनेट वायरस प्रहार का निशाना भी है ।

ईरानी परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता घायमी ने 26 फरवरी को कहा कि किसी न्यूक्लीयर बिजली घर का उद्घाटन होने से पहले न्यूक्लीयर ईंधन लगाना या हटाना कोई आकस्मिक बात नहीं है , वह एक तकनीकी जांच पड़ताल ही है , ताकि न्यूक्लीयर रिएक्टर की सुरक्षा के बारे में विश्वास प्राप्त हो सके ।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी स्थित ईरानी स्थायी प्रतिनिधि सोल्टानिय ने उसी दिन भी कहा कि बुशर न्यूक्लीयर बिजली घर की सुरक्षा का जिम्मा रुस निभायेगा , ईरान ने बारंबार बल देते हुए कहा कि इस न्यूक्लीयर बिजली घर की सुरक्षा बिजला के उत्पादन से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है । पर पश्चिमी विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना से ईरानी तकनीकी पर लोगों की आशंका उत्पन्न होगी । उन का कहना है कि यह घटना ईरानी न्यूक्लीयर योजना के लिये एक तात्विक चोट ही है , साथ ही ईरानी आधुनिक न्यूक्लीयर रिएटर पर लोगों की शंका पैदा होगी ।

ध्यान देने योग्य की बात यह है कि हालांकि अमरीका आदि पश्चिमी देशों ने ईरानी न्यूक्लीयर योजना पर लगातार आरोप लगाया है , पर बुशर न्यूक्लीयर बिजली घर फिर भी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की कडी निगरानी में है । इस के अलावा इस न्यूक्लीयर बिजली घर में प्रयुक्त न्यूक्लीयर ईंधन रूस से प्राप्त है , जबकि बिजली पैदा करने के बाद बची खुची फालतू सामग्री का निपटारा भी रुस में किया जायेगा ।

ईरानी लोकमत है कि पश्चिमी देशों ने लोगों की सरक्षा की परवाह न कर दूसरे देशों की नागरिक न्यूक्लीयर संस्थापनों पर प्रहार करने की जी तोड़कर कोशिश की है , यह अत्यंत अनैतिक है , यह ईरानी राष्ट्र के लिये अपराध ही नहीं , बल्कि अपने क्षेत्रीय देशों के लिये खतरा भी है ।

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