हाल ही में चीनी मशहूर बाधा दौड खिलाडी ल्यू शांग ने जर्मनी हुई दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया ।उन्होंने दो बार तीसरा स्थान प्राप्त किया ।उन के लिए यह परिणाम खराब नहीं है ,क्योंकि उन का फार्म अब बहाल हो रहा है ।
वर्ष 2008 पेइचिंग ऑलंपिक में ल्यो शांग को चोट के कारण प्रतियोगिता से हटना पडा ।इस के बाद वे अपने चोट के इलाज के लिए अस्थाई तौर पर खेल मैदान से अलग हो गये ।20 सितंबर 2009 को ल्यू शांग फिर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में नजर आये ।उन्होंने शांग हाइ अंतरराष्ट्रीय ट्रेक एंड फील्ड गोल्डन इनाम प्रतियोगिता की 110 मीटर बाधा दौड की स्पर्द्धा में 13.15 सेकेंड से रजत पदक प्राप्त किया ।इस के बाद उन्होंने लगातार चीनी राष्ट्रीय खेल समारोह ,एशियाई ट्रेक एंड फील्ड चैंपियनशिप ,पूर्वी एशियाई चैंपियनशिप व क्वांग चाओ एशियाड में भाग लिया और सभी खिताब अपने हाथ में ले लिये ।कहा जा सकता है कि अब एशिया में किसी खिलाडी ल्यू शांग के सामने गंभीर चुनौती नहीं पेश कर सकते ,पर विश्व की चोटी स्तर वाली प्रतियोगिता में ल्यू शांग की स्थिति कैसी है ।इस पर ल्यो शांग के दिल में शंका भी है ।जर्मनी में हुई दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ल्यू शांग ने स्वर्ण पदक प्राप्त नहीं किया ,पर तीसरा स्थान हासिल करने से उन के आत्म विश्वास को मजबूती मिली है ।प्रतियोगिता के बाद ल्यू शांग ने अपने प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया ।उन्होंने कहा ,अच्छा है ।मैं इस जर्मनी यात्रा के परिणाम पर संतुष्ट हूं ।मैं ने बहुत हल्के भाव से इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया ।
अपने सेहत की चर्चा करते हुए उन्होंने मीडिया को बताया कि पांव में चोट ठीक होने के बाद अब तक स्थिति फिर खराब नहीं हुई ।प्रतियोगिता के बाद मांसपेशी पर अधिक ध्यान देने से उन को चोट फिर होने की चिंता नहीं है ।उन्होंने कहा कि उन के लिए सब से अहम बात वर्तमान स्तर स्थिर बनाए रखने के साथ नयी प्रगति प्राप्त करना है ताकि यथाशीघ्र ही सब से अच्छे फार्म में फिर लौटें ।उन्होंने कहा ,शरीर में बडी समस्या नहीं है ।वास्तव में मैं अब पांव में चोट की सोच नहीं करता ।जर्मनी में तीन व चार दिन की प्रतियोगिता के दौरान मांसपेशी में थोडी दर्द महसूस हुई ,लेकिन बाकी समस्या नहीं है ।
16 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय ट्रेक एंड फील्ड संघ ने मोरोको में मीटिंग कर इस साल की विश्व ट्रेक एंड फील्ड चैंपियनशिप और अगले साल की ऑलंपिक की ट्रेक एंड फील्ड इवेंटों के कार्यक्रमों में कुछ बदलाव लाया ।सब से बडा बदलाव आया है कि सभी इवेंटें प्राइमरी दौर से फाइनल तक सर्वाधिक तीन दौरों में चलेंगी ।पहले 100 मीटिर व 110 मीटर बाधा दौड जैसे इवेंटों में खिलाडी चार दौरों में भाग लेते थे ।यह नियम इस साल डेगू विश्व ट्रेक एंड फील्ड चैंपयिनशिप में लागू होगी ।फिर लंडन ऑलंपिक में भी लागू की जाएगी ।इस का मतलब है कि अगर ल्यु शांग डेगू विश्व ट्रेक एंड फील्ड चैंपियनशिप और लंडन ऑलंपिक में भाग लेंगे ,तो उन को 36 घंटों में तीन दौर की प्रतियोगिताओं में भाग लेना है ।प्रतियोगिता के कार्यक्रम में आने वाले बदलाव के प्रति ल्यू शांग के कोच सुन हाइ पिंग को कोई चिंता नहीं है ।उन्होंने कहा ,अगर ल्यू शांग वर्तमान प्रतिस्पर्द्धात्मक स्तर बनाए रखने में सफल रहे ,तो उन को भविष्य में चुनौती स्वीकार करने की पर्याप्त शक्ति है ।उन्होंने कहा ,जर्मनी में ल्यु शांग ने चार उच्च स्तरीय प्रतियोगिताएं पूरी कीं ।उन का स्तर उन्नत हो रहा है ।
पिछले मार्च में आयोजित दोहा विश्व इंडोर ट्रेक एंड फील्ड चैंपियनशिप में ल्यु शांग ने 7.65 सेकेंड से 60 मीटर बाधा दौड तय की ।इस साल के कर्लस्रुहे इंडोर विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने 7.55 सेकेंड से 60 मीटर दौड पूरी की ।हालांकि उन्होंने सिर्फ 0.1 सेकेंड की उन्नति की ,पेशेवर दृष्टि से देखा जाए तो यह बडी प्रगति है ।लगता है कि ल्यु शांग का फार्म अपने कोच की योजना के मुताबिक बहाल हो रहा है ।उन के लिए फिर एक बार अपने चोटी स्तर पर वापस लौटना असंभव नहीं है ।