चीनी राष्ट्रपति हू चिन थाओ की अमेरिका यात्रा के दौरान,चीन-अमेरिका ने 19 जनवरी को संयुक्त बयान जारी कर कहा, दोनों देश ने आपसी सम्मान व पारस्परिक लाभ जीतने की सहयोग साझेदारी का फैसला किया है। वहीं चीनी विशेषज्ञों ने कहा, चीन-अमेरिका के नये संबंधों में दोनों देशों की भागीदारी पर प्रकाश डाला है। साथ ही चीन-अमेरिका संबंधों के राजनीतिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि व आर्थिक अंतर के अलावा 21 वीं सदी में बड़े देशों के सामने एक मॉडल बनकर उभरे हैं।
चीनी समकालीन अंतरराष्ट्रीय संबंध अध्ययन संस्थान के अमेरिकन इन्स्टीट्यूट के निदेशक युआन फांग ने कहा, दोनों देशों के नेताओं ने चीन-अमेरिका संबंधों के मुद्दे सकारात्मक, उद्देश्य व व्यावहारिक तौर पर कायम हैं,जिससे दोनों देशों के बीच साकारात्मक सहयोग गहरा होने के साथ-साथ विकास होता है। इन संबंधों से भविष्य में दोनों देशों के आदान-प्रदान व सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
शिंहुआ विश्वविद्यालय के चीन-अमेरिका संबंध अध्ययन केंद्र के निदेशक सुनच्ये ने कहा,विश्व आर्थिक संकट के बाद के दौर में दुनिया इससे निपटने में नाकाम रही है। जबकि दोनों देशों के आर्थिक सहयोग के सामने नये अवसर पैदा हो रहे हैं और संबंध स्थापना से दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग तंत्र कायम होगा और भविष्य के आर्थिक सहयोग की दिशा दिखाएगा।
चीनी अमेरिकी आर्थिक संघ के निदेशक ह वी वेन ने कहा,वर्तमान में विश्व आर्थिक सुधार का आधार बहुत कमजोर है। विश्व के दो बड़े देशों की भूमिका में चीन व अमेरिका के कंधे पर आम जिम्मेदारी है। दोनों देश एक दूसरे के पूरक बनकर विश्व आर्थिक सुधार की स्थिति को बढ़ावा देंगे।
अंजली