चीन व अमेरिका ने 19 जनवरी को वाशिंगटन में एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर 21वीं शताब्दी में चतुर्मुखी सहयोग वाले चीन-अमेरिका संबंधों की दिशा में काम करने की बात की। दोनों देशों ने कहा कि वे समान प्रयास कर आपसी सम्मान व लाभ वाले सहयोग साझेदारी संबंधों की स्थापना करेंगे, ताकि उभय कल्याण को आगे बढ़ाकर 21वीं शताब्दी के उन्नमुख मौके व चुनौतियों का सामना कर सकें।
वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्ष चीन व अमेरिका के संबंध को मज़बूत करेंगे, साझेदारी संबंधों की स्थापना करेंगे, ताकि समान कल्याण को आगे बढ़ाऐंगे, ध्यानाजनक समस्याओं का निपटारा करेंगे और अंतरराष्ट्रीय कर्त्तव्य पर जोर देंगे। दोनों पक्षों ने थाईवान समस्या, मानवाधिकार समस्या एवं दोनों सेनाओं के संबंध आदि अनेक मुद्दों पर रूख पर प्रकाश डाला है। दोनों पक्ष उच्च स्तरीय आवाजाही को आगे बढ़ाऐंगे। दोनों ने दोनों देशों की संसदों के बीच आवाजाही को बरकरार रखने की महत्वता पर जोर दिया। दोनों ने यह मानना कि चीन व अमेरिका के बीच एशिया प्रशांत तथा अन्य क्षेत्र की शांति व सुरक्षा को आगे बढ़ाने में समान कल्याण होता है। दोनों ने यह सहमति प्राप्त की कि वे संपर्क व समनव्य को मज़बूत करके क्षेत्रीय व विश्व की चुनौती का निपटारा करेंगे। दोनों ने चतुर्मुखी आपसी लाभ वाले आर्थिक व साझेदारी संबंधों को मज़बूत करने और इस वर्ष के मई माह में आर्थिक सहयोग ढांचे की स्थापना करने पर मंजूरी दी। दोनों पक्षों ने मौसम परिवर्तन, ऊर्जा व वातावरण सहयोग तथा सांस्कृतिक आदान प्रदान को मज़बूत करने पर सहमति दी।
चीन व अमेरिका दोनों देशों के राजाध्यक्षों ने यह मानना कि श्री हू चिनथाओ की वर्तमान यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाया है। एक शक्तिशाली चीन-अमेरिका संबंध न केवल दोनों देशों की जनता के बुनियादी कल्याण से मेल खाता है, बल्कि सारे एशिया प्रशांत क्षेत्र, यहां तक पूरी दुनिया के लिए लाभदायक होगा।
(श्याओयांग)