दोस्तो , चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ अब अमरीका की राजकीय यात्रा पर हैं , दोनों देशों के बीच आर्थिक व व्यापारिक संबंधों के क्षेत्रों में किस तरह सहयोग की मजबूती बनाना और पारस्परिक लाभ व समान जीत को अमल में लाना मौजूदा शिखर वार्ता का एक कुंजीभूत विषय होगा । चीन व अमरीका के विभिन्न जगतों के व्यक्तियों का आम विचार है कि दोनों देशों को हू चिन थाओ की अमरीका यात्रा का फायदा उठाकर दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक संबंधों को और गहराई में ले जाना चाहिये ।
वर्तमान में चीन व अमरीका एक दूसरे का द्वितीय बड़ा व्यापार साझेदार हैं । 2010 में चीन व अमरीका की व्यापार रकम तीन खरब 80 अरब अमरीकी डालर से अधिक हो गयी है , जबकि चीन में अमरीका के निर्यात में समान अवधि से 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है , जो दूसरे देशों में अमरीका के निर्यात से दूगुनी बढ़ गयी है । 2011 में चीन में अमरीका की कुल निर्यात रकम एक खरब अमरीका डालर से अधिक होने की उम्मीद है । अमरीकी वित्त मंत्री टिमोथी गेट्स ने 12 जनवरी को जोन होप्किन युनिवर्सिटी में भाषण देते हुए कहा कि हालांकि अमरीका और चीन के बीच बहुत ज्यादा क्षेत्रों में प्रतिस्पर्द्धाएं मौजूद हैं , पर फिर भी वे आर्थिक संबंध में एक दूसरे का बड़ा पूरक हैं ।
चीन व अमरीका के भावी आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्रों में सहयोग की भारी निहित शक्ति है , दोनों देशों के विभिन्न जगतों के व्यक्तियों ने इसे लेकर पूरी आशा जतायी है । अमरीका स्थित पूर्व चीनी राजदूत चओ वन चूंग का विचार है कि चीन व अमरीका के बीच सहयोग को बढावा देने की प्रेरक शक्तियां फिर भी मौजूद हैं ।
चीन व अमरीका के बीच आर्थिक व व्यापारिक संबंधों के विकास की भारी निहित शक्ति मौजूद है , क्योंकि चीन ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में कुल आयात रकम 80 खरब अमरीकी डालर निश्चित की है। अब ओबामा सरकार ने अपने निर्यात को दुगुना बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है , चीन का यह विशाल बाजार उन के लिये बड़ा आकर्षित है ।
अमरीका चीन व्यापार राष्ट्रीय कमेटी के दो सौ से अधिक सदस्यों ने चीन में अपना धंधा लगा दिया है । इस कमेटी द्वारा 13 जनवरी को सार्वजनिक वार्षिक जांच पड़ताल से पता चला है कि 94 प्रतिशत के सदस्य आगामी पांच सालों में चीन में लगे अपने धंधों के प्रति आशाप्रद हैं ।
अमरीकी वाणिज्य मंत्री गरी लोके ने कहा कि अमरीका व चीन का आर्थिक व व्यापारिक सहयोग संबंध नये कुंजीभूत दौर में प्रविष्ट हो गया है । पिछले दसियों सालों में कार्यांवित नीतियां व कदम अमरीका , चीन व अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने खड़ी आर्थिक चुनौतियों का मुकाबला करने में असमर्थ हो गये हैं । अमरीकी वित्त मंत्री गेट्स ने यह भी कहा कि अमरीका व चीन के आर्थिक व व्यापारिक विवादों के समाधान के लिये यह जरुरी है कि अमरीका इसी संदर्भ में अपना दृष्टिकोण बदल दें , न कि जिम्मेदारी चीन के माथे पर थोपी जाये ।
मेरा विचार है कि अमरीकियों को यह समझ लेना चाहिये कि अमरीका के सामने मौजूद चुनौती का समाधान पेइचिंग के बजाये वाशिंगटन द्वारा निर्धारित नीति पर निर्भर हो । चीन के आर्थिक विकास ने हमें और अधिक अमरीकी मालों को बेचने का मौका प्रदान किया है । हमें इसी प्रकार की चुनौती और मौके की अगवानी करनी होगी ।
पिछले अनेक सालों में चीन व अमरीका व्यापार युद्ध का डटकर विरोध करते आये हैं । अमरीकी वाणिज्य संघ के अध्यक्ष थोमस डोनोहो ने कहा कि चाहे अतीत में हो आज , आर्थिक व व्यापारिक सहयोग अमरीका चीन संबंध की स्थिरता व विकास के लिये जबरदस्त समर्थन करता रहा है , व्यापार युद्ध विवादों का समाधान नहीं कर सकता ।
चीन अमरीका का विशाल बाजार है , चीन में हमारे निर्यात में जो वृद्धि हुई है , वह किसी भी अन्य क्षेत्रों से कहीं अधिक तेज है । पर हम चीन की कुछ नीतियों पर चिन्तित भी हैं ।
आर्थिक व व्यापारिक संबंध चीन व अमरीका के द्विपक्षीय संबंधों का महत्वपूर्ण संगठित भाग है , आर्थिक व व्यापारिक संबंध की मजबूती दोनों देशों के मूल हितों से मेल खाती है , यह दोनों देशों के विभिन्न जगतों की आम सहमति बन गयी है । अमरीका स्थित पूर्व चीनी राजदूत चओ वन चुंग ने कहा कि चीन व अमरीका के बीच विवादों की मौजूदगी स्वाभाविक ही है , लेकिन आर्थिक व व्यापारिक मामले को राजनीतिकरण बनाने की इजाजत कतई नहीं दी जाती है । विश्वास है कि हू चिन थाओ की मौजूदा अमरीका यात्रा अवश्य ही दोनों पक्षों के लिये विवादों का समाधान करने और सहयोग को गहराई में ले जाने का एक बढ़िया मौका मुहैया कर देगी ।