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दुनिया में जाना जाने वाला चीनी लोकगीत ह्वार
2011-01-15 17:57:19

ह्वार चीन के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में प्रचलित लोकगीत का नाम है। इस का 600 से ज़्यादा सालों का इतिहास है, और यह स्थानीय लोगों के रंग बिरंगे जीवन को प्रतिबिंबित करता है। पिछले कई सौ वर्षों में खेती भूमि पर काम करने वाले किसान व चरवाहे, कारखाने में काम करने वाले मज़दूर, सब ह्वार गाने में और रचने में माहिर हैं। आराम करते समय वे अक्सर ऊंची आवाज़ में ह्वार गाते हैं। हो सकता है कि उन की आवाज़ मधुर न हो, फिर भी गाने में सुन्दर जीवन भविष्य के प्रति उन की अभिलाषा प्रतिबिंबित होती है।

कुछ समय पहले संपन्न शांगहाई विश्व मेले के छिनहाई प्रदर्शनी हॉल में परम्परागत अल्पसंख्यक जाति की वेशभूषा में एक पुरुष ह्वार गा रहा था। इस गायक का नाम यांग हैईछ्वन है। उन्होंने कहा कि विश्व मेले में ह्वार गाना उन की लम्बे अरसे की अभिलाषा है। उन के अनुसार, पहले हम केवल खेती भूमि पर ह्वार गाते थे। और मैंने नहीं सोचा था कि हमारे गीतों को दुनिया से आये विभिन्न मित्र भी गा सकते हैं। आज मैंने देखा कि अनेक लोग आकर सुनते हैं, मुझे बड़ी खुशी हुई है।

घटनास्थल पर सभी दर्शक यांग हैईछ्वन के मधुर गीत से प्रभावित थे। चीन में लगभग एक साल तक रह चुके मिस्र से आए दर्शक मुहम्मद ने सुन्दर चीनी पत्नि के साथ यांग हैईछ्वन के सामने आकर कहा कि उन्हें ह्वार बहुंत पसंद है। उन्होंने हमारे संवाददाता से कहा, पहले मुझे ह्वार के बारे में जानकारी नहीं थी। अभी-अभी मेरी पत्नि ने मुझे बताया कि यह चीन का परम्परागत लोकगीत है। चीनी लोग ह्वार से युवकों व युवतियों के बीच मुहब्बत व्यक्त करते हैं।मैं ह्वार की धुन को बहुत मधुर धुन मानता हूं। आशा है कि आप मुझे ह्वार की और ज़्यादा जानकारी दे सकेंगे। मैं भी अच्छी तरह ह्वार गाना सीखना चाहता हूं, ताकि एक दिन मैं भी अपनी पत्नि के लिए गा सकूं।

मुहम्मद ह्वार को पसंद करने वाले विदेशी मित्रों में से एक है। नाईजीरिया से आये पत्रकार आदा को भी ह्वार बहुत पसंद है। उन के अनुसार, मैंने सुना कि ह्वार चीन की अल्पसंख्यक जातियों के लोगों के बीच प्रेम को प्रकट करने वाला एक किस्म का प्रेम गीत है। मुझे लगता है कि ह्वार की अफ़्रीकी संगीत के साथ कुछ समानताएं हैं। ह्वार सुनकर बार घर वापस लौटने का एहसास होता है।

ह्वार की धुन मधुर है और शैली सरल है। चीन के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र की विभिन्न जातियों की जनता ह्वार गीत से खुशी व दुख की भावना प्रकट करती है। छिनहाई प्रांत में ह्वार के राजकुमार माने जाने वाले यांग हैईछ्वन ने पत्रकारों से कहा कि बचपन से ही उन्होंने ह्वार गाना सीखना शुरू कर दिया था। उन के अनुसार, मेरे दादा जी को ह्वार पसंद था। वे घोड़े की सवारी करते हुए ह्वार गाते थे। उन के गीत सुनकर मेरी दादी को पता चला कि दादा घर वापस लौट रहे हैं और तुरंत उन के लिए खाना लगाने लगती थीं।

पहले ह्वार चीन के उत्तर पश्चिम क्षेत्र के लोगों के आम जीवन में प्रचलित था, आज स्थित भिन्न है। उत्तर पश्चिम चीन के छिनहाई प्रांत की हूजू काऊंटी में एक जातीय विशेषता वाला उद्यान है। वहां चीन की थू जाति के ह्वार गीत विविधतापूर्ण सांस्कृतिक प्रोग्रामों में बदल गये हैं। ईरान से आये मेहलेई ने हमें बताया, हालांकि मैं ह्वार गीत के बोल नहीं समझ सकता हूं, फिर भी गायकों की मधुर आवाज़ सुनकर मैं उन के दिल की भावना महसूस कर सकता हूं।

तंज़ानिया से आयी लड़की खारोलीन ने हमें बताया कि ह्वार सुनकर उन्हें अपनी जन्मभूमि की याद आती है। उन्होंने कहा, मैंने ह्वार के कुछ गायकों को देखा। मुझे ह्वार गीत बहुत अच्छा लगता है। ह्वार गाने के लिए किसी भी वाद्य यंत्र की ज़रूरत नहीं है। यहां तक की माईक की भी नहीं। लेकिन, अफ़्रीका का संगीत ह्वार से भिन्न है। युनेस्को ने ह्वार को मनुष्य की गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासतों में शामिल किया है। यह बहुत महत्वपूर्ण है। अब न केवल चीनी लोग ह्वार गाते हैं, बल्कि सारी दुनिया ह्वार को जानने लगी है।

भाषा की भिन्नता होने के बावजूद, ह्वार के प्रति लोगों का प्रेम बढ़ रहा है। अनेक विदेशी विशेषज्ञों व विद्वानों ने भी ह्वार पर ध्यान देना शुरु किया है। चीन के कान्सू प्रांत की ह्वार अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष, लैनचो विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर ख यांग ने बताया कि चीन के निरंतर खुलने के साथ-साथ, दुनिया चीन की जातीय संस्कृति पर ज़्यादा से ज़्यादा ध्यान देने लगी है। ह्वार जैसी विशेष जातीय संस्कृति विश्व की धरोहर अनेक विशेषज्ञों को आकर्षित कर रही है। खयांग के अनुसार, मेरी जानकारी के अनुसार, दुनिया के अनेक देशों के लोगों ने पश्चिम चीन के लोकगीत ह्वार पर ध्यान देना शुरु किया है। कुछ समय पहले दो जापानी विद्वान ख़ास तौर पर मुझ से मिले और मुझे उन्होंने अपनी ह्वार से संबंधित अनुसंधान पुस्तक दी।

उत्तर पश्चिमी चीन की लोक संस्कृति होने के नाते, ह्वार के प्रसार व विकास को स्थानीय सरकार व सांस्कृतिक विभागों का महत्व व समर्थन मिला है। 2009 में चीन के निंगश्या, छिनहाई, कान्सू एवं सिनच्यांग आदि प्रांतों ने संयुक्त रूप से ह्वार को युनेस्को की मनुष्य गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासतों की नामसूची में शामिल करने की कोशिश की और सफलता हासिल की। अब और ज़्यादा लोग ह्वार के बारे में जानकारी पा सकेंगे।

इधर के वर्षों में, ह्वार गाने वाले वृद्ध गायकों के निरंतर देहांत होने की वजह से ह्वार को अच्छी तरह गाने वाले लोगों की संख्या में कमी आयी है। उत्तर पश्चिम चीन के ह्वार के राजा माने जाने वाले गायक चांग च्यैनच्वन ने कहा कि ह्वार का प्रसार करने के लिए वे खुद अपनी छोटी बेटी को सिखा रहे हैं। लेकिन, खेद की बात है कि तीन साल तक सीखने के बाद , उन की बेटी ने ह्वार सीखना छोड़ दिया है। श्री चांग च्यैनच्वन ने कहा, शुरू में मेरी बेटी की इस में बड़ी रूचि थी, लेकिन, तीन साल बाद उस ने विदेशी गाना सीखना शुरू किया। चूंकि विदेशी गाना गा कर अधिक पैसे कमाए जा सकते हैं, जबकि लोकगीत गाने से बहुत कम आमदनी होती है। इसलिए, वह ह्वार गाना नहीं सीखना चाहती है।

ह्वार का प्रसार करने के लिए 2007 में कान्सू प्रांत ने ह्वार के स्कूल में प्रवेश करने की गतिविधि का आयोजन किया और विभिन्न स्थलों के लिए ह्वार के संगीत अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया। इस गतिविधि को स्पष्ट उपलब्धि मिली है।

दक्षिण निंगश्या के पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाला थ्वो वेईछन मीडिल स्कूल का एक विद्यार्थी है। पहले वह पॉप गीत गाता था। दो साल पहले उसने ह्वार सीखना शुरु किया। उस के अनुसार, मुझे लगता है कि यह सच्ची कला है। अब मुझे ह्वार बहुत अच्छा लगता है।

ह्वार जैसे परम्परागत लोकगीत की रक्षा करने के लिए उत्तर पश्चिम चीन के अनेक प्रांतों ने विविध कदम उठाये हैं। बच्चे ह्वार का प्रसार करने के दूत बन गये हैं। सुनिये, बच्चे अरबी भाषा में ह्वार गा रहे हैं।

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