इधर के सालों में चीन में पेटेंट कार्य का निरंतर विकास होता जा रहा है, बौद्धिक संपदा अधिकार की उल्लंघन कार्यवाहियों पर प्रहार करने का अभियान भी लगातार हुआ करता है, समूचे समाज में स्वतंत्र सृजन के लिए उत्साह जोरों से बढ़ा है और बौद्धिक संपदा अधिकार के संरक्षण और प्रयोग का स्तर भी बहुत ऊंचा हो गया है। इस से चीन को नव सृजन वाले देश के रूप में निर्मित करने को प्रबल समर्थन मिला है।
चीनी स्टेट बौद्धिक संपदा अधिकार ब्यूरो के आंकड़ों से जाहिर है कि 2006 और 2010 के बीच पांच सालों की अवधि में स्टेट बौद्धिक संपदा अधिकार ब्यूरो ने कुल 14 लाख 50 हजार से अधिक पेटेंट आवेदनों का इंतजाम किया है, जिस की वार्षिक वृद्धि दर 18 प्रतिशत पहुंची। बीते हुए 2010 में हांगकांग, मकाओ और थाइवान समेत पूरे चीन में कुल दो लाख 93 हजार आविष्कार के पेटेंट प्राप्त हुए हैं, जो इस से पहले के साल से 27.9 फीसदी अधिक है। देश वासियों में पेटेंट के आवेदन कुल आवेदन संख्या के 70 प्रतिशत हो गए हैं, यह संख्या चीन में पेश विदेशियों के आवेदनों की संख्या से तीन गुनी हो गयी। इस से साबित हुआ है कि चीन की सृजन शक्ति तेजी से बढ़ गयी है। संख्या के अलावा पेटेंट की क्वालिटी भी काफी उन्नत हुई है। वर्तमान में चीनियों द्वारा आवेदित पेटेंट के 60 प्रतिशत को स्वीकृति दी जा सकती है, जबकि 2005 में यह अनुपात सिर्फ 40 फीसदी था। स्टेट बौद्धिक संपदा अधिकार ब्यूरो के उप डायरेक्टर बो होंग ने कहाः
स्वतंत्र सृजन और बौद्धिक संपदा अधिकार के बारे में सजगता और शक्ति उन्नत होने के फलस्वरूप चीन में आविष्कार के लिए पेटेंट आवेदन बहुत क्रियाशील रहा है। पेटेंट की क्वालिटी भी स्थिर गति से उन्नत होती गयी है। 2010 में करीब 60 प्रतिशत देशीय पेटेंटों को अनुमति हासिल हुई है, नतीजातः देशीय पेटेंटों के विदेशी पेटेंटों से कम होने की हालत एकदम बदल गयी है।
चीनियों में बौद्धिक संपदा अधिकार के बारे में सजगता की उन्नति के चलते बौद्धिक संपदा अधिकार के उल्लंघन का दमन करने का अभियान भी लगातार गहराई में चलने लगा। 2010 के नम्वर माह में चीनी स्टेट बौद्धिक संपदा अधिकार ब्यूरो समेत अनेक सरकारी विभागों ने संयुक्त रूप से बौद्धिक संपदा अधिकार के उल्लंघन तथा नकली व घटिया तिजारती मालों के उत्पादन व बिक्री पर प्रहार करने का विशेष अभियान चलाना शुरू किया। पिछले तीन महीनों में फर्जी पेटेंट के 233 मामलों का पर्दाफाश किया गया और 7 लाख 30 हजार मालों की जांच-पड़ताल की गयी। अब भी यह अभियान जारी रहा है। इस की चर्चा में श्री बो होंग ने कहाः
भविष्य में चीनी स्टेट बौद्धिक संपदा अधिकार ब्यूरो विशेष निगरानी व निर्देशन का काम चलाता रहेगा, इस साल के जनवरी से फरवरी तक यांगत्सी नदी के डेल्टा क्षेत्र तथा चुच्यांग नदी के डेल्टा क्षेत्र जैसे मुख्य इलाकों में उच्च व नवीन तकनीकों के उत्पादों एवं औद्योगिक डिजाइनों पर छापेमारी की जाएगी। पेइचिंग, च्यांगसू और चेच्यांग जैसे विकसित वाणिज्यिक क्षेत्रों में ओद्योगिक ईकाइयों में सामूहिक रूप से बौद्धिक संपदा अधिकार का उल्लंघन करने वाले मामलों तथा नकली पेटेंट कार्यवाहियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और विशेष मामलों पर निगरानी बढ़ायी जाएगी तथा दंड को कड़ा किया जाएगा, नकली पेटेंट वाले उत्पादों के स्रोत का पता लगाकर उत्पादन की कड़ी समूल उखाड़ दी जाएगी।
इस के अलावा पेटेंट पर प्रशासनिक व न्यायिक काम को भी सुव्यवस्थित किया जाएगा और पेटेंट धारकों व जन समुदाय के हितों की रक्षा की जाएगी। चीनी बौद्धिक संपदा अधिकार ब्यूरो ने पिछले साल में पेटेंट के बारे में प्रशासनिक व न्यायिक कानून में संशोधन व सुधार भी किया, संशोधिक कानून पहली फरवरी 2011 को लागू होगा। चीनी स्टेट बौद्धिक संपदा अधिकार ब्यूरो के विधि विभाग के उप डायरेक्टर सुंग च्यानह्वा ने कहा कि मौजूदा संशोधन में मुख्यतः तीन आशय शामिल है।
पहला, पेटेंट के प्रशासनिक व न्यायिक काम के उद्देश्य व दायरे को निश्चित किया गया। दूसरा, न्यायिक काम में स्टेट ब्यूरो व स्थानीय ब्यूरो के कर्तव्य व कार्यभार निश्चित किए गए और कुछ ठोस मांग पेश की गयी हैं। तीसरा, संशोधन में न्यायिक प्रशासन को सुव्यवस्थित करने पर जोर दिया गया और न्यायिक काम की प्रक्रिया को मानकीकृत किया गया जिस में न्यायिक प्रक्रिया की समय सीमा और सबूत लेने की प्रक्रिया और सुनवाई आदि शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार नयी न्यायिक नियमावली के मुताबिक पेटेंट प्रबंध विभागों के लिए नकली पेटेंट मामले के समाधान के लिए एक महीने की समय सीमा तय की गयी है. जिस के तहत काम की क्षमता बढ़ायी जा सकेगी और पेटेंट धारकों के कानूनी अधिकारों की और अच्छी रक्षा की जा सकेगी।