दोस्तो , पाकिस्तान के सब से बड़े प्रांत पंजाब के गवर्नर की हत्या चार जनवरी को राजधानी इस्लामाबाद में अपने एक अंगरक्षक ने की , यह दिसम्बर 2007 में पूर्व प्रधान मंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद पाकिस्तान में हुई दूसरी राजनीतिक हस्ति की हत्या ही है । विश्लेषकों का कहना है कि तासीर की हत्या से निस्संदेह आवामी पार्टी को और एक करारी चोट लगी है , जिस से पाकिस्तानी राजनीतिक परिस्थिति और अधिक धूमिल हो गयी है ।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि तासीर उसी दिन इस्लामाबाद के एक मार्केट में लंच करने के बाद अपनी कार की ओर लौट रहे थे , तो उन के अंगरक्षकों में से एक ने अचानक उन पर गोलियां बरसायीं , फिर घटनास्थल पर भीड़ंत हुई । पाक पुलिस का कहना है कि 26 वर्षीय हत्यारा मुमताज हुसैन कादर ने गोलियां मारने के बाद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर अपना अपराध कबूल किया । उस ने कहा कि उस ने इसलिये तासीर की हत्या की है , क्योंकि तासीर ने ईश निन्दा कानून में परिवर्तन का समर्थन किया है । कुछ मीडिया ने इस घटना की टिप्पणी में कहा कि यह किसी व्यक्ति का काम है या पीछे और कुछ लोग हैं , इस का अभी तक पता नहीं है ।
1944 में जन्मे तासीर सत्तारुढ़ आवामी पार्टी का उच्च स्तरीय सदस्य थे और आवामी पार्टी में सब से विनम्र और शरीफ हस्तियों में से थे , पाक राष्ट्रपति जरदारी के साथ उन का घनिष्ट संबंध रहा था । उन्हों ने तालिबान और उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में अड़ी हुई अन्य सशस्त्र शक्तियों पर कडी निन्दा की है , हाल ही में उन्हों ने विवादास्पद ईश निन्दा कानून का खुलेआम विरोध किया ।
तासीर की हत्या ने पूरे पाकिस्तान को अचंभे में डाल दिया । राष्ट्रपति जरदारी ने उसी दिन अपने वक्तव्य में शोक व्यक्त किया और गृह मंत्री को इस हत्याकांड की जांच पड़ताल के लिये संयुक्त जांच दल कायम करने का आदेश दिया । पाक प्रधान मंत्री गिलानी ने इस हत्याकांड पर तीव्र निन्दा करते हुए कहा कि हत्यारे को अवश्य ही सजा देनी ही होगी । साथ ही उन्होंने जनता से धैर्य बनाये रखने की अपील की । गिलानी ने यह घोषित भी किया है कि समूचे देश में तासीर के प्रति अगले तीन दिन में शोक प्रकट किया जा रहा है ।
मीडिया का आम विचार है कि तासीर की हत्या ऐसी हालत में हुई , जबकि पाकिस्तान राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है । इस हत्याकांड से वेशक मौजूदा जटिल राजनीतिक परिस्थिति और सुरक्षा और गम्भीर हो गयी है । एक तरफ तासीर की हत्या से सब से बड़े प्रांत पंजाब में आवामी पार्टी की शक्ति कमजोर होगी और मौजूदा पाक सरकार की सत्तारुढ संभावना और धूमिल होगी । इस माह की दो तारीख को सत्तारुढ़ गठबंधन की दूसरी बड़ी पार्टी एमक्यूएम ने अलग होकर विपक्षी दलों में शामिल होने की घोषणा की है , जिस से मौजूदा सरकार पतन के खतरे में पड़ गयी । ऐसी नाजुक घड़ी पर पंजाब में आवामी पार्टी के अधिकारी तासीर की हत्या से आवामी पार्टी के लिये और एक बड़ी नौबत है । दूसरी तरफ आवामी पार्टी संभवतः तासीर की हत्या से हमदर्दी पाकर इस संकट से उबार लेगी ।
तासीर की हत्या से कई घंटे पहले सब से बड़ी विपक्षी पार्टी मुस्लीम लीग शरीफ के नेता शरीफ ने जारी अल्टीमेंटम में प्रधान मंत्री गिलानी से अनुरोध किया कि 72 घंटों के भीतर मुद्रास्फीति और भ्रष्टाचार आदि मामलों के समाधान के बारे में इस पार्टी द्वारा प्रस्तुत मांगों को पूरा किया जाये और आगामी 45 दिनों में ठोस कदम उठाये जाये । यदि पाक अधिकारी उक्त मांगों को पूरा नहीं करें , तो मुस्लीम लीग शरीफ के नेता शरीफ आवामी पार्टी को पंजाब सरकार से बाहर निकालेंगे । लेकिन तासीर की हत्या के बाद मुस्लीम लीग शरीफ के प्रवक्ता ने कहा कि यह अल्टीमेंटम का समय तीन दिन के शोक के बाद शुरु होगा ।
विश्लेषकों का कहना है कि तासीर की हत्या से पाकिस्तानी सुरक्षा स्थिति में और बिगाड़ आयेगी । कुछ लोगों को चिन्ता है कि कहीं इसलामी उग्रवादी आंदोलन के विकास व विस्तार से पंजाब प्रांत उग्रवादियों के प्रहार का शिकार न वन जाये । इस के साथ ही तालिबान समेत सशस्त्र शक्तियां भी इस का बेजा फायदा उठाकर हमला बोलेंगी । बेशक पाक सरकार व जनसमुदाय के लिये मौजूदा सर्दियां और कड़ी होंगी ।