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शरद मौसम में य्वान मिंग य्वान पार्क का दौरा
2010-12-20 14:13:28

यह 350 हैक्टर विशाल क्षेत्रफल वाला पार्क छिंग राजवंश के कई राजाओं ने लगातार कुल 150 वर्षों में समान रुप से निर्मित कर दिया है , पर दुर्भाग्य की वात है कि 1860 में ब्रिटिश व फ्रांसीसी संयुक्त आक्रमणकारी सेनाओं ने इस शानदार शाही पार्क को बरबाद कर राख कर दिया । आज हालांकि इस य्वान मिंग य्वान पार्क ने अपनी रौनक खो दी है, पर शाही उद्यान की छवि फिर भी बरकरार हुई है । आज पेइचिंग के सब से सुनहरे शरद मौसम में हम आप के साथ इस प्रसिद्ध पार्क का दौरा करने जा रहे हैं ।

य्वान मिंग य्वान पार्क का निर्माण 1707 में हुआ था , वह य्वान मिंग य्वान , छांग छुन य्वान और वान छुन य्वान तीनों भागों से गठित है और पूरे पार्क में कुल 150 से ज्यादा दर्शनीय भू दृश्य स्थापित हुए हैं । क्योंकि छिंग राजवंश काल के पांच राजा अकसर राजकीय मामलों से निपटने और मन बहलाने व विश्राम करने के लिये यहां आते थे , इसलिये इस पार्क और पेइचिंग शहर के केंद्र में स्थित पुराने राज्य प्रसाद को चीनी सर्वोच्च अधिकारों का केंद्र माना जाता था , विशेष तौर पर उन्हें शाही उद्यान कहलाया जाता था । फ्रांस के महान साहित्यकार ह्बूगो ने 1861 में इस य्वान मिंग य्वान पार्क की टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप की पूरी काल्पनिक शक्ति में जो चंद्रमा महल जितना शानदार निर्माण उभर कर प्रकाश में आता है , वह ग्राष्मकालीन महल यानी आज का य्वान मिंग य्वान ही है ।

चीन की राजधानी पेइचिंग के पश्चिमी उपनगर में एक विख्यात शाही पार्क य्वान मिंग य्वान पार्क यानी वर्तमान खण्डहर पार्क अवस्थित है। यह 350 हैक्टर विशाल क्षेत्रफल वाला पार्क छिंग राजवंश के कई राजाओं ने लगातार कुल 150 वर्षों में समान रुप से निर्मित कर दिया है , पर दुर्भाग्य की वात है कि 1860 में ब्रिटिश व फ्रांसीसी संयुक्त आक्रमणकारी सेनाओं ने इस शानदार शाही पार्क को बरबाद कर राख कर दिया । आज हालांकि इस य्वान मिंग य्वान पार्क ने अपनी रौनक खो दी है, पर शाही उद्यान की छवि फिर भी बरकरार हुई है । आज पेइचिंग के सब से सुनहरे शरद मौसम में हम आप के साथ इस प्रसिद्ध पार्क का दौरा करने जा रहे हैं ।

य्वान मिंग य्वान पार्क का निर्माण 1707 में हुआ था , वह य्वान मिंग य्वान , छांग छुन य्वान और वान छुन य्वान तीनों भागों से गठित है और पूरे पार्क में कुल 150 से ज्यादा दर्शनीय भू दृश्य स्थापित हुए हैं । क्योंकि छिंग राजवंश काल के पांच राजा अकसर राजकीय मामलों से निपटने और मन बहलाने व विश्राम करने के लिये यहां आते थे , इसलिये इस पार्क और पेइचिंग शहर के केंद्र में स्थित पुराने राज्य प्रसाद को चीनी सर्वोच्च अधिकारों का केंद्र माना जाता था , विशेष तौर पर उन्हें शाही उद्यान कहलाया जाता था । फ्रांस के महान साहित्यकार ह्बूगो ने 1861 में इस य्वान मिंग य्वान पार्क की टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप की पूरी काल्पनिक शक्ति में जो चंद्रमा महल जितना शानदार निर्माण उभर कर प्रकाश में आता है , वह ग्राष्मकालीन महल यानी आज का य्वान मिंग य्वान ही है ।

य्वान मिंग य्वान वाकई चीनी वास्तु कलाओं की ठेठ मिसाल कहलाने लायक ही है । पूरे पार्क में तीन हजार वर्ष पुरानी चीनी वास्तु शैलियों से अत्यंत आकर्षित भू दृश्यों का रुप दिया गया । इसलिये यहां पर शाही निर्माणों की शान शौकत नजर आती ही नहीं , बल्कि दक्षिण चीन की जलीय ग्रामीण वास्तु शैली भी देखने को मिलती है । इस के अलावा छिंग राजवंश के राजाओं ने यूरोपीय वास्तु शैली से पश्चिमी इमारत नामक बगीचानुमा निर्माण भी कर दिया । य्वान मिंग य्वान खण्डहर पार्क के गाईड ल्यू निंग के अनुसार पश्चिमी इमारत की डिजाइन एक पश्चिमी फादर ने की है , जबकि उस का निर्माण चीनी निर्माताओं ने किया है , निर्माण का आकार प्रकार यूरोपीय कला बहाली की अंतिमकालीन शैली पर आधारित है । साथ ही य्वान मिंग य्वान पार्क में दसेक पश्चिमी निर्माणों में विशाल फव्वारा नामी भू दृश्य सब से चर्चित है ।

उन्होंने कहा कि विशाल फव्वारा नामी भू दृश्य का खण्डहर तीन निर्माण समूहों से गठित है , सब से ऊपरी भाग पर मकान अंगूर रुपी नक्काशीदार खंभों से निर्मित हुए हैं , तत्काल में पश्चिमी आदरणीय महिलाएं यहां रहती थीं , पहले मकानों में कुछ पश्चिमी आकार वाले फर्नियर रखे हुए थे . मकान के सामने बड़ा फव्वारा लगा हुआ है । फव्वारा के आगे गलादाऊदी तालाब है । तत्काल में तालाब के बीचोंबीच हिरण की एक कांस्य मूर्ति खड़ी हुई थी , हिरण के सिंगों पर 8 छद लगे हुए थे , जबकि फव्वारा इन 8 छदों से बाहर निकल जाता था । हिरण की मूर्ति की चारों ओर दस दौड़ते कुत्तों की मूर्तियां भी खड़ी की गयी हैं , जब हर कुत्ते के मुंह से फव्वारा निकलता है , तो फव्वारा प्रत्यक्ष रुप से तालाब के बीचोंबीच खड़ी हिरण की मूर्ति पर गिर जाता है , जिस से दृश्य अत्यंत शानदार दिखायी देता है ।

ल्यू निंग ने विशाल फव्वारा की ओर इशारा करते हुए कहा कि तत्काल में यहां पर एक बड़ा 13 मंजिला चौकोर फव्वारा मिनार भी खड़ा हुआ था , जब मिनार के सिर से निकलने वाले पानी का बहाव सीधे तौर पर तालाब में गिर जाता था , तो मिनार के ईर्दगिर्द लगे कुल 18 कांस्य पाइपों से पानी का फव्वारा भी साथ साथ दिखायी देने लगता था , सुना जाता है कि इसी वक्त फव्वारा की गरज कई किलोमीटर दूरी तक सुनायी देती थी ।

हालांकि य्वान मिंग य्वान पार्क की वास्तु शैली यूरोपीय विशेषता से युक्त है , पर विशाल फव्वारा मिनार के निर्माण व सजावट में चीनी परम्परागत वास्तु कला का प्रयोग भी किया गया है । य्वान मिंग य्वान की सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शनी में विशाल फव्वारा मिनार में निर्मित एक जोड़ी पत्थर मछली प्रदर्शित हैं । य्वान मिंग य्वान पार्क के प्रबंधन विभाग में कार्यरत सुश्री छन ह्वी ने इस का परिचय देते हुए कहा

विशाल फव्वारा मिनार चीनी व पश्चिमी वास्तु शैलियों से युक्त निर्माण समूह की ठेठ मिसाल है । यहां पर इस जोड़ी के पत्थर मछलियां पश्चिमी मूर्ति कला के बजाये चीनी मूर्ति कला से बनायी गयी हैं । यू यानी मछली का अर्थ है शकुन और खुशहाली । इस जोड़ी की पत्थर मछलियां इतनी बारीकी से तराशी गयी हैं कि देखने में जीती जागती लगती हैं । इस से छिंग राजवंश के छ्येन लुंग काल की उच्च कोटि की नक्काशीदार कला दर्शायी गयी है ।

पर खेद की बात है कि अक्तूबर 1860 में ब्रिटेन व फ्रांस की संयुक्त सेना ने य्वान मिंग य्वान पार्क पर कब्जा कर पागपनभरी लूट मार मचायी और तोड़फोड़ की और फिर दो दिन रात चली आग्नि से इस शानदार शाही य्वान मिंग य्वान पार्क को जलाकर भस्म कर दिया । जिस से चीनियों के दिल में अमिट दुखदायी याद छोड़ी गयी है । 70 वर्षिय बुजुर्ग च्यांग पिछले बीसेक सालों में लगभग हर सप्ताह दो तीन बार य्वान मिंग य्वान घूमने जाते हैं , वे इस पार्क के प्रति विशेष भावना लिये हुए हैं । उन का कहना है

य्वान मिंग य्वान पार्क का प्राकृतिक दृश्य बहुत दर्शनीय है , यहां पर कुछ पुराने अवशेष देखने को भी मिलते हैं , इस के अलावा विदेशी भू दृश्यों के नमूने भी देख जा सकते हैं , पश्चिमी भवन भी उन में से एक है । मुझे विशाल फव्वारा मीनार बहुत पसंद है , वह इतिहास का साक्षी है । अफसोस की बात है कि वे सब के सब आग जलाकर भस्म हो गये हैं ।

इस ऐतिहासिक दुखांत को हुए पूरे 150 साल हो चुके हैं । 2010 य्वान मिंग य्वान वापस सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शनी में दर्शकों को वापस आये मूल्यवान पत्थर नक्काशी , जेट पात्र , कांस्य पात्र और चीनी मिट्टी बर्तनों के टुकड़े आदि सांस्कृतिक अवशेष प्रदर्शित हुए हैं । हालांकि ये पुराने सांस्कृतिक अवशेष टुटे फटे हुए हैं , पर फिर भी वे य्वान मिंग य्वान का द्योतक हैं । य्वान मिंग य्वान पार्क के प्रबंधन विभाग के कर्मचारी छन ह्वी ने कहा

य्वान मिंग य्वान के पुराने सांस्कृतिक अवशेष पिछले अनेक वर्षों के वैज्ञानिक पुरातत्वीय खुदाई में प्राप्त हुए हैं । हालांकि वे टूटे फटे हैं , पर वे य्वान मिंग य्वान पार्क के पुराने सांस्कृतिक अवशेषों की वास्तविक सूरत का प्रतिनिधित्व हैं , वे य्वान मिंग य्वान की भव्यता और अपमान का साक्षा हैं ।

1988 में य्वान मिंग य्वान पार्क चीनी राष्ट्रीय स्तरीय संरक्षित सांस्कृतिक अवशेष इकाइयों में घोषित हो गया । पिछले अनेक वर्षों के संरक्षण व मरम्मत के जरिये वर्तमान य्वान मिंग य्वान पार्क में नया निखार आ गया है । य्वान मिंग य्वान पार्क में कार्यरत कर्मचारी सुश्री वांग च्युन य्येन ने इस का परिचय देते हुए कहा

य्वान मिंग य्वान एक मानव निर्मित पार्क है । पार्क में जो सभी पर्वत व नद नदियां नजर आती हैं , वे सब मानवकृत रुप से निर्मित हुई हैं । क्योंकि य्वान मिंग य्वान पार्क में जितने ज्यादा निर्माणों की हू ब हू बहाली करना असम्भव है , इसलिये वेलत ऐतिहासिक सूरत के आधार पर पर्वतीय व जलीय व्यवस्था की मरम्मत की गयी है ।

आज का य्वान मिंग य्वान खण्डहर पार्क एक ऐतिहासिक व प्राकृतिक विशेष पहचान वाला भू दृश्य ही नहीं , बल्कि पेइचिंग शहर का एक दर्लभ रमणीय पर्यटन स्थल भी जाना जाता है ।

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