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सर्दियों में बगुआ देखने के लिये छाओ हाई जाओ
2010-12-06 16:58:54
हर साल की सर्दियों में लाख से अधिक मौसमी पक्षियां उत्तर से उड़कर यहां आती हैं और वे यहां पर लम्बी शीतकालीन सर्दियों से बचने के लिये अपना काफी गर्म घर बनाते हैं , जिन में चीनी राष्ट्रीय प्रथम दर्जे वाले संरक्षित जानवर काले गले वाले बगुआ भी शामिल हैं । आज के इस कार्यक्रम में हम आप को वहां पर ठहरे दुर्लभ प्यारे पक्षियों को देखने के लिये छाओ हाई क्षेत्र ले जायेंगे।

छाई हाई क्षेत्र दक्षिण पश्चिमी चीन स्थित क्वे चओ प्रांत के वई निंग ई , ह्वी व म्याओ जातीय स्वशासित कांऊटी में है और वह चीन की सब से बड़ी मीठे पानी वाली झीलों में एक मानी जाती है । क्योंकि इस क्षेत्र में जलीय जंतुओं और वनस्पति की खूब भरमार होती है और धूप भी पर्याप्त है , इसलिये हर वर्ष की सर्दियों में बड़ी तादाद में विभिन्न किस्मों वाले पक्षियां उड़कर यहां आ बसते हैं । आंकड़ों के अनुसार हर सर्दियों में कुल 203 किस्मों के लाख से अधिक पक्षियां यहां आ बसते हैं । अतः छाई हाई घास समुद्र पक्षियों के स्वर्ग के नाम से काफी नामी हो गया है ।

क्या आप को मालूम है कि दक्षिण पश्चिम चीन के क्वेचओ प्रांत में छाओ हाई नामक पठारीय दलदल भूमि पायी जाती है । हर साल की सर्दियों में लाख से अधिक मौसमी पक्षियां उत्तर से उड़कर यहां आती हैं और वे यहां पर लम्बी शीतकालीन सर्दियों से बचने के लिये अपना काफी गर्म घर बनाते हैं , जिन में चीनी राष्ट्रीय प्रथम दर्जे वाले संरक्षित जानवर काले गले वाले बगुआ भी शामिल हैं । आज के इस कार्यक्रम में हम आप को वहां पर ठहरे दुर्लभ प्यारे पक्षियों को देखने के लिये छाओ हाई क्षेत्र ले जायेंगे ।

छाई हाई क्षेत्र दक्षिण पश्चिमी चीन स्थित क्वे चओ प्रांत के वई निंग ई , ह्वी व म्याओ जातीय स्वशासित कांऊटी में है और वह चीन की सब से बड़ी मीठे पानी वाली झीलों में एक मानी जाती है । क्योंकि इस क्षेत्र में जलीय जंतुओं और वनस्पति की खूब भरमार होती है और धूप भी पर्याप्त है , इसलिये हर वर्ष की सर्दियों में बड़ी तादाद में विभिन्न किस्मों वाले पक्षियां उड़कर यहां आ बसते हैं । आंकड़ों के अनुसार हर सर्दियों में कुल 203 किस्मों के लाख से अधिक पक्षियां यहां आ बसते हैं । अतः छाई हाई घास समुद्र पक्षियों के स्वर्ग के नाम से काफी नामी हो गया है ।

चालू वर्ष के शुरू में जानवरों के शौकिन छन च्येन नाना प्रकार के खूबसूरत पक्षियों को देखने के लिये विशेष तौर पर छाओ हाई गया । उस ने हमारे संवाददाता के साथ अपना अनुभव बताते हुए कहा

एक दिन हम एक छोटी नाव पर सवार होकर बड़े आराम से छाओ हाई की ओर रवाना हुए ।छाओ हाई एक 25 वर्गकिलोमीटर क्षेत्रफल वाली मीठे पानी की झील है, उस का अपार समतल स्वच्छ पानी बहुत सुंदर और भव्यदार लगता है।

सुंदर चित्र जैसे प्राकृतिक दृश्य से प्रभावित होकर पर्यटक छन च्येन वापस लौटना भी भूल गया , काले गले बगुआ देखना उस के लिये और ज्यादा महत्वपूर्ण है । अतः हमारे संवाददाता उस के साथ काले गले बगुआ की नजदीगी निकलने लगे । श्री छन ने इस का परिचय देते हुए कहा कि काले गले बगुआ पठार पर बसे दुर्लभ बगुओं में से एक है और वह चीन में पाये जाने वाला दुर्लभ पक्षी भी माना जाता है । काले गले बगुआ को सुंदर लम्बे गले से पुकारा जाता है । आज की दुनिया में अधिकांश काले गले बगुआ चीन की छिंग हाई तिब्बत पठार , युन्नान क्वेचाओ पठार और उत्तर सछ्वान प्रांत में बसे हुए हैं ।

जब हमारे संवाददाता और श्री छन के बीच बातचीत हो रही थी , तो विशाल झील से पक्षियों की चहचहाहट ने श्री छन का ध्यान आकृष्ट किया ।

श्री छन ने कहा कि गौर से सुनो , काले गले बगुओं की विशेष आवाज सुनाई पड़ रही है । हमारे संवाददाता श्री छन के साथ जब झील के पास पहुंचे , तो कई खूबसूरत काले गले बगुआ पानी और झील के तट पर क्रिड़ा करते हुए दिखाई दे रहे थे ।

अब हम ने पांच छै काले गले बगुआओं को देख लिया है , हम उन के पास चुपचाप से जा रहे हैं । ऊधर देखो , धान खेत के पास बैठे हुए दो काले गले बगुआ आराम कर रहे हैं , काले सिर , सफेद शरीर सचमुच बहुत प्यारे लगते हैं , वे यहां पर निश्चिन्त रूप से स्वतंत्र जीवन बिता रहे हैं ।

रिपोर्ट के अनुसार चालू वर्ष के जनवरी में सर्दियों से बचने के लिये एक हजार दो सौ से अधिक काले गले बगुआ छिंगहाई तिब्बत पठार से उड़कर छाऔ हाई आ बसे , अब छाऔ हाई झील क्षेत्र चीनी काले गले बगुआओं का सर्दियों से बचने वाला सब से अच्छा इलाका बन गया है । बेशक , यह स्थानीय संबंधित विभागों द्वारा उठाये गये सिलसिलेवार संरक्षित कदमों से भी अगल नहीं किया जा सकता है।

वई निंग कांऊटी के पर्यावरण संरक्षण विभाग के जिम्मेदार व्यक्ति वांग ल्यांग ने इस का परिचय देते हुए कहा

हम ने निम्न कई कदम उठा दिये हैं कि एक , आसपास के व्यापक जन समुदाय को छाऔ हाई झील क्षेत्र और काले गले बगुआओं के संरक्षण का महत्व समझाने पर जोर दिया गया है । दो , सरकार ने काले गले बगुआओं के अस्तित्व सवाल के समाधान के लिये नियमित रूप से खिलाने का बंदोबस्त किया है । तीन , गैर कानूनी तौर पर काले गले बगुआओं को मारने पर रोक लगायी गयी है । ऐसा कहा जा सकता है कि इधर सालों में काले गले बगुआ को गैर कानूनी तौर पर पकड़ने या मारने की कोई घटना नहीं हुई , जिस से काले गले बगुआओं की अस्तित्व व विकास की गुंजाइश को सुनिश्चित किया गया है।

साथ ही स्थानीय सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को लोकप्रिय बनाने में भी तेजी लायी है और स्थानीय वासियों को मानव व प्रकृति और मानव व पक्षियों के सामंजस्यपूर्वक साथ साथ रहने की धारणा का प्रचार प्रसार किया । स्थानीय सरकार के प्रचार प्रसार की वजह से स्थानीय किसानों की धारणा में भी सुधार आया है , अब उन्हों ने पक्षियों के संरक्षण के महत्व को ज्यादा समझ लिया है और सजगता से पक्षिय़ों की रक्षा करने के लिये प्रयास किया है।

पता चला है कि चालू वर्ष की शुरुआत में दक्षिण चीन में भयंकर बर्फबारी विपत्ति पैदा हुई , क्वेचओ प्रांत भी इस का अपवाद नहीं है, ऐसी स्थिति में स्थानीय किसानों ने काले गले बगुआओं को बचाने के लिये प्रतिदिन स्वेच्छा से एक हजार पांच सौ किलोग्राम से अधिक मक्कई निकाल कर खिला दिया है , जिस से काले गले बगुआओं का संरक्षण किया गया है । इधर सालों में प्रतिवर्ष काले गले बगुआओं की संख्या में करीब चार प्रतिशत की वृद्धि बनी रही है ।

वई निंग कांऊटी के प्राईमरी व मीडिल स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण का विषय पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया है , ताकि बाल बच्चे बचपन से पर्यावरण संरक्षण में सजग हो सके । इस कांऊची के नम्बर एक प्राईमरी स्कूल की छात्रा थांग छाओ ने कहा कि दर्लभ पक्षियों का संरक्षण उस की और अपने परिवार के सभी सदस्यों की समान अभिलाषा ही है ।

उस ने कहा कि स्कूल में हुई एक पर्यावरण संरक्षण गतविधि में मैं ने पर्यावरण और पक्षियों जैसे जानवरों के संरक्षण का महत्व समझ लिया है , चाहे राष्ट्रीय दर्जे वाले संरक्षित पक्षी हो या न हो , सभी प्राणों का संरक्षण करना अत्यावश्यक है । इधर सालों में मेरे पापा ने पक्षियों द्वारा फसल बरबाद किये जाने पर शिकायत नहीं की है , इतना ही नहीं , उन्हों ने अभी अकसर गांववासियों के साथ पक्षियों के संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों में भाग लिया है । मेरा विचार है कि अब गांववासी छाऔ हाई झील क्षेत्र में रहने वाले वासियों का सुखी जीवन बनाने और काले गले बगुआओं की रक्षा करने के लिये हरसंभव प्रयास करते हैं ।

वर्तमान में क्वे चओ प्रांत छाई हाई झील क्षेत्र की रक्षा के लिये आसपास के पर्वतों को घेर कर वृक्षारोपण करने जैसे कदम उठा दिये हैं , जिस से छाऔ हाई झील क्षेत्र के पारिस्थितिकि पर्यावरण में उल्लेखनीय सुधार आया है । अब हर वर्ष सर्दियों से बचने के लिये नाना प्रकार वाले एक लाख से अधिक पक्षियां छाई हाई में आ बसते हैं । आज के छाई हाई झील क्षेत्र में मानव जाति व पक्षियों के बीच सामंजस्यपूर्ण रूप से साथ साथ रहने का चित्र विचित्र दृश्य व्याप्त है ।

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