Web  hindi.cri.cn
शाही विश्वविद्यालय की नजर
2010-11-30 14:59:17
पेइचिंग के आन तिन मन के भीतर एक बहुत शांतिमय व हरी भरी पुरानी सड़क क्वो ची च्येन अवस्थित है , उस का नाम इसी सड़क पर खड़े प्राचीन भवन क्यो ची च्येन के आधार पर रखा गया है । असल में क्वो ची च्येन प्राचीन काल में चीन का सर्वोच्च प्रतिष्ठान और शिक्षा प्रशासनिक प्रबंधन संस्था था। उस के पूर्वी बगल में कंफ्यूशेस मंदिर है , चीन के जितने भी ज्यादा राजा पूजा करने के लिये यहां आते थे । मंदिर में निर्मित दो ग्रुपों की इमारतें पिछले दो हजार वर्षों में चीनियों द्वारा कंफ्यूशेस विचारधारा का सम्मान करने का ऐतिहासिक साक्षी हैं । क्वो ची च्येन सड़क के बाहर भीड़ें जमी हुई है और शोर सुनाई पड़ती है , पर एक ऊंचे मंडप के पीछे इस सड़के के पीछे छायादार पेड उगे हुए हैं और पूरी सड़क पर एकदम शांतिमय है , मानो दोनों दुनिया में हो । क्वो ची च्येन में कार्यरत कर्मचारी यू च्यू छन क्वो ची च्येन के इतिहास से खूब परिचित हैं , वे अब विशेष तौर पर आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को क्वो ची च्येन के इतिहास से अवगत कराने का काम संभालते हैं ।

पिछले कोई दो हजार वर्षों में अंगिनत पीढियों के चीनी लोगों ने इसी काव्य सूत्र में संकलित कविताओं को कंठस्थ करते हुए अपना पढाई जीवन शुरु कर दिया । आज चीनी राष्ट्र के पूर्वजों द्वारा रचित कविताओं के आधार पर जो मधुर संगीत तैयार हुए हैं , फिर पेइचिंग की पुरानी क्वो ची च्येन सड़क पर सुनने को मिलते हैं । आज के इस कार्यक्रम में हम आप को इस सड़क पर स्थित कोई सात सौ वर्ष पुराने शाही विश्वविद्यालय क्वो ची च्येन का दौरा करने ले चलते हैं ।

पेइचिंग के आन तिन मन के भीतर एक बहुत शांतिमय व हरी भरी पुरानी सड़क क्वो ची च्येन अवस्थित है , उस का नाम इसी सड़क पर खड़े प्राचीन भवन क्यो ची च्येन के आधार पर रखा गया है । असल में क्वो ची च्येन प्राचीन काल में चीन का सर्वोच्च प्रतिष्ठान और शिक्षा प्रशासनिक प्रबंधन संस्था था। उस के पूर्वी बगल में कंफ्यूशेस मंदिर है , चीन के जितने भी ज्यादा राजा पूजा करने के लिये यहां आते थे । मंदिर में निर्मित दो ग्रुपों की इमारतें पिछले दो हजार वर्षों में चीनियों द्वारा कंफ्यूशेस विचारधारा का सम्मान करने का ऐतिहासिक साक्षी हैं । क्वो ची च्येन सड़क के बाहर भीड़ें जमी हुई है और शोर सुनाई पड़ती है , पर एक ऊंचे मंडप के पीछे इस सड़के के पीछे छायादार पेड उगे हुए हैं और पूरी सड़क पर एकदम शांतिमय है , मानो दोनों दुनिया में हो । क्वो ची च्येन में कार्यरत कर्मचारी यू च्यू छन क्वो ची च्येन के इतिहास से खूब परिचित हैं , वे अब विशेष तौर पर आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को क्वो ची च्येन के इतिहास से अवगत कराने का काम संभालते हैं ।

उन का कहना है कि पेइचिंग क्वो ची च्येन का निर्माण य्वान राजवंश काल में हुआ था , फिर वह य्वान , मिंग और छिंग राजवंश कालों का सर्वोच्च प्रतिष्ठान रहा था , साथ ही उक्त राजवंशों की शिक्षा प्रशासनिक प्रबंधन संस्था भी था । पर ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाये , तो ईसापूर्व 124 वर्ष में हान राजवंश के राजा ऊ ती के शासन काल में यहां पर विश्वविद्यालय स्थापित हुआ , फिर ईस्वीं 607 वर्ष में स्वी राजवंश काल में क्वो ची च्येन का नाम दिया गया , तब से लेकर आज तक यह स्थल इसी नाम से जाना जाता रहा है ।

क्वो ची च्येन का क्षेत्रफल तीस हजार वर्ग मीटर विशाल है , कुल तीन परिसरों में बटा हुआ है , प्रमुख भवन बीचोंबीच में स्थित पी योंग भवन ही है , यह चौकोर आकार वाला आलीशान भवन एक ऐसा क्लासरूम है , जहां राजा छात्रों को पढाई करते थे , इस भवन के ईर्द गिर्द खड़े मकान इसी शाही विश्वविद्यालय के विभिन्न कलास के कलासरुप व दफ्तर थे । पी योंग भवन में प्रदर्शित राजा के पढाई चित्र में तत्कालीन भव्यदार हालत की झलक नजर आती है । सामती राजवंशों के खत्म के बाद क्वो ची च्येन शाही विश्वविद्यालय एक समय में सुनसान पड़ा था , पर आज पुनर्निमित क्वो ची च्येन शाही विश्वविद्यालय में नया निखार आया है , यहां पर कंफ्यूशेस मंदिर का क्वो ची च्येन म्युजियम निर्मित हुआ और वह अपनी विशेष ऐतिहासिक पहचान व निर्माणों से अधिकाधित देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है , इतना ही नहीं , क्वो ची च्येन सड़क भी चीन में प्रथम खेप की दस प्रसिद्ध ऐतिहासिक सड़कों की गिनती में आ गयी है । मशहूर चीनी इतिहासकार व कंफ्यूशेस मंदिर तथा क्वो ची च्येन म्युजिमय के माननीय प्रधान य्येन छुंग न्येन ने कहा

पेइचिंग क्वो ची च्येन सड़क चीन की दस प्रसिद्ध ऐतिहासिक सड़कों की गिनती में कर दी गयी है , इस का भारी महत्व है , जिस से समूचा चीन व सारी दुनिया पेइचिंग शहर की क्वो ची च्येन सांस्कृतिक सड़क से परिचित हो गयी है । क्वो ची च्येन तत्काल में चीन की सब से उच्च स्तरीय प्रतिष्ठान है , यहां पर तत्कालीन राजाओं द्वारा सूत्र सुनाने का स्थल भी उपलब्ध है । यहां पर चीनी पारम्परिक संस्कृति भी प्रदर्शित हो गयी है ।

आज क्वो ची च्येन परिसर में घूमते हुए पुराने अवशेष देखने को मिलते हैं , परिसर में लगा कई सौ वर्ष पुराना समय यंत्र पहले की ही तरह समय बताने का काम देता है , पी योंग मुख्य भवन के बीचोंबोच राजा की कुर्सी च्यों का त्यों रखी हुई है , साथ ही कई शिला लेख , जिन पर पिछले छै सौ वर्षों के दौरान अधिकारी परीक्षाओं में विजेताओं के नाम अंकित हुए हैं , असाधारण हस्तियों के मंदिर में हू ब हू सुरक्षित हुए हैं , जबकि नव निर्मित कंफ्यूशेस की मूर्ति चुपचाप से यहां के तमाम परिवर्तन देख रही है । हालांकि आज छुट्टि का दिन नहीं है , पर फिर भी बहुत ज्यादा पर्यटन देखने यहां आते हैं , कुछ अभिभावक अपने बच्चों के लिये प्रार्थना करने आते हैं , कुछ जवान लोग पुरानी चीनी संस्कृति को महसूस करने भी आते हैं , इस के अलावा कुछ विदेशी पर्यटक पूर्वी सांस्कृतिक भावना की खोज करने के लिये यहां के दौरा पर आते हैं । पूर्तगान से आयी मारिया एक अनुभवी वास्तु निर्माण डिजाइनर हैं , वे क्वो ची च्येन की विशेष वास्तु शैली व गहरी सांस्कृतिक निचोड से अत्यंत प्रभावित हुई हैं । उन्हों ने अपनी समीक्षा में कहा

क्वो ची च्येन एक अत्यंत असाधारण जगह है , यहां पर अकादमिक वातावरण बहुत गाढ़ा है , मैं कल्पना कर सकती हूं कि तत्काल में परीक्षार्थियों की क्या स्थिति है , क्वो ची च्येन में प्रदर्शित राजाओं की पढाई करने और छात्रों की परीक्षा में भाग लेने के चित्र देखकर चीन के गहरी सांस्कृतिक निचोड़ को महसूस कर सकती हूं । मैं खुद कंफ्यूशेस संस्कृति में रुचि लेती हूं और इसी नाम से क्वो ची च्येन आयी हूं , पुर्तगाल में मैं क्वो ची च्येन के बारे में कुछ सुना था , साथ ही मुझे इस वास्तु शैली पर बहुत ताजुब हुआ है कि चीनी वास्तु निर्माणों में किसी लौहे किल का प्रयोग नहीं किया जाता ।

चीनी जवानों की नजरों में क्वो ची च्येन एक बेहद आकर्षित जगह भी है । हू पेह च्यांग हान विश्वविद्यालय के छात्र तिंग हाओ ने कहा कि क्वो ची च्येन सड़क पर कदम रखते ही पुराने सीधे सादे व शांतिमय वातावरण से बहुत प्रभावित हुआ । उस ने कहा

मैं ने अभी भी कंफ्यूशेस मंदिर का दौरा किया , वहां पर बहुत ज्यादा शिलालेख पढे , मुझे लगता है कि शिलालेखों पर अंकित हर व्यक्ति का नाम असाधारण है , यह दसेक वर्षों के परिश्रम व महनत करने का सुफल है । क्योंकि मैं अभी एक विश्वविद्यालय छात्र हूं , ये शिलालेख मेरे लिये एक प्रकार की प्ररेक शक्ति है ।

सांस्कृतिक अवशेषों की प्रदर्शनी को छोड़कर क्वो ची च्येन एक क्रियाशील आकादमिक आदान प्रदान अखाड़ा भी है । जब हमारे संवाददाता यहां के दौरे पर आ पहुंचे , तो संयोग की बात है कि प्रसिद्ध चीनी विद्वान वन ह्वाई शा चीनी साहित्य की पढाई कर रहे थे । 90 वर्षिय साहित्यकार भरपूर भावना लिये चीनी सांस्कृतिक निचोड़ का व्याख्यन करते दिखायी देते हैं , जिस से दर्शकों ने भाव विभोर होकर वाहवाही कर दी । इस म्युजियम के कर्मचारी ने कहा कि इसी प्रकार वाली सांस्कृतिक संगोष्ठी अकसर होती है , पर फिर भी लोगों की ज्ञान प्राप्त करने की तीव्र तमंन्ना पूरी नहीं हो पाती ।

संदर्भ आलेख
आप की राय लिखें
सूचनापट्ट
• वेबसाइट का नया संस्करण आएगा
• ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा
• दस सर्वश्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन
विस्तृत>>
श्रोता क्लब
• विशेष पुरस्कार विजेता की चीन यात्रा (दूसरा भाग)
विस्तृत>>
मत सर्वेक्षण
निम्न लिखित भारतीय नृत्यों में से आप को कौन कौन सा पसंद है?
कत्थक
मणिपुरी
भरत नाट्यम
ओड़िसी
लोक नृत्य
बॉलिवूड डांस


  
Stop Play
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040