प्रिय श्रोताओ , अब हम प्रसिद्ध ह्वांग क्वो शू झरने के पास आ पहुंचे हैं । यहां खड़े होकर आप को यह महसूस होता है कि पूरे वायु मंडल में नमी पतला कोहरा व्याप्त रहा है , मानो छुटपुट वर्षा हो रही हो , बड़ा ठंडक और शीतल लगता है । बहुत से पर्यटक इस सुंदर भू दृश्य के सामने फोटो खिंचने में होड़ सी लगाते हुए दिखाई देते हैं ।
ह्वांग को शू झरना एक बड़ा झरना समूह है , उस के आसपास 20 वर्गकिलोमीटर विशाल क्षेत्र में अजीबोगरीब छोटे बड़े झरने देखने को मिलते हैं , उन में 101 मीटर चौड़ा व 77.8 मीटर ऊंचा सब से बड़ा झरना साल भर में पर्याप्त जल मात्रा में नीचे गिरकर बहता रहता है , देखने में बहुत भव्यदार लगता है ।
ह्वांग को शू पर्यटन स्थल में हरे भरे पर्वत , स्वच्छ चश्मा , अजीबोगरीब चोटियां और पत्थर पाये जाते हैं । बड़ी तादाद में सरिताएं व नद नदियां कभी कल कल कर घाटियों से होकर आगे बह जाती हैं , कभी जमीन के नीचे जा कर भूमिगत नदियों का रुप लेते हैं । स्वच्छ पानी और नीले आसमान के दर्शनीय प्राकृतिक दृश्य में यदि पर्यटक हरे भरे पर्वत समूहों में घूमते हुए प्राकृतिक आक्सिजन बार की ताजा हवा खाएंगे , तो कितना बड़ा सुखद होगा । हमारे स्थानीय गाइड ने बड़े गर्व के साथ यहां के विशेष सौंदर्य का परिचय देते हुए कहा झरना के पास खड़े होकर आप को पानी के जो फवार लगते हैं , उस में आक्सिजन अनिओं की मात्रा बहुत ज्यादा निहित है , हरेक सैंडीमीटर क्षेत्र में 28 हजार आक्सिजन अनिओं गर्भित हैं , यहां फेफड़े को धोने वाली सब से अच्छी जगह है ।
ह्वांग को शू बड़ा झरना ह्वांग क्वो शू झरना समूह में सब से शानदार झरना जाना जाता है , साथ ही वह विश्व में एक ऐसा झरना भी है , जो ऊपर , नीचे , आगे , पीछे , बायं व दायं इन छै तरफों से इस विशाल झरने को साफ साफ देखा जा सकता है और वह विश्व में जलीय पर्दे वाला झरने के नाम से भी नामी है । यहां पर जलीय पर्दे के पीछे एक जलीय गुफा भी उपलब्ध है । इस गुफे की गहराई 20 मीटर से अधिक है और गुफे का मुंह साल भर में झरनों से अच्छादित हुआ है और गुफे के झरोखे से प्राकृतिक जलीय पर्दा नजर आता है ।
हमारे गाईड ने इस का परिचय देते हुए कहा कि ह्वांग क्वो शू झरना चीन का सब से बड़ा झरना है और वह विश्व के प्रसिद्ध झरनों में से एक है , उल्लेखनीय है कि वह विश्व में छै तरफों से साफ साफ देखने को मिलने वाला एक मात्र झरना भी है । 134 मीटर लम्बा जलीय पर्दा भी पाया जाता है । इस से वह विश्वविख्यात बड़ा झरने की गिनती में आता ही नहीं , बल्कि आसपास के 20 वर्गकिलोमीटर विशाल व्यास वाले क्षेत्र में 9 दर्जों वाले 18 छोटे बड़े चम्मे भी बिखरे हुए हैं । इतना ही नहीं , ह्वांग क्वो शू झरने की तलहटी में 17.7 मीटर गहरा कुम्भ भी है ।
ह्वांग क्वो शू पर्यटन स्थल में दर्शनीय प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ लेने के साथ साथ स्थानीय स्वादिष्ट पकवान चखने को भी मिलते हैं । पो पो मिठाई नामक स्थानीय पकवान उन में बेहद चर्चित है ।
पो पो मिठाई हमारे क्वे चओ प्रांत में बसी अल्पसंख्यक जातियों का एक विशेष पकवान है , मिंग राजवंश में अल्पसंख्यक जातियों में से एक म्याओ जाति के राजमहल में यह पकवान बहुत लोकप्रिय था , बाद में धीरे धीरे आम लोगों में प्रचलित होने लगा ।
पो पो मिठाई चिपचिपा चावल के पाउडर व भुने हुए तिल को मिलाकर बनायी जाती है । यह मिठाई खाने में बड़ा मजेदार ही नहीं , बल्कि बहुत पुष्टिकर भी है , साथ ही वह खांसी का उपचार करने का काम भी देती है ।
ह्वांग को शू झरना पर्यटन स्थल में अनौखा प्राकृतिक दृश्य और स्वादिष्ट पकवान छोड़कर म्याओ और पुई समेत अनेक अल्पसंख्यक जातियां बसी हुई हैं । घाटियों व पर्वतों के बीच अकसर अल्पसंख्यक जातियों की युवतियों की पहाड़ी गीत गाने की सुरिली आवाज सुनायी देती है । साथ ही झरना समूह के पास खड़े होकर पर्यटक बातों से बात करने वाले सीधी खड़ी चट्टानों के ऊपर गिरने वाले पानी पर्दे को देखकर मानो किसी स्वर्ग में प्रवेश गये हो ।
अब ह्वांग को शू प्रसिद्ध विश्व प्राकृतिक विरासतों में से एक होने की वजह से बड़ी तादाद में देशी विदेशी पर्यटकों को मोहित कर लेता है । पर अधिकतर लोगों को मालूम नहीं है कि दस साल से पहले यह दर्शनीय स्थल अपने पारिस्थितिकि पर्यावरण की वहज से विश्व प्राकृतिक विरासत की नामसूची में शामिल नहीं हो पाया । ह्वांग क्वो शू पर्यटन स्थल की प्रबंधन कमेटी की उप प्रधान हो श्याओ युन ने इस की चर्चा में कहा 1992 में चीन के ह्वांग क्वो शू , च्यु चाइ काउ और चांग च्या ज्ये ने एक साथ विश्व प्राकृतिक विरासतों में शामिल करने के लिये आवेदन पेश किया । पर तत्काल में ह्वांग क्वो शू दो स्थानीय कारणों से विश्व प्राकृतिक विरासतों में शामिल नहीं हो पाया । क्योंकि ह्वांग क्वो शू की भू सूरत विशेष कार्स्ट सूरत है , रेतीली भूमि पर वृक्षारोपण का क्षेत्रफल मांग को पूरा नहीं हुआ था , दूसरा कारण है कि ह्वांग क्वो शू के केंद्रीय क्षेत्र में कई सौ गांववासी बसे हुए थे । उस समय से ही ह्वांग क्वो शू पर्यटन स्थल ने पारिस्थितिकि पर्यावरण के निर्माण व संरक्षण करने में जोर लगाया और बड़े पैमाने तौर पर पेड़ लगाये , अतः समूचे पर्यटन स्थल को हरा भरा बनाने में कुल नौ करोड़ य्वान से अधिक पूंजी जुटायी । उप प्रधान हो श्याओ युन ने कहा अब समूचे पर्यटन स्थल में वृक्षारोपण के पलहे तीन चरण का काम पूरा हो चुका है , अंतिम चरण का काम हो रहा है । योजनानुसार हम ने कुछ आड़ू और चेरी आदि फल पेड़ भी लगा दिये हैं । पर्यटन स्थल की 80 प्रतिशत की भूमि पर पेड़ लगाये गये हैं , जबकि 1992 में वृक्षारोपण का क्षेत्रफल मात्र 30 प्रतिशत था । इस के अलावा हम ने विशेष तौर पर पर्यटन स्थल में बसने वाले गांववासियों को दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित किया है ।
पारिस्थितिकि संरक्षण कदमों के कार्यांवयन से ह्वांग क्वो शू पर्यटन स्थल के वायु व पानी की गुणवत्ता में बड़ा सुधार आया है ।