शांगहाई विश्व मेले को उद्घाटित हुए लगभग पांच महीने हो गये हैं , इसी बीच दुनिया के लाखों करोड़ों पर्यटक इस मेले को देखने आते जाते हैं , क्योंकि इस मेले में चीन से ही नहीं, बल्कि सारी दुनिया के दूसरे देशों से अवगत कराया जाता है । उलझन में फंसा अफगानिस्तान भी इस मेला में शामिल हो गया है । तो इधर सालों में गृह युद्धाग्नि से पीड़ित अफगानिस्तान किस छवि के रुप में मौजूदा विश्व मेले में भाग ले रहा है । आज के इस कार्यक्रम में हम आप को अफगान राष्ट्रीय भवन को देखने ले चलते हैं , वहां पर हम इस प्राचीन रहस्यमय देश को महसूस करते हैं ।
बेशक , अफगानिस्तान पहली बार विश्व मेले में शामिल हो गया है । मुठभेड़ों व सुरक्षा के उलझन में फंसा देश होने के नाते इस विश्व मेले में उस की हिस्सेदारी खुद ही एक बड़ी उपलब्धि है । अफगान राष्ट्रीय प्रदर्शनी भवन शांगहाई विश्व मेले के ए ब्लोक के दूसरे एशियाई संयुक्त भवन में अवस्थित है । दूर से देखा जाये , तो अफगान भवन का आकार प्रकार एक ऐसा विशाल मस्जित जान पड़ता है , जिस की बाह्य दीवारों पर नीते व हरे ईंट जड़ हुए हैं , असल में यह प्रदर्शनी भवन उत्तर पश्चिम अफगानिस्तान के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक शहर हेरात के नामी मस्जित के आधार पर निर्मित हुआ है । उस का शानदार रंगरुप और अलग ढंग का बाह्य आकार प्रकार बड़ी तादाद में देशी विदेशी पर्यटकों को मोहित कर लेता है । इस भवन में खड़े होकर पर्यटकों को पूर्वी इस्लामी दुनिया का आभास होता है । दूसरे देशों के प्रदर्शनी भवनों की तुलना में अफगान भवन का पैमाना काफी बड़ा नहीं है , पर उस में प्रदर्शित वस्तुएं तो अत्यंत विविधतापूर्ण हैं , सचमुच ही एशियाई भवन के भीतर वह छोटी दुनिया बड़ा मंच कहलाया जा सकता है । शांगहाई विश्व मेले के अफगान प्रदर्शनी भवन के प्रधान हाजी ओमर ने अपने भवन की चर्चा में कहा
चीन में आयोजित विश्व मेले ने विभिन्न देशों के लिये एक दूसरे का आदान प्रदान करने का एक बेहतरीन मंच प्रदान किया है । मौजूदा विश्व मेले में अफगान हिस्सेदारी से चीन व अफगानिस्तान के बीच सांस्कृतिक , आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही को और अधिक बढावा देने के लिये बेहद लाभदायक है ।
अफगान प्रदर्शनी भवन का प्रमुख मुद्दा अफगानिस्तान एशिया का हृदय और मौके व सन्साधन का स्थल ही है । अफगानिस्तान मध्य एशिया , दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया के बीच स्थित है , उस का एशियाई केंद्र का रणनीतिक स्थान बराबर विश्व का ध्यान आकर्षित रहा है । लम्बे अर्से में अफगानिस्तान ने न सिर्फ पूर्वी व पश्चिमी सांस्कृतिक आदान प्रदान के लिये विशेष भूमिका निभायी है , बल्कि अपनी आध्यात्मिक , कलात्मक व सांस्कृतिक विशेषता व भरपूर प्राकृतिक सन्साधन भी सुरक्षित किये हैं ।
अफगान उद्योग व वाणिज्य मंत्री अन्वर उल हक अहदी ने कहा कि शांगहाई विश्व मेले में हिस्सेदारी युद्धाग्नि के बाद पुनर्निर्माण में जुटे अफगानिस्तान के आर्थिक , व्यापारिक व सामाजिक विकास के लिये एक भारी मौका मानी जाती है ।
सीमा पार सांस्कृतिक आदान प्रदान को छोड़कर 2010 शांगहाई विश्व मेला सभी हिस्सेदार देशों के बीच व्यापारिक सम्पर्क , खासकर चीन व विभिन्न देशों के बीच व्यापारिक सम्पर्क को सुदृढ़ बनाने को फायदेमंद है । चीन व अफगानिस्ता के बीच व्यापारिक आवाजाही का इतिहास बहुत पुराना है , दोनों देशों की जनता को बड़ा लाभ मिला है । अफगानिस्तान ने चीन से बड़ी संख्या में तिजारती मालों का आयात किया है , पर चीन को अफगान निर्यात काफी सीमित है । हम इसी काम को बखूबी अंजाम देने में संलग्न हैं , आशा है कि चीन सरकार व विभिन्न पक्षों की मदद में भावी कई सालों में चीन को अफगान निर्यात में वृद्धि होगी ।
अफगान प्रदर्शनी भवन तीन क्षेत्रों में बटा हुआ है , जिन में प्रदर्शनी क्षेत्र , बाजार व अलग ढंग वाला विश्राम क्षेत्र शामिल हैं । प्रदर्शनी क्षेत्र में चार सौ से अधिक मूल्यवान वस्तुएं दर्शायी जाती हैं , जिन में जातीय वाद्य यंत्र , प्राचीन कालिन , चरवाहा तंबू , घरेलू सजावटें , टेक्सटाइस वस्तएं , पारंपरिक चांदी पात्र और जेट वगैरह शामिल हैं । इन प्रदर्शित वस्तुओं ने पर्यटकों को अफगानिस्तान के पुराने इतिहास व शानदार संस्कृति को सुना दिया है । अफगान उद्योग व वाणिज्य मंत्रालय के बाजार व उत्पादन विकास अधिकारी नासर नूरी ने कहा
मौजूदा विश्व मेले के आयोजन ने अफगानिस्तान के आर्थिक व व्यापारिक विकास के लिये महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है । खासकर 6 माहों के हिस्सेदार समय में हमें चीन व अन्य दूसरे देशों के साथ आदान प्रदान करने व सीखने का मौका उपलब्ध हो गया है । मेरे ख्याल से यह हिस्सेदारी अफगानिस्तान व चीन के लिये बेहद अच्छा मौका अवश्य ही है ।
अफगान प्रदर्शनी भवन में बाजार नामक क्षेत्र की चहल पहल सब से चर्चित है । बड़ी संख्या में पर्यटक इस बाजार पर मोहित होकर खरीददारी की होड़ सी लगाते हुए दिखाई देते हैं । इस बाजार में पर्याप्त सुंदर अफगान दस्तकारी कलात्मक कृतियां , दुर्लभ वस्तुएं , टेक्सटाइल वस्तुएं , बादाम व मेवा और अन्य नाना प्रकार वाले मसाले व जड़ी बुटियां बेची जाती हैं । पर इस बाजार में अफगान विशेषताओं से युक्त पोषाक व दस्तकारी कलात्मक कृतियां सब से तेजी से हाथों हाथ बिक जाती हैं । अफगान व्यापारी रहमान मुशक्वानी ने अपना अनुभव बताते हुए कहा
मैं अफगानिस्तान के हेरात प्रांत से आया हूं , में मुख्य तौर पर टेक्सटाइल वस्तुएं , कालीन व मेवा जैसे उत्पादनों का व्यापार करता हूं । बड़ी खुशी की बात है कि मुझे शांगहाई विश्व मेले में भाग लेने का मौका मिला है । शांनहाई दुनिया के सब से रोनकदार शहरों में से एक माना जाता है । यहां पर मेरा व्यापार खूब चलता है , अफगानिस्तान के विशेषताओं वाले उत्पादनों को खूब दाद मिली है । प्रतिदिन औसतन पांच हजार से अधिक पर्यटक हमारी दुकान में आते हैं । विश्व मेले के आय़ोजकों ने हमें बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध करा दी हैं । हम उन के आभारी हैं । यदि बाद में और मौका मिले , तो मुझे उम्मीद है कि मैं लम्बे समय तक चीन में व्यापार कर पाउंगा और अपना व्यापार शांगहाई और पेइचिंग आदि क्षेत्रों तक विस्तृत कर लूंगा ।
बहुत से पर्यटक बड़े मजे से भिन्न भिन्न स्थुलों के पास मालों का झांट कांट करते हुए दिखाई देते हैं । वे आम दिनों में कम देखने वाले विशेष मालों के प्रशंसक हैं । हांगचओ शहर से आयी पर्यटक कुमारी वांग ने कहा अफगान प्रदर्शनी भवन मेरी कल्पना से कहीं रौनकदार रहा है , और तो और यह भवन जातीय विशेषताओं से युक्त है । मेरे ख्याल से यहां पर बेचने वाली यादगार वस्तुएँ भी बड़ी मजेदाह हैं । क्योंकि पहले उस की संस्कृति से ज्यादा परिचित नहीं हूं , इसलिये आज मैं विशेष तौर पर देखने आयी हूं । उस की संस्कृति बहुत समृद्ध है , आभूषण और यादगार वस्तएं मुझे बेहद पसंद हैं । खासकर अफगानिस्तान के दुर्लभ पत्थर मुझे बहुत सुंदर लगता हैं , मैं अपने लिये एक खरीदा ही नहीं , बल्कि अपनी सेहली के लिये भी खरीद लिया । मेरा विचार है उसे पसंद आयेगा और दाम भी ज्यादा महंगा नहीं है ।