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हान जाति की लड़की एवं उस की वेवुर मां की कहानी
2010-09-07 08:55:17

चीन के सिनच्यांग के वेवुर स्वायत प्रदेश की छांगची ह्वेई प्रिफेक्चर के छांगची शहर के हुंग छी लू डिस्ट्रिक में एक ऐसा विशेष परिवार है, जहां एक वेवुर जाति की एक महिला हान जाति की बेटी के साथ शांति से रहती है। वेवुर जाति की मां एवं हान जाति की बेटी के बीच गहरी प्रेम भावना ने आसपास के लोगों को प्रभावित किया है।

छांगची शहर के दूसरे मीडिल स्कूल के एक क्लास रूम में विद्यार्थी मेहनत से पढ़ रहे हैं। हाजाक, ह्वेई एवं वेवुर जाति के बच्चों के बीच हरे कपड़ों में हान जाति की सुन्दर लड़की ने लोगों का ध्यान खींचा है। वह गुली है।

गुली का वेवुर भाषा में अर्थ है फूल। क्यों इस वेवुर जाति की लड़की का नाम गुली है। आज हम आप को इस की कहानी सुनाएंगे।

वर्ष 1997 के 27 अक्तूबर की दोपहर बाद, सिनच्यांग का मौसम ठंडा होने लगा था। उसी दिन, सुश्री मेइनिसाखेन साउत पहले की ही तरह ट्रि-साईकल चलाकर अपने 10 वर्षीय बेटे को छांगची के एक सब्जी बाजार गयीं। जब उन्होंने सब्ज़ी खरीदकर अपने घर वापस लौटना चाहा, तो पता चला कि ट्रिसाईकल पर एक रहस्यमय बॉक्स है, जिस में एक शिशु सो रहा है। उस समय की याद करते हुए सुश्री मेइनिसाखेन ने कहा, देखने में वह बच्ची बहुत छोटी थी, लगभग 3 दिन की। वह गत्ते के एक बॉक्स में सो रही थी। मैं वहां तीन घंटे तक खड़ी रही, लेकिन, कोई भी इस बच्चे को ढूंढ़ने नहीं आया। रात को 11 बजे मैं उसे लेकर अपने घर वापस लौटी।

इस तरह छोटी बच्ची सुश्री मेइनिसाखेन की बेटी बन गयी। इस के बाद इस हान जाति की बच्ची का वेवुर नाम गुली पड़ा ।

सुश्री मेइनिसाखेन धनी नहीं हैं, अब घर में एक और बच्चा आया, तो उन के घर के जीवन स्तर में और कमी हुई। इस के बावजूद सुश्री मेइनिसाखेन ने छोटी गुली को दूसरों को नहीं दिया। उन्होंने संवाददाता से कहा, जब मैं छोटी गुली को घर वापस लायी, तो मेरे पति को भी बहुत खुशी हुई । उन्होंने तुरंत गांव जाकर दूध खरीदा। मैंने सोचा कि जब हमारे पास चावल है, तो छोटी गुली को भी खाने को कुछ चाहिए। मेरे मित्रों ने मुझे बताया कि तुम्हारे पास नियमित नौकरी नहीं है, वर्ष में केवल तीन चार महीनों के लिए नौकरी करती हो और पैसे कमाती हो। तो कैसे छोटी गुली का पालन करोगी। लेकिन, मैं ऐसा नहीं सोचती थीं। हालांकि गुली के हमारे घर आने से हमारे जीवन स्तर में कमी हुई, फिर भी मुझे गुली पसंद थी और मैं उसे छोड़ना नहीं चाहती थी।

हालांकि हमारा जीवन कठिन था, फिर भी हम खुशी से रहते थे। लेकिन, दो वर्षों के बाद सुश्री मेइनिसाखेन के परिवार में परिवर्तन हुआ। मेइनिसाखेन के पति बेरोजगार हो गये। अब उन की कोई आमदनी नहीं थी। गुली के लिए दूध खरीदने के लिए परिवार के लोगों को विवश होकर छांगची शहर से बीस किलोमीटर दूर एक कचरा स्थल में कचरा इकट्ठा करने का काम करना पड़ा।

वेवुर जाति के इस परिवार में बड़ा भाई अबखर मेहेम्त भी इस छोटी बहन की देखभाल करता है। छोटी गुली ने हमें बताया, मेरी मां ने मुझे एक कहानी सुनाई। जब मैं छोटी थी, मेरा बड़ा भाई अपने मित्रों के साथ बाहर खेलते समय अक्सर जूस पीने को मिलता था। लेकिन, मेरा भाई खुद जूस न पी कर घर वापस लाकर मुझे पिलाता था । लेकिन, मेरी मां ने कहा कि मेरे भाई को भी जूस बहुत पसंद है।

छोटी गुली को स्कूल में पढ़ने के लिए भाई अबखर मेहेम्त ने अपनी पढ़ाई को त्यागने का निर्णय लिया। बारह वर्ष में ही बाहर जाकर उस ने नौकरी ढ़ूंढ़ी। उस के अनुसार, जब मैंने प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई पूरी की, तो मेरी बहन ने भी स्कूल में पढ़ना शुरू किया। मैंने सोचा यदि हम दोनों एक साथ स्कूल में पढ़ें, तो घर पर बहुत बोझ पड़ेगा । मैंने अपनी बहन से कहा कि हालांकि हम गरीब हैं, फिर भी हम तुम्हारा पालन कर सकते हैं। तुम अच्छी तरह पढ़ो और बाद में एक अच्छे स्कूल में दाखिला लो।

इस तरह, छोटी गुली बड़ी हुई। उस की पढ़ाई बहुत श्रेष्ठ है। वह छात्रों के साथ बहुत मेल से रहती है और स्कूल की छात्र अध्यक्ष चुनी गयी। गुली की अध्यापिका ल्यांग ने कहा, यह बच्ची बहुत दयालु है और दूसरों से मेल से रहती है। वह एक संजीदा लड़की भी है और रोज़ छात्रों के साथ स्कूल के काम अच्छी तरह करती है। इतना ही नहीं, वह सामूहिक गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग लेती है। चाहे वेवुर जाति का नृत्य हो या हाजाक जाति का नृत्य, वह सब अच्छी तरह कर सकती है।

गुली की चर्चा करते समय बड़े भाई अबखर मेहेम्त को भी बहुत गौरव महसूस होता है। उसे आशा है कि छोटी बहन आगे पढ़ाई करती रहेगी और बाद में विदेश में भी पढ़ेगी। वह छोटी बहन की मदद करता रहेगा।

मेरा विचार है कि मेरी कोई गलती नहीं है। मुझे खेद नहीं है। चाहे मेरी बहन कहीं भी पढ़े, मैं हमेशा उस का समर्थन करता रहूंगा।

अब पिता जी त्रिसाीकल का इस्तेमाल करके दूसरों के लिए काम करते हैं, जबकि मां हुंग छी लू डिस्ट्रिक में सफ़ाई का काम करती हैं।बड़ा भाई एक कंपनी में गार्ड का काम करता है। हर वर्ष बाल दिवस पर परिवार के लोग गुली को पार्क ले जाकर फोटो खींचते हैं, और गुली भी पूरे परिवार की खुशी का पिस्ता बन गई है। गुली अकसर मां-बाप के लिए गाती है, नाचती है और परिवारजनों को खुशी देती है।

सुश्री मेइनिसाखेन ने कहा कि रोज गुली वापस लौटकर मेरी मदद करती है। कुछ समय वह मेरे पांव भी धोती है। जब ये सब देखो, तो मेरी थकान गायब हो जाती है।

जब छोटी गुली 10 साल की थी, एक दिन उस ने घर का एक बैग खोला और अपने जन्म के बारे में जानकारी हासिल की। उस समय उसे मालूम था कि वह अपनी मा जी असली बेटी नहीं है। लेकिन, उस ने किसी को यह बात नहीं बतायी।

एक दिन, छोटी गुली ने गल्ती की और सुश्री मेइनिसाखेन ने उसे पीटा। छोटी गुली ने कहा कि मां, आप मुझे पीटती है, चूंकि मैं आप की असली बेटी नहीं हूं। यह बात सुनकर सुश्री मेइनिसाखेन को बहुत आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा कि मैं ने तुम्हें छोटे इतना बड़ा किया, तुमने क्यों इस तरह की बात कही। छोटी गुली ने रोते हुए सुश्री मेइनिसाखेन से कहा कि मां, आप दुनिया में सब से अच्छी मां हो। मेरी असली माता समृद्ध भी हो, मैं भी आप के पास रहूंगी।

10 साल की छोटी लड़की के लिए यह एक बहुत बड़ी मानसिक चोट है, फिर भी इस घटना के बाद परिवारजनों के प्रति छोटी गुली का प्रेम और गहरा हुआ। उस ने कहा, अब मेरे लिए एक मात्र बात अच्छी तरह पढ़ना है। हालांकि यह कहना बहुत सरल है, फिर भी करना तो कठिन है। इसलिए, मुझे और मेहनत करनी चाहिए। मैं अच्छी तरह पढ़ूंगी और अपने माता पिता के इरादे को साकार करूंगी। मैं अच्छे विश्वविद्यालय में पढ़ूंगी और बाद में अपना कर्त्तव्य भी निभाऊंगी।

गुली ने वेवुर भाषा में वेवुर जाति के माता-पिता एवं बड़े भाई के प्रति प्रेम प्रकट किया।उस ने कहा, मां-बाप, बड़ा भाई, आप लोगों की मदद के प्रति मैं आभार प्रकट करना चाहती हूं। आप लोग मुझे अपने परिवारजन की तरह मानते हैं, जिस के प्रति मैं बहुत प्रभावित हुई हूं।

अब हान जाति की लड़की गुली वेवुर जाति के परिवार में खिले हुए फूल की तरह खुशी से रह रही है। (श्याओयांग)

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