दोस्तो , विशाल शांगहाई विश्व मेले में हर रोज दर्शकों की भीड़ लाइन में खड़ी हुई नजर आती है । सब से ध्यानाकर्षक चीनी भवन को छोड़कर जर्मन भवन , जापानी भवन और सऊदी अरब भवन जैसे भवनों के सामने भीड़े भी लाइन में लगी रहती है ।
शांगहाई विश्व मेले के जर्मन भवन का क्षेत्रफल 6 हजार वर्गमीटर बड़ा है । प्रदर्शनी भवन प्राकृतिक क्षेत्र व प्रदर्शनी भवन दोनों भागों से गठित है । प्रदर्शनी भवन का मुख्य भाग चार भिन्न प्रकार वाले ज्यामिति रूपी निर्माणों से निर्मित हुआ है , जिस का मुख्य मुद्दा है सामंजस्यपूर्ण शहर । वास्तव में जर्मन भवन की डिजाइन धारणा सामंजस्यपूर्ण ही है । जर्मन राष्ट्रपति होर्स्ट कोलर ने इस का परिचय देते हुए कहा
शांगहाई विश्व मेले का जर्मन भवन वर्तमान तक विदेश में निर्मित हमारा सब से विश्व मेला प्रदर्शनी भवन माना जाता है । सामंजस्यपूर्ण शहर वाले मुद्दे के मद्देनजर जर्मन भवन ने अपने आप को आदर्श मिसाल बनाकर नये व पुराने , शहरी व प्राकृतिक , सामूहिक व व्यक्तिगत और भूमंडलीय व राष्ट्रीय या क्षेत्रीय जागरुकता के बीच संतुलन प्रदर्शित किया है ।
जर्मन भवन के प्रवेश द्वार के आसपास जर्मनी के विभिन्न स्टेटों से ऐसे भेजने वाले पोस्ट कार्ड खड़े किये गये हैं , जिन पर जर्मनी के बेशुमार प्रसिद्ध रमणीय स्थल व विश्वविख्यात ऐतिहासिक व सांस्कृतिक अवशेष अंकित हुए हैं । दर्शकों को प्रदर्शनी भवन में प्रेवश करने के लिये लाइन में दो घंटे से अधिक समय का इंतजार करना पड़ता है , दर्शक इंतजार करते समय इन बड़े आकर्षित पोस्ट कार्डों को देख सकते हैं और फोटो भी खिंच लेते हैं । जबकि इन पोस्ट कार्डों पर साइन करने वाले का नाम है जेन्स । ये सभी पोस्ट कार्ड जेन्स ने य्येन य्येन के नाम भेज दिये हैं । ये दोनों व्यक्ति जर्मन प्रदर्शनी भवन के दौरे का गाईड है , पर ये दोनों काल्पनिक हैं । इन दोनों काल्पनिक गाईडों के रचयिता पीटर रेडलिन ने इस का उल्लेख करते हुए कहा
इन दोनों काल्पनिक गाईडों को रचने का अपना इरादा है कि दर्शकों को अच्छी तरह जर्मनी का परिचय कराया जा सके । इसलिये उन्हों ने विशेष तौर पर प्रवेश गेट से जेन्स और य्येन य्येन ये दोनों युवा गाईड दर्शकों के साथ सामंजस्यपूर्ण शहर नामक प्रदर्शनी भवन के दौरे पर जाते हैं । यात्रा के दौरान जर्मन युवक जेन्स चीनी लड़की य्येन य्येन को अपने जीवन और देश से अवगत करता है । जबकि य्येन य्येन जर्मनी के बारे में जेन्स से प्रश्न पूछती है । इन दोनों के प्रश्न जवाब के माध्यम से दर्शक जर्मन संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । साथ ही इन दोनों के बीच भिन्न संस्कृतियों के बीच उत्तेजक व प्रभाविक वार्तालाप दर्शकों को बेहद लुभा लेता है।
फिर बीस दर्शकों से गठित ग्रुप एक के बाद एक लिफ्ट से प्रदर्शनी हाल में प्रवेश करने ले जाता है । जब दर्शक सुरंग से होकर प्रदर्शनी हाल में कदम रखते हैं , तो क्षणभर में रेल गाड़ी, कार , सार्वजनिक बस बारी बारी से प्रकाश में आती हैं , साथ ही स्टेशन बताने की आवाज , चिड़ियाओं की चहचहाहट और नौव विहार करने की बाल बच्चों की हर्षोल्लासपूर्ण आवाज सुनाई देती है , इसी वक्त आप जर्मन शहर में प्रवेश कर चुके हैं की आवाज सुनाई पड़ती है ।
जब दर्शक सुंदर उल्लासपूर्ण माहौल में मस्त हो जाते हैं , तो अचानक सुरंग के अंतिम छोर पर एक नीली समुद्री दुनिया दिखाई देती है , ऐसे मौके पर दर्शक मानो समुद्र में तैर रहे हो , इतना ही नहीं , दर्शकों के सामने परिवर्तनशील समुद्र समुद्रीय दृश्य , धूप के किरणों में हमबर्ग बंदरगाह , नीला आसमान व सफेद बादल , उड़ते हुए समुद्री पक्षी से सुसज्जित शानदार आधुनिक निर्माण समूह यानी समुद्री बंदरगाह शहर देखने को मिलता है ।
यह समुद्री बंदरगाह शहर जर्मनी के हमबर्ग शहर के केंद्र स्थित है , उस का क्षेत्रफल 155 हैक्टर विशाल है , यह क्षेत्र इसी शहर के योजनाकारों ने यो ही निर्मित किया है । इस परियोजना के जिम्मेदार व्यक्ति और डिजाइनर रेनार्ड ने इस की चर्चा करते हुए कहा कि हरेक दर्शक जब जर्मन भवन के बंदरगाह नये शहर में आता है , तो वह मानो जर्मनी के हमबर्ग शहर में बंदरगाह नये शहर के विशेष भू दृश्य को महसूस कर सकते हैं ।
बंदरगाह नये शहर का निर्माण निवास , काम , संस्कृति जैसे नाना प्रकार वाले सामाजिक जीवन को चतुरता के साथ जोड़ देता है । इस आविष्कार की प्रेरणा प्राचीन निर्माण गलियारे यानी वर्णित मानव जाति के भावी शहर की ओर जाने वाले रास्ते से आयी है ।
बंदरगाह नये शहर से निकलकर जर्मनी के शहरी जीवन क्षेत्र पहुंच सकते हैं , गोदाम नामक ऊंची अल्मारी पर जर्मनी से आये रोजमर्रे में आने वाली वस्तुएं और असाधार आविष्कार रखे हुए हैं , ये वस्तुएं शहरी जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा देती हैं । इस गोदाम के बगल में नये आविष्कार कारखाना खड़ा हुआ है , यहां पर एल ई डी दीप , विशेष घंटा रेडियो , खिलौना ट्रेक्टर , साइकिल की सुरक्षा टोपी आदि नयी आविष्कृत वस्तुएं प्रदर्शित हैं । मेड जर्मनी उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादनों का उप नाम है , यहां पर दर्शकों को जर्मन उपक्रमों और अनुसंधान संस्थाओं की ईजात , उत्पादनों की कौशलता दर्शायी जाती है ।
इस प्रदर्शनी ने होनान प्रांत से आये दर्शक वांग पर गहरी छाप छोड़ रखी है । उस का कहना है
जर्मन भवन ने मुझे पर जो छाप छोड़ी है , उस से मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ है , विभिन्न चमत्कृत नयी टेक और बहुत विकसित निर्माण उद्योग प्रशंसनीय है । जर्मन लोगों द्वारा निर्मित रोजमर्रे में आने वाले वस्तुओं से लेकर कप व कृत्रिम टाग तक की सभी प्रदर्शित वस्तुएं पूर्ण रुप से मानव जाति व प्रकृति का सामंजस्य अभिव्यक्त करती हैं , निर्माण भी बड़ी कुशलता से मानव जाति को प्रकृति के साथ जोड़ते हैं । मेरे विचार में जर्मनी एक संजीदा देश है , पर इस प्रदर्शनी से मैंने एक मानवीकरण देश देख लिया है ।
बहुत से दर्शकों को जर्मन भवन के दौरे में मानो किसी उलझन में पडे हो , पावर स्रोत नामक हाल सब से चर्चित है , यह हाल वास्तव में एक इंतजार हाल है । इस हाल में एक बहुत बड़ी खिड़की और अर्धपारदर्शी दीवार से बाहर नजर दौड़ाये , तो शांगहाई के नीले आसमान और प्रदर्शनी भवन के सामने छोटा चौक स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है । और तो और प्रदर्शनी हाल में चकमकाते रहस्यमय लाइटे और अनौखा आवाज मानो लोगों को बुला रही हो ।
पावर स्रोत नामक प्रदर्शनी हाल बड़ा ध्यानाकर्षक है , उस में कदम रखते ही प्रचलित सुंदर रंगारंग वीडियो तस्वीरे चारों तरफ दिखायी देती हैं । हाल के बीचोंबीच एक धातु गोल लटका हुआ है । यह गोल 1.23 टन भारी है , उस का व्यास तीन मीटर है , उस में चार लाख प्रकाश पाइप लगे हुए हैं । यहां पर मजेदार खेल खेलने के लिये दर्शकों को दौ गुपों में बटा हुआ है , फिर दर्शक जेन्स व य्येन य्येन के निर्देशन में समान हरकतें करने व ऊंची आवाज उठाने से इस धातु गोल को निश्चित स्थिति में प्रेवश करने देते हैं ।
देखते ही देखते बड़ा धातु गोल दर्शकों की ऊंची आवाज में हिलने लगा , फिर तेजी से हिलते हिलते चक्कर काट रहा है , इसी वक्त गोल का रंग भी गहरा हो गया , इस के साथ ही गोल से निकलने वाला ऊर्जा चारों ओर के खंभों , दीवारों , छत यहां तक कि सारे हाल में पड़ रहा है । गोल के मोड़ के साथ साथ जर्मनी और सामंजस्यपूर्ण शहर से आने वाली भिन्न रुपों वाली वीडियो तस्वीरें तेजी से आंखों के सामने दीख रही हैं । फिर यह धातु गोल मोडने की गति धीमी होते होते बंद हो गया । दर्शक हरित प्रकाश रिंग में मेलमिलाप व प्राकृतिक वातावरण पूरे हाल में छाया हुआ है । ऊपर नीले आकाश में लटके इस धातु गोल पर भू गोल नजर आने लगा । भू गोल पर एक प्रतीकात्मक आशा का एक बीज प्रकाश में आया , फिर यह बीज खिल गया और नये प्राण का जन्म हो गया ।