खाद्य पदार्थ शहरों की पुष्टि है यह 2010 शांगहाई विश्व मेले के पेरु प्रदर्शनी भवन का प्रमुख मुद्दा है । इस प्रदर्शनी भवन में आप को विविधतापूर्ण स्वादिष्ट पेरु पकवान खाने को मिलते हैं ।अब हम दक्षिण गोलार्थ से आये लोस आन्डेस विश्वविख्यात स्वादिष्ट भोजन चखने को चले ।
पेरु प्रदर्शनी भवन में कदम रखते ही सर्वप्रथम दक्षिण लातिन अमरीकी शैली को महसूस होता है । शानदार सिंचाई व्यवस्था और कृषि ओजारों की प्रदर्शनी से पर्यटकों को दर्शाया जाता है कि पेरु इतिहास में एक काफी विकसित कृषि प्रधान देश रहा है और ठीक यह पेरु के स्वादिष्ट भोजन का आधार ही है । पेरु प्रदर्शनी भवन आहार विहार व वाणिज्य इन दोनों बड़े प्रदर्शनी भागों में बटा हुआ है । आहार विहार प्रदर्शनी भाग में अंतर्राष्ट्रीकरण रास्ते पर पेरु के स्वादिष्ट भोजनों की विशेषताएं दर्शायी जाती हैं और पेरु की विविधतापूर्ण पाक कलाओं का केंद्रित रूप से परिचय दिया जाता है ।
आज के इस कार्यक्म में हम आप को शांगहाई विश्व मेले में पेरु के प्रदर्शनी भवन को देखने ले चलते हैं । खाद्य पदार्थ शहरों की पुष्टि है यह 2010 शांगहाई विश्व मेले के पेरु प्रदर्शनी भवन का प्रमुख मुद्दा है । इस प्रदर्शनी भवन में आप को विविधतापूर्ण स्वादिष्ट पेरु पकवान खाने को मिलते हैं । आइये , अब हम दक्षिण गोलार्थ से आये लोस आन्डेस विश्वविख्यात स्वादिष्ट भोजन चखने को चले ।
पेरु प्रदर्शनी भवन में कदम रखते ही सर्वप्रथम दक्षिण लातिन अमरीकी शैली को महसूस होता है । शानदार सिंचाई व्यवस्था और कृषि ओजारों की प्रदर्शनी से पर्यटकों को दर्शाया जाता है कि पेरु इतिहास में एक काफी विकसित कृषि प्रधान देश रहा है और ठीक यह पेरु के स्वादिष्ट भोजन का आधार ही है । पेरु प्रदर्शनी भवन आहार विहार व वाणिज्य इन दोनों बड़े प्रदर्शनी भागों में बटा हुआ है । आहार विहार प्रदर्शनी भाग में अंतर्राष्ट्रीकरण रास्ते पर पेरु के स्वादिष्ट भोजनों की विशेषताएं दर्शायी जाती हैं और पेरु की विविधतापूर्ण पाक कलाओं का केंद्रित रूप से परिचय दिया जाता है ।
लोग खाद्य पदार्थों पर आश्रित हैं , यह चीनी आहार संस्कृति का सब से पुराना सिद्धांत ही नहीं , बल्कि दक्षिण गोलार्थ स्थित पेरु में समृद्ध धारणा गर्भित भी है। मारिया रोसा वासकस शांगहाई विश्व मेले में पेरु प्रदर्शनी भवन के रेस्तारां के प्रधान रसोईया हैं । उन्हों ने पेरु पाक कला की चर्चा करते हुए कहा
पेरु फुट का इतिहास इनका साम्राजय काल पर आधारित है , क्योंकि हमारे पूर्वज इनका वासी ही हैं । साथ ही पेरु स्वादिष्ट फुट नाना प्रकार वाले सरल मजदार व्यजनों तक सीमित नहीं है , उन का अपना अपना ऐसिहासिक , सांस्कृतिक , परम्परागत और धार्मिक महत्व है । लोस आंडिस पर्वत की तलहटी में बसे लोगों में भूमि की पूजा करने की परम्परा बनी रही है , मौके पर लोग धार्मिक रस्म के जरिये भगवान से शानदार फसलों की प्रार्थना करते हैं ।
वर्तमान में ब्रिटिश इकनोमिस्ट नामक पत्रिका ने पेरु भोजन को विश्व के 12 सब से स्वादिष्ट आहारों में शामिल कर लिया है । स्पेनीश उपनिवेषकों और अफ्रीका , चीन , इटली और जापान आदि देशों के आप्रवासियों के आने से पेरु पाक कला में विश्व के विभिन्न प्रकार वाले शैलियों और नयी तकनीकों का ग्रहण किया गया , जिन में स्पेनीश व चीनी पाक कलाओं का प्रभाव सब से ज्यादा है । ऐसी पृष्टभूमि तले जबकि विश्व के विभिन्न देश दिन ब दिन एक दूसरे से जा मिलते हैं , राष्ट्रीय परम्परा व जड का आदर करना , दूसरे देशों की पाक कलाओं का ग्रहण करना और दूसरे राष्ट्रों की बुद्धिमता को मान्यता देना पेरु फुट का अंतर्राष्ट्रीकरण रास्ते पर निकलने का कारण ही है । पेरु प्रदर्शनी भवन के इस रेस्तारां में पकाने वाला भुना हुआ बीफ सब से चर्चित है । इस फुट का नाम सुनने चीनी खाना लगता है , पर असल में यह खाना सचमुच चीन से मधुर संबंधित है । मारिया ने कहा भुना हुआ बीफ पेरु फुट है ही , पर उस का पकाने का तौर तरीका चीन का है । जब बड़ी तादाद में चीनी आप्रवासी पेरु रहने आये हैं , तो हमारे देश में भुना हुआ बीफ फुट खाया जाने लगा है , हम इस पर बड़ा गर्व महसूस करते हैं , क्योंकि इस से देखा जा सकता है कि पेरु की कच्ची सामग्री के साथ चीनी पाक कला का संपूर्ण आत्मसात हो गया है । संक्षेप में कहा जाये , पेरु फुट बहुत ज्यादा देशों के प्रभाव से अलग नहीं किया जा सकता , पेरु लोग अपनी अपनी पसंद के अनुसार विदेशी फुटों का ग्रहण करते हैं ।
इस के अलावा सेविचे विश्वविख्यात पेरु फुट और राष्ट्रीय शराब पिस्को को छोड़कर पेरु में मिर्चों की किस्मे भी अंगिनत हैं , इसलिये तेज भी पेरु फुट का एक विशेष स्वाद बन गया है । प्रधान रसोइया मारिया ने जब मिर्च की चर्चा की है , तो उन्हों ने बड़ी प्रसन्नता से मिर्च की बेशुमार किस्मों का उल्लेख किया है ।
पेरु के हर क्षेत्र में अपना अपना अलग मौसम होता है , मिसाल के लिये समुद्रतटों , पहाड़ी क्षेत्रों व जंगलों का वातारण भिन्न है , जिस से विविधतापूर्ण मिर्च पैदा होते हैं , इतना ही नहीं , उन का स्वाद भी एकदम अलग है । पीला मिर्च सब से लोकप्रिय है , उस का प्रयोग करीब सभी पेरु भोजनों में किया जाता है । इस किस्म वाले मिर्च का स्वाद ज्यादा तेज नहीं है , खाने में बड़ा अच्छा लगता है । एक शब्द में पेरु वासी मिर्च का प्रयोग करने में बड़े दक्ष हैं , वे खूब जानते हैं कि मिर्च का स्वाद किस तरह सब से बढिया प्रदर्शित किया जाता है । इसलिये कहा जा सकता है कि मिर्च पेरु फुट के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है और वह पेरु फुट की एक सब से बड़ी विशेषता भी है । उन्हों ने आगे कहा कि हमारे पास पीला मिर्च , पांका मिर्च , सुर्यमुखी मिर्च , लिमो मिर्च और सब्जी मिर्च जैसे नाना प्रकार वाले मिर्च हैं ।
विश्व मेले के दौरे पर आयी पर्यटक छन ने अपने परिवारजनों के साथ पेरु फुट का मजा लिया है । उन्हों ने कहा
यह पेरु का सुवर मिट है , बड़ा अच्छा लगता है , चीनी सुअर मिट से मिलता जुलता है । यह मिट पहले पानी में उबाला जाता है , फिर सोयाबिन सोस और अन्य मसाले के साथ खाया जाता है ।
पेरु प्रदर्शनी भवन के रेस्तारां को छोड़कर शांगहाई विश्व मेले के उद्यान में हरेक प्रदर्शनी भवन में विश्व के विभिन्न देशों के स्वादिष्ट व्यंजन खाने को भी मिलते हैं और अलग अलग नया अनुभव भी होता है ।