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मैं आजीवन वचनबद्ध हूँ – क्योंकि मैं एक माँ हूँ:चिन यी
2010-07-05 10:34:25

एक समय में वे चीन की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती थीं।हां,वे चिन यी हैं,जिन्हें चीनी लोग एक ग्लैमरस और चकाचौंध कर देने वाली सुपरस्टार के रूप में देखते हैं।

हालांकि, कैमरा के पीछे चिन यी भी एक महान माँ हैं, जो सकिज़ोफ्रेनिक से पीड़ित अपने बेटे की देखभाल में मौजूद कई कठिनाइयों को बहादुरी से झेल रही हैं।

वे भी अन्य माताओं की भांति कई बार रोई हैं, कई बार चिंतित हुई हैं, कई बार पीड़ा झेली है लेकिन इन सब के बावजूद उन्होंने अपने प्यारे बेटे से कभी अपना मुँह नहीं मोड़ा है।

मैं आपको चिन यी की कहानी तथा उनके माँ होने के अनुभवों के बारे में अधिक बताना चाहती हूँ।

फिल्मों में उनके प्रदर्शन की छाप आज भी चीनी लोगों के मानस पर सजीव बनी हुई है। उनका चमकदार सौंदर्य अतीत में कई महिलाओं की ईर्ष्या का कारण थ। उनका विवाह जिन यान के साथ हुआ था, जो उस युग के प्रमुख अभिनेताओं में से एक थे। ऐसा लग रहा था कि उनका जीवन परियों की कहानी की तरह होगा। लेकिन भाग्य को इस अभिनेत्री के लिए कुछ और ही मंजूर था।

उनका एक बहुत प्यारा पुत्र था-जिन जिए। जिन इतना होशियार बालक था, कि वह " लाल चैंबर की ड्रीम" नामक चीन के चार सहात्यिक उपन्यासों में से एक पढ़ सकता था, जिसे पढ़ना कुछ वयस्कों के लिए भी एक चुनौती है।

हालांकि, चिन यी की खुशियों की उम्र बहुत छोटी थी। जब उनके बेटे ने जूनियर हाई स्कूल से स्नातक की उपाधि प्राप्त की, उसे एक प्रकार के पागलपन(सकिज़ोफ्रेनिया) बीमारी हो गई थी। चिन यी, जब भी इस बारे में चर्चा करती तो हमेशा खुद को बहुत दोषी महसूस करती हैं। उन्हें बहुत पछतावा है कि काम की प्रतिबद्धताओं की वजह से वे अपने बेटे के साथ खेल नहीं सकी, उसके साथ समय व्यतीत नहीं कर पाईं। उनका आज तक मानना है कि उनकी अनुपस्थिति ही उनके बेटे की बीमारी का मुख्य कारण था।

"स्थिति हमेशा से ही समान रही। जब भी उसे अपनी मां की याद आ रही थी, उसकी मां उसके साथ बातें करने के लिए मौजूद नहीं थी। जब वह दुखी था और मां के आंचल की ज़रूरत थी, उसकी मां उसके पास नहीं थी। जब उसे अपनी माँ के साथ बाहर जाने की इच्छा हुई, वह उसे नहीं मिल सकी। उसे ऐसा लगने लगा कि उसे उसकी माँ कभी नहीं मिल सकती। मुझे पता नहीं था कि उसे किसी प्रकार की पारिवारिक समस्या है, जब तक मुझे पता चला कि उसे सकिज़ोफ्रेनिया है जो एक प्रकार का पागलपन है। मैं बहुत लंबे समय तक अपने आप को इसका दोषी मानती रही।

एक वर्ष विद्युत-इलाज के दौर(इलेकट्रोथैरिपी) से गुजरने के बाद, ऐसे लगने लगा था कि जिन जिए की हालत में सुधार हो रहा था। हालांकि, इस समय के आसपास चिन यी को अपने काम के सिलसिले में अपने बेटे को एक बार फिर छोड़कर जाना पड़ा। एक साल बाद जब वह लौटी तो उसका दिल यह देखकर बिल्कुल टूट गया कि उसके बेटे की हालत वास्तव में पहले से बहुत खराब हो गई थी, क्योंकि उसका पागलपन बढ़कर अवसाद के परम रुप में विकसित हो गया था।

उस समय के बाद पड़ोसियों को एक मजबूत जवान आदमी को पागलों की तरह चिल्लाते हुए एक बूढ़ी औरत के पीछे भागते हुए देखने की आदत पड़ गई। कोई भी कभी भी इस स्थिति में शामिल नहीं हुआ और किसी ने भी बूढ़ी औरत की उदास आँखों से आँसू झलकते नहीं देखी। चिन यी कहती हैं कि सब कुछ सहन करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था।

"वह हमेशा यह वाक्यांश कहकर चिल्लाता था 'मारो इसे'! जब भी मैं यह सुनती तो मैं समझ जाती कि जिस व्यक्ति को वह मारना चाहता था वह कोई और नहीं मैं ही हूँ। क्योंकि केवल मैं ही थी, जो हमेशा उसके आसपास रहती थी। मैंने उसकी सारी ज़रुरतों का ख्याल रखा- समय पर दवा देना, खाना बनाना, उसे समय पर सुलाना। जब भी उसे दौरा पड़ता और वह हिंसक व्यवहार करता था,तो इस सब को मैं ही झेलती, कुछ कर तो सकती नहीं थी केवल दूर खड़े होकर उसके क्रोध के शांत होने का इंतज़ार करती।"

जिन जिए जब भी अपनी माँ के बारे में बात करता वह एक ही बात कहता: "अच्छी है, मेरी माँ अच्छी है।"

"मेरी माँ अच्छी हैं, मैं जानता हूँ कि वे मुझे जीवन के हर पहलू में बचाने की कोशिश करती हैं। वे मुझसे बहुत सख्त व्यवहार करती हैं। मैं उनके काम को सराहता हूँ। वे बहुत सुंदर हैं।"

2007 में 59 वर्ष की आयु में जिन जिए की मृत्यु गुर्दे खराब हो जाने के कारण हो गई।

चिन यी का कहना है कि जिन जिए ने मौत से पहले उनसे कहा था कि वे उसके बारे में चिंता न करें और वे उसके बिना बेहतर जीवन जी सकेगी।

"उसने मुझसे कहा कि उसके बारे में चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। मैं उसके बिना ज़्यादा आराम से रह पाऊँगी। वास्तव में उसकी बातें सुनकर ऐसा महसूस होने लगा मानो दिल से बड़ा बोझ उतर गया हो। हालांकि, वह मनौवैज्ञानिक समस्याओं से लड़ रहा था, फिर भी उसने अपना जीवन आराम से और सुरक्षित रुप से बिताया, मैं संतुष्ट हूँ यह जानकर।"

कहते हैं कि बुरी चीजें एक साथ आती हैं। एक महीने बाद पता चला कि चिन यी को आंत्र कैंसर हुआ। फिर कई महीनों के बाद उनकी माँ चल बसीं। अंतिम त्रासदी तब आई जब उन्हें पता चला कि उनके पति के दूसरी औरत के साथ नाजायज संबंध थे।

ऐसा लग रहा था कि दुर्भाग्य उन्हें पूरी तरह से नष्ट करने पर आमादा था। यद्यपि इतने दुख थे, तथापि, चिन यी अपनी तरफ से आशावादी रहने की हर संभव कोशिश करती हैं। वह दूसरों को बताती हैं कि जीवन निष्पक्ष और संतुलित है: आपको सफलता मिल सकती है और आप खुशी भी हासिल कर सकते हैं, लेकिन साथ ही आपको असफलता और दुख के लिए अच्छी तरह तैयार रहना भी होगा। यह हर किसी के जीवन का सच है। कोई नहीं बच सकता इससे।

"मैं खुद को दिलासा देने की कोशिश करती हूँ। मैं अपने आप को कहती हूँ कि हम कठिनाइयों से बच नहीं सकते। जब भी मैं मुसीबत में होती हूँ तो पहले प्यार के बारे में सोचती हूँ। प्यार हमेशा मुझे शांत कर देता है। जीवन ऐसा ही है। किसी को अपने जीवन में ढेरों खुशियाँ मिलेंगी तो किसी को लंबे समय तक पीड़ा सहनी पड़ेगी।

यह सभी स्वर्ग के तोहफे हैं। हमें अपने दम पर इन समस्याओं को सुलझाने की जरूरत है। मुझे पता है कि यह मेरी जिंदगी है।मुझे कोई शिकायत नहीं है लेकिन यह भी ठीक है।"

अपने बेटे की मौत के बाद चिन ने उन सभी पैसे,जो अपने बेटे की देखभाल के उद्देश्य से रखे थे,जरूरतमंद लोगों को दान में दे दिए। वे कहती हैं कि वे इस समय सचमूच बहुत अच्छा महसूस कर रही हैं। वे उम्मीद करती हैं कि ये पैसे जरूरतमंद लोगों के काम आएँगे और वे बेहतर जीवन जी सकेंगे।

उन्हें यकीन है कि उनका बेटा बहुत खुश होता अगर उसे पता चल पाता कि ये पैसे दूसरों की मदद में इस्तेमाल किये जा रहे हैं।

अब चिन यी शंघाई में अपनी बहन के साथ रह रही हैं। उन्होंने बताया कि अब भी वे एक अभिनेत्री के रूप में कुछ काम कर रही हैं। लेकिन दिल से वे हमेशा एक माँ हैं - और एक माँ होने के नाते वे आजीवन वचनबद्ध हैं।

इस महान माँ को हमारा सलाम, इतने दुख सहने के बावजूद वे आज भी मुस्कुरा रही हैं और उन्हें गर्व है अपने माँ होने पर।

हेमा कृपलानी

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