चीनी महिला टीम में विश्व नंबर एक खिलाडी वांग यी हेन ,विश्व नंबर एक जोडी मा चिन व वांग श्यो ली और वर्ष 2008 पेइचिंग ऑलंपिक की युगल चैंपियन तू चिंग व यू यांग शामिल हैं ।लेकिन फाइनल मैच में वे अपना सामान्य फार्म नहीं दिखा सकीं और 1--3 से दक्षिण कोरियाई टीम से हार गयी ।वर्ष 1996 से यह पहली बार है कि चीनी टीम ने उबेर कप खो दिया ।फाइनल मैच के बाद चीनी टीम के मुख्य कोच ली योंग ब ने हमारे संवाददाता के साथ हुई बातचीत में कहा कि चाहे जीत हो व हार ,यह अनुभव सब से महत्वपूर्ण है ।उन्होंने कहा ,टीम चैंपियनिशिप और अन्य एकल इवेंट चैंपियनशिप में बडा अंतर है ।यह अनुभव विशिष्ट है ।प्रतियोगिताओं में उन की कमजोरियां व खामियां नजर आयी ।
चीनी टीम में तीन खिलाडियों के अलावा बाकी सात खिलाडियों ने पहली बार उबेर कप में भाग लिया ।मुख्य रूप से युवा खिलाडियों से गठित चीनी टीम हार गयी ।लगता है कि चीनी टीम ने युवा खिलाडियों के इस्तेमाल से बडी कीमत चुकायी ।पर ली योंग ब के विचार में इस के योग्य है ।उन्होंने कहा ,हम ने बडी कीमत चुकायी ,पर इस के योग्य है ।युवा खिलाडियों के परिपक्व होने के रास्ते पर उन को जरूर कठिनाइयां मिलती हैं ।इस दृष्टि से देखा जाए तो ऐसा अनुभव अच्छा है ।मुझे आशा है कि यह अनुभव उन के आगे बढने के रास्ते पर अहम संपत्ति होगा ।
चीनी युवा खिलाडी वांग श्यो ली ने बताया कि पहली बार बडी टीम प्रतियोगिता में भाग लेने के दौ रान नर्वस होना स्वाभाविक है ।उन्होंने बताया ,इस बार हमें बडी प्रतियोगिताओं का माहौल महसूस हुआ ।थोडी नवर्स जरूर है ।पर आम तौर पर मेरा प्रदर्शन सामान्य रहा ।
चीनी बैडमिंटन टीम का सब से बडा उद्देश्य वर्ष 2012 लंडन ऑलंपिक है ।लंडन ऑलंपिक के लिए युवा खिलाडियों को अधिक मौका देना जरूरी है ।ली योंग ब ने बाताया ,एक ऑलंपिक चक्र में कुछ न कुछ नये खिलाडी उभरते हैं ।हम युवा खिलाडियों के विकास को बडा महत्व देते हैं ।हमारे पास एक विस्तृत योजना है ।दूरगामी लक्ष्य के लिए हम ने इस बार अधिकतर युवा खिलाडी भेजे ।ये खिलाडी लंडन ऑलंपिक में भाग लेंगे ।अगर अब उन को अभ्यास का मौका नहीं दिया जाता ,तो बहुत देर होगा ।