चीन व भारत के बीच राजनयिक संबंध की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के लिए 15 मई को दूसरा चीन-भारत मंच पेइचिंग में उद्घाटित हुआ। यह मंच चीनी जन वैदेशिक मैत्री संघ एवं चीन-भारत मैत्री संघ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है।
चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के भूतपूर्व अध्यक्ष एवं चीन-भारत मैत्री संघ के अध्यक्ष च्यांग जडंह्वा ने मंच के उद्घाटन समारोह में भाषण दिया। अपने भाषण में श्री च्यांग जडंह्वा ने चीन व भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद पिछले 60 वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों के विकास का सिंहावलोकन किया। उन्होंने कहा कि चीन व भारत दो पुराने सभ्यता वाले देश हैं। हालांकि दोनों देशों के संबंधों के विकास में उतार-चढ़ाव होता रहा, फिर भी अच्छे पड़ोसी एवं मैत्रीपूर्ण सहयोग हमेशा से विकास की प्रमुख धारा रही है।खासकर 21वीं शताब्दी में प्रवेश होने के बाद दोनों देशों के बीच सहयोग और अधिक घनिष्ट होता गया है। श्री च्यांग जडंह्वा के विचार में चीन-भारत संबंधों की महत्ता द्विपक्षीय संबंधों के दायरे से बाहर हो चुका हैं।इन का इस समय पृथ्वीव्यापी अर्थ होता है। दोनों देशों के आपसी लाभ वाले सहयोग को मजबूत करने से अवश्य ही पूरे एशिया, यहां तक दुनिया की शांति व स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान किया जाएगा।
चीन स्थित भारतीय राजदूत डॉक्टर एस जयशंकर ने दूसरे चीन-भारत मंच के सफलतापूर्ण उद्घाटित होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत- चीन राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ हैं। हालांकि भारत व चीन के बीच कुछ अनसुलझी समस्याएं मौजूद हैं, लेकिन द्विपक्षीय संबंध स्वर्णिम काल से गुजर रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोग हो रहे हैं। इस वर्ष के जनवरी माह में दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों ने यह निर्णय लिया कि 2010 में द्विपक्षीय व्यापारिक रक्म 60 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचेगी।अनेक अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत व चीन भी सहयोग कर रहे हैं और एक दूसरे का समर्थन करते रहे हैं। इसलिए, भारत व चीन के संबंधों को प्रगाढ़ करने की बड़ी आवश्यक्ता है।भाषण के अंत में उन्होंने आशा जताई की कि वर्तमान मंच में भारत व चीन से आये प्रतिनिधि खुलेआम विचार विमर्श करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए अच्छे सुझाव भी पेश करेंगे।
चीन-भारत मैत्री संघ के अध्यक्ष च्यांग जडंह्वा, चीन स्थित भारतीय राजदूत डॉक्टर एस जयशंकर, भारत स्थित भूतपूर्व चीनी राजदूत शंग रेईशन व चो कांग, चीनी आधुनिक अंतरराष्ट्रीय संबंध अनुसंधान संस्था के प्रोफेसर मा चाली, भारतीय चिनदल ग्लोबो यूनिवर्सिटि(INDIAN JINDAL GLOBAL UNIVERSITY) के प्रोफेसर श्रीराम चौलिया तथा देश विदेश के लगभग 300 विद्वान व उद्योगपति मंच में उपस्थित हैं। दूसरा चीन-भारत मंच दो दिन चलेगा।