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विश्व कप ग्रुप डी की स्थिति
2010-04-15 14:50:49
विश्व कप के ग्रुप डी में जर्मनी ,सर्बिया,घाना और आस्ट्रेलिया शामिल हैं ।इस ग्रुप में जर्मन टीम परंपरागत शक्ति है ,जिस ने तीन बार विश्व कप जीता है ।

ऐतिहासिक रिकार्ड देखा जाए ,तो इस ग्रुप से जर्मन टीम का निकलना लगभग तय है । लेकिन व्यावहारिक स्थिति ऐसी नहीं है । वर्ष 2004 यूरोपीय चैंपियनशिप में जर्मन टीम ग्रुप मैच के दौर में नाकआउट हो गयी ।इस के बाद जुर्गन कलिंस्मेन और जोचिम लोव के नेतृत्व में जर्मन टीम का फार्म धीरे-धीरे बहाल हुआ है। वर्ष 2006 विश्व कप में जर्मन टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया और वर्ष 2008 यूरोपीय चैंपियनशिप में दूसरा स्थान । पर वर्ष 2006 विश्व कप में जर्मन टीम सब से कमजोर ग्रुप में थी। वर्ष 2006 यूरोपीय चैंपियनशिप के ग्रुप ड्रा में जर्मन टीम सौभाग्यशाली रही और पोलैंड टीम व आस्ट्रियन टीम जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीमों के साथ एक ग्रुप में रही । कहा जा सकता है कि इन दो बडी प्रतियोगिताओं में जर्मन टीम को कठिन ग्रुप मैचों का अनुभव प्राप्त नहीं हुआ । दक्षिण अफ्रीका विश्व कप में जर्मन टीम को सर्बियाई टीम व घाना टीम से गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ेगा ।इस के अलावा जर्मन टीम के अधिकांश खिलाडी युवा हैं।प्रतियोगिता में उन का प्रदर्शन कभी-कभी स्थिर नहीं है। इस विश्व कप के क्वालीफाईंग दौर में जर्मन टीम ने 8 जीत व दो बार बराबर रह कर दक्षिण अफ्रीका जाने की पात्रता हासिल कर ली ,पर टीम के कप्तान बराक व उपकप्तान फिलिप्प लाम समेत अनेक जर्मन खिलाडियों का मानना है कि वर्तमान जर्मन टीम अपनी शक्ति के बराबरी वाली टीम के साथ मैच खेलने के साथ शुरू से अंत तक प्रतिद्वंदी पर पर्याप्त दबाव नहीं डाल सकती और उस की अवसर का लाभ उठाने की क्षमता भी मजबूत नहीं है । विश्व कप के फाइनल दौर में यह कमजोरी घातक हो सकती है ।फिर भी डी ग्रुप में जर्मन टीम प्रथम स्थान प्राप्त करने की सब से बडी दावेदार टीम है ।पुराने कप्तान बाराक टीम के केंद्र में रहेंगे । 22 वर्षीय मेसुट ओजिल के इस विश्व कप में नये स्टार बन कर उभरने की बडी संभावना है ।इस के अलावा पिछले विश्व कप के सब से श्रेष्ठ स्ट्राइकर मिरेस्लेव मैरियन क्लास ,मिड-फील्डर बैशियन शवेनस्टेईगर जैसे स्टार महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे ।वर्ष 1954 से जर्मन टीम विश्व कप के पहले 8 स्थानों में स्थान पाने में कभी नहीं हारी ।युवा जर्मन टीम पूर्व गौरव बनाए रखने के लिए ग्रुप डी में ऊपर रहने की पूरी कोशिश करेगी।

सर्बियाई टीम ग्रुप डी में प्रथम स्थान प्राप्त करने की शक्ति रखती है ।इस टीम की शैली लैटिन अमरीकी टीम जैसी है ।खिलाडियों का फुटवर्क बहुत निपुण और टीम का सहयोग घनिष्ठ है ।वह यूरोप की ब्राजीली टीम की तरह है ।वर्ष 2006 विश्व कप में पुराने खिलाडियों से गठित सर्बियाई टीम का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा और ग्रुप मैच के दौर में ही वह नाउक आउट हो गयी ।पर 2006 विश्व कप के बाद सर्बियाई टीम में अनेक युवा खिलाडी शामिल हुए और टीम की शक्ति तेजी से बढी ।इंग्लैड सूपर लीग के मैंचेस्टर युनाइटिट में खेलने वाले खिलाडी वेडिच ,इटली के ए सी मिलान में खेलने वाले खिलाडी स्थांकविच सर्बियाई टीम के मिडफील्ड के स्तंभ हैं और अजैक्स एमस्टरडम के फार्वर्ड दरिच सर्बियाई टीम के श्रेष्ठ स्ट्राइकर हैं ।इस के अलावा टीम में कई प्रतिभाशाली युवा खिलाडी भी उभरे हैं ।विश्व कप में सर्बियाई टीम का प्रथम मैच घाना के साथ होगा ।विश्लेषकों के विचार में यह मैच दोनों टीमों के लिए निर्णायक होगा ।

ग्रुप डी में घाना को नज़रदांज नहीं किया जा सकता ।वर्ष 2006 विश्व कप में घाना नॉक आउट दौर में घुसने वाली एकमात्र अफरीकी टीम है ।फिलहाल हुए अंतरराष्ट्रीय मैचों के परिणाम देखे जाएं ,तो घाना और कोटडिवा की समग्र शक्ति दक्षिण पश्चिमी अफ्रीका की परंपरागत शक्तियों नाइजीरियाई टीम और केमरून टीम से आगे बढ रही है । इस जनवरी में हुए अफ्रीकी कप में घाना ने अच्छा फार्म दिखाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया ।ध्यान रहे अफ्रीकी कप में घाना के कई मुख्य खिलाडी अनुपस्थित थे ।वर्तमान घाना टीम में कई खिलाडी चोटी के स्तर वाले यूरोपीय लीगों में खेलते हैं ,जैसे इटली लीग की चेल्सी टीम में खेलने वाले मिडफील्डर एशिन , इंटरनेशनल मिलान के मोंटारी इत्यादि ।घाना के वर्तमान मुख्य कोच लावयाच ,सर्बिया के हैं ।वे सर्बिया के सब से मशहूर फुटबाल क्लब बेल्ग्रेड रेत स्टार के मुख्य कोच थे ।उन को सर्बियाई राष्ट्रीय टीम की विशेषताएं व कमजोरियां साफ-साफ पता हैं ।इस के अलावा पश्चिमी अफ्रीकी टीम होने के नाते घाना के खिलाडियों की शारीरिक व दौडने की क्षमता यूरोपीय टीम व आस्ट्रेलियाई टीम से भी अच्छी है ।लेकिन घाना टीम की स्पष्ट कमजोरी टीम में नामी खिलाडियों की कमी नहीं है ,पर हमला आयोजित करने वाले स्टार खिलाडियों के अभाव की है ।इसी कारण घाना टीम के हमले में सृजनात्मक शक्ति कम है ।लेकिन सृजनात्मक हमला सर्बियाई टीम व जर्मन टीम की शक्ति है।इसलिए मैच में अपनी कमजोरी से बचकर अपने लाभ का पूरा प्रयोग करना घाना टीम के मुख्य कोच के सामने सब से महत्वपूर्ण सवाल है ।

आस्ट्रेलियाई टीम ग्रुप डी में सब से कमजोर टीम मानी जाती है ।लेकिन फुटबाल मैदान में हर बात संभव है ।वर्ष 2006 विश्व कप में आस्ट्रेलियाई टीम भी सब से कमजोर टीम मानी जा रही थी ,पर अंत में वह क्रोएशियाई टीम व जापानी टीम को हराकर ब्राजीली टीम के साथ ग्रुप से बाहर निकल आई ।आस्ट्रेलियाई टीम की मुख्य लाइन अप पिछले विश्व कप में भाग लेने वाली टीम के बराबर है ।वर्तमान आस्ट्रेलियाई टीम के मुख्य कोच होलैंड के वेल्पेक हैं ।उन्होंने ड्रॉ समारोह के बाद बताया कि आस्ट्रेलियाआ टीम हिम्मत कभी नहीं छोडेगी ।उन्होंने कहा कि हमें पिछले विश्व कप से अच्छा प्रदर्शन करना होगा ।जीवन में हमें एक लक्ष्य की जरूरत है ।हम इस के लिए पूरी कोशिश करेंगे ।

विश्व कप में आस्ट्रेलियाई टीम का पहला मैच जर्मन टीम के साथ होगा ।अगर उस ने एक अंक प्राप्त किया ,तो ग्रुप की स्थिति पर बडा प्रभाव पडेगा और ग्रुप डी की स्पर्द्धा अत्यंत तीव्र होगी ।

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