शायद आप ने ह्वांग शान पर्वत का नाम कभी सुना होगा। ह्वांगशान पर्वत अपने अनोखे प्राकृतिक दृश्यों के लिए चीन में बहुत प्रख्यात है और साल भर देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींचे रखता है। इस प्रसिद्ध पर्वत की तलहटी में स्थित ई श्येन नामक काउंटी है तो छोटी सी पर देखने लायक है। पूर्वी चीन के आन ह्वी प्रांत में स्थित ई श्येन काउंटी में सी ती और हुंग छुन नामक दो गांवों में सुरक्षित प्राचीन वास्तुशैली वाले कोई तीन हजार छः सौ से अधिक मकान बहुत प्रसिद्ध हैं। इसलिये सी ती व हुंग छुन नामक ये दो गांव चीन के मिंग व छिंग राजवंशों के ग्रामीण रिहायशी मकानों के संग्रहालय माने जाते हैं। छः साल पहले पुरानी वास्तु शैलियों वाले ये मकान चीनी आन ह्वी प्रांत की पुरानी शैली वाले मकानों की हैसियत के कारण विश्व ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किये गये हैं । यहां हम आप को ले चल रहे हैं इसी ई श्येन काउंटी के सी ती और हुंग छुन गांवों की सैर पर।
सीती गांव चीन के आन ह्वी प्रांत के दक्षिण स्थित ह्वांग शान पर्वत की ई श्येन कांऊटी में खड़ा हुआ है , उस का इतिहास आज से कोई नौ सौ60 वर्ष पुराना हो गया है । ध्यान देने योग्य की बात यह है कि इस गांव के वासिय़ों की हैसियत असाधारण है , वे शरण लेने यहां आये थांग राजवंश के राजा ली शी मिन की संतान ही हैं । मिंग व छिंग राजवंशों तक वे धीरे धीरे प्राचीन चीन के सब से प्रसिद्ध चार बड़े व्यापारी समूहों में से एक ह्वी चओ व्यापारी बन गये , उन्हों ने बाहर में कमायी धन दौलत से अपने आलीशान कमान बनवाये । क्योंकि यह स्थल बड़े पर्वतों के बीच अवस्थित है , इसलिये अतीत कालों में हुई युद्धाग्नि से बचकर पुराने मकान बड़े अच्छे ढंग से सुरक्षित रखे गये हैं ।
सी ती गांव में सब से साधारण मकान तीन चार सौ साल पुराने हैं , जिन में कुछ मकान छः सौ वर्ष से भी अधिक पुराने हैं । इस गांव में पुरानी शैली वाले सौ से अधिक मकानों का समूह वर्षों से हवा-पानी के थपेड़े सहता ज्यों का त्यों खड़ा है।
कुछ विदेशी पर्यटकों ने आश्चर्य से कहा कि यहां के मकान उन के देशों की स्थापना के इतिहास से भी पुराने हैं । ई श्येन कांऊटी के ह्वी चओ सांस्कृतिक अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रधान यू ची ह्वाइ ने इस का परिचय देते हुए कहा कि पुराने जमाने में ह्वी चओ वासी मकान बनवाते समय रंगों के आत्मसात पर विशेष जोर देते थे , उन के विचार में हरित पहाडों के बीच सफेद दीवारों व काले खपरैलों वाले मकान अमन चैन दिखायी देते हैं । यहां के मकान की एक अलग पहचान यह भी है कि एक कमान समूह के बीच एक खुला स्थान छोड़ा जाता है , इस स्थान को आकाश कुआ कहा जाता है । यू ची ह्वाइ ने इस की चर्चा में कहा ऐसे मकान में रहने वाले लोगों को दिन में नीला आसमान व सफेद बादल और रात को चमचमाने वाले तारे व चांद देखने को मिलते हैं , इतना ही नहीं , उस की और एक खूबी यह है कि वर्षा व बर्फ मकान में ही पड़ सकती है । ह्वी चओ के पूर्वजों का मानना था कि वर्षा बरसने का अर्थ है सोना बरसना , जबकि बर्फ पड़ने का अर्थ है चांदी पड़ना , उन की आशा है कि ऊपर आकाश से पड़ने वाली सभी संपदा अपने कमान में एकत्र होगा , वे पानी को बाहर बहने नहीं देते थे । साथ ही मकान के आकाश कुए में एक बड़ा तालाब भी निर्मित हुआ है , गर्मियों में तालाब के पानी का आग बुझाने और गर्मी को कम करने में प्रयोग किया जाता है ।
दिसम्बर 1999 में युनेस्को ने सी ती को प्राचीन ग्रामीण मकान समूहों के प्रतिनिधित्व के रुप में विश्व सांस्कृतिक विरासतों की नामसूची में शामिल कर दिया और कहा कि इस परम्परागत प्राचीन गांव में गत सदी में लुप्त या परिवर्तनशील ग्रामीण सूरत बड़े ढंग से सुरक्षित हुई है । यहां की सड़क शैली , पुरानी वास्तु शैली व सजावटें और जल सप्लाई प्रणाली विशेष पहचान वाली सांस्कृतिक विरासत ही है । बहुत ज्यादा पर्यटकों की नजरों में सी ती गांव आधुनिक समाज द्वारा भूलाया गया पुराना सपना जान पड़ता है , वह शहरी धूम से एकदम कटा हुआ है और वह लोगों को एक अलग ढंग के सीधे सादे ग्रामीण जीवन का आभास देता है।
मध्य चीन के हू पेह प्रांत से आये पर्यटक चुंग युंग ने रेश्मी गेंद फेंकने का खेल खेला . उस ने बड़ी प्रसन्नता से अपना अनुभव बताते हुए कहा
मालूम पड़ता है कि मैं फिर प्राचीन काल में वापस गया , यहां का वातावण बहुत साफ सुथरा है और प्राकृतिक सौंदर्य भी अत्यंत अनुपम है , मुझे यहां के पुरानी वास्तु शैलियों वाले मकान बहुत पसंद हैं ।
च्यांगसू प्रांत की सुश्री ऊ सु फिंग गत वर्ष की सर्दियों में जब पहली बार सी ती के दौरे पर आयी , तो वह तुरंत ही यहां के अद्भुत ग्रामीण वातावरण पर मोहित हो गयी । फिर वापस लौटने के कुछ समय बाद उस ने अपना काम छोड़कर स्थानीय गांववासियो के साथ एक ग्रामीण होटल खोल दिया । उस ने कहा यहां के प्राचीन निवास मकान बडे ढंग से सुरक्षित रखे गये हैं , ग्रामीण वातावरण भी बहुत सादा व शांतिमय है , दीर्घकालिक रुप से रहने लायक है ।
सी ती गांव की विशेष ग्रामीण पहचान ने अधिकाधिक देशी विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींच लिया है। ई श्येन सी ती पर्यटन सेवा कम्पनी की गाइड श्यू निंग च्वान ने परिचय देते हुए कहा काफी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक यहां के दौरे पर आये हैं , इन विदेशी पर्यटकों ने कहा कि उन के देशों में जो प्राचीन निर्माण बड़े ढंग से सुरक्षित हुए हैं , वे सब के सब पत्थरों से निर्मित हुए हैं , पर यहां की लकड़ियों से बनाये गये मकान कई सौ वर्षों से हवा पानी के थपेड़े सहने पर भी ज्यां के त्यों खड़े हुए हैं , यह सचमुच आश्चर्यजनक बात है ।
सी ती गाववासी ली क्वो यू ने कुछ साल पहले अपने घर में एक ग्रामीण होटल खोला । इस साल वसंत त्यौहार के उपलक्ष में चीन के थाइवान से आयी पर्यटक च्या निंग ने अपने ब्रिटिश पति के साथ इसी ग्रामीण होटल में चीनी स्टाइल वाला शादी व्याह किया । ली क्वो यू ने कहा मेहमान दुनिया के विभिन्न देशों से आते हैं , हमारे घर पर फ्रांस , अमरीका व जापान जैसे देशों के मेहमान रह चुके हैं । उन्हें हमारे यहां के साफ सुथरे ग्रामीण वातावरण , आदिम भोजन व स्वस्थ जीवन प्रणाली से एकदम लगाव हो गया है । उन का कहना है कि उन्हों ने कभी भी नहीं सोचा था कि आज की दुनिया में इतने अलग ढंग वाला स्थान देखने को मिलता है , साथ ही यहां की हर जगह , यहां तक कि एक छोटे तख्ते के पीछे अपना पुराना इतिहास छिपा हुआ है , यहां पर हर गाइट और गांववासी अंगिनत मजेदार कहानियां सुना सकते हैं , यह वाकई उन की कल्पना के परे है ।
जैसा कि कुछ लोगों का कहना है कि यदि प्राचीन चीनी राज महल देखना है , तो पेइचिंग पुराने राज प्रासाद म्युजियम में जाना सब से बेहतर है । यदि प्राचीन चीनी ग्रामीण वास्तु शैली वाले मकान देखना है , तो सी ती गांव जाना चाहिये । शायद सी ती गांव में इतिहास द्वारा छोड़े गये अवशेषों से चीनी राष्ट्र की संभ्यता के विकास का आसार मिले हो ।