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अफ्रीका में रेलवे का निर्माण करने वाले चीनी अमीर छेन श्यौ शिंग
2010-01-22 15:07:51

श्रीता दोस्तों, आज हम समाज जीवन कार्यक्रम शुरू करेंगे। पवन आप लोगों का स्वागत करता है। आज सुनिए, अफ्रीका में काम करने वाले चीनी अमीर छेन श्यौ शिंग के बारे में एक रिपोर्ट।

श्री छेन श्यौ शिंग एक सामान्य चीनी व्यक्ति हैं। वे अफ्रीका में दस साल से काम कर रहे हैं। उन्होंने नाइजीरिया आदि अनेक अफ्रीकी देशों में रेलवे का निर्माण करने के लिए बहुत काम किया है और चीन अफ्रीका के बीच दोस्ती मजबूत करने में बड़ा योगदान दिया है। वे नाइजीरिया की तीन बड़ी जातियों में से ईबो जाति के अमीर भी बन गए हैं। सन् 2009 में उन्होंने चीन अफ्रीका मैत्री योगदान पुरस्कार भी प्राप्त किया। आज हमारे कार्यक्रम में आप इन चीनी अमीर की कहानी सुनेंगे।

सन् 1982 में श्री छेन श्यौ शिंग चीन के छांग शा रेलवे कॉलेज से स्नातक हुए। वे चीनी निर्माण परियोजना ग्रुप में काम करने लगे और संयुक्त अरब अमीरात में काम करने के लिए गए। इस के बाद वे अफ्रीका में वे दस साल तक ठहरे। संयुक्त अरब अमीरात के लोगों ने उन की अच्छी तकनीक की प्रशंसा की।

सन् 1997 में चीनी निर्माण परियोजना ग्रुप ने नाइजीरिया में रेलवे निर्माण और रेल गाड़ी खरीदने आदि के अनुबंध प्राप्त किए। यह उस समय चीन के द्वारा विदेश में प्राप्त सब से बड़ा अनुबंध भी था। श्री छेन श्यौ शिंग रेलवे निर्माण की इस योजना में भाग लेने के लिए नाइजीरिया भेजे गए। इस के बाद वे 10 साल से अधिक समय तक अफ्रीका में रह कर इस काम को अंजाम देने में लगे रहे ।

जब पहली बार वे नाइजीरिया गए, श्री छेन श्यौ शिंग को वहां रहना कुछ कठिन लगा। उस समय उन के लिए अफ्रीका में जीवन बिताना बहुत कठिन था। श्री छेन श्यौ शिंग ने कहा

वहां पानी की कमी थी। वहां की स्थानीय बिजली परियोजना की स्थिति भी अच्छी नहीं थी। सन् 1997 में चीन में मोबाइल का इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन नाइजीरिया में मोबाइल कम थे। कोई भी काम करने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाने में गाड़ी से कई घंटे लगते थे। वहां सुरक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति भी अच्छी नहीं थी।

लेकिन श्री छेन श्यौ शिंग और उन के साथियों ने विभिन्न कठिनाइयों का सामना करते हुए भी काम किया । लेकिन जब 1999 में नाइजीरिया की सरकार बदली तो चीनी निर्माण परियोजना ग्रुप की रेलवे के निर्माण की योजना के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई । श्री छेन श्यौ शिंग ने उस समय की स्थिति की याद करते हुए कहा

उस समय रेलवे निर्माण योजना की स्थिति अस्पष्ट थी। जिस का मुख्य कारण वर्तमान राष्ट्रपति के द्वारा रेलवे निर्माण के लिए चीन से विभिन्न आग्रह करना था। यह आग्रह चीन के साथ संपन्न किए गए समझौतों से अलग था। उन्होंने नाइजीरिया में आधुनिक रेलवे निर्माण करने का आग्रह किया।

उस समय नाइजीरिया की स्थिति चीन में रूपांतरण व सुधार की नीति लागू की जाने के बराबर थी। श्री छेन श्यौ शिंग ने कहा कि चीन द्वारा प्राप्त किए गए कुछ अनुभव नाइजीरिया में लागू किए जा सकते हैं। इस से स्थानीय सामाजिक व आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में योगदान दिया जा सकेगा। इसलिए श्री छेन श्यौ शिंग ने एक बार नाइजीरिया के राष्ट्रपति ओबासानजो के साथ बातचीत करते समय यह सलाह दी।

उस समय मैं ने नाइजीरिया के राष्ट्रपति को एक सलाह दी। नाइजीरिया में रेलवे निर्माण के विकास के धीमे होने का कारण है कि नाइजीरिया में रेलवे के विकास के लिए कोई स्पष्ट योजना नहीं बनायी गयी । हमें नाइजीरिया में रेलवे निर्माण के लिए एक पूरी योजना बनानी चाहिए ।

नाइजीरिया के वर्तमान राष्ट्रपति ओबासानजो ने उन की सलाह स्वीकार कर ली। इस के बाद नाइजीरिया ने चीनी निर्माण परियोजना ग्रुप के साथ 8 अरब 30 करोड़ अमरीकी डालर का अनुबंध संपन्न किया। सन् 2002 में नाइजीरिया ने रेलवे के विकास की 25 वर्षीय योजना भी बनायी। एक सुविधाजनक यातायात वेब और यातायात परियोजना नाइजीरिया के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए पक्की बुनियाद है।

अफ्रीका के अर्थतंत्र के विकास को आगे बढ़ाने के लिए श्री छेन श्यौ शिंग ने स्थानीय चीनी दूतावास, चीनी कंपनियों के साथ ताल मेल करके नाइजीरिया के मुख्य शहरों में मुक्त व्यापार क्षेत्र भी स्थापित किए। अर्थतंत्र के विशेष प्रशासन क्षेत्र स्थापित करना भी चीन के विकास के मुख्य अनुभव का भाग है।

श्री छेन श्यौ शिंग और उन की कंपनी अफ्रीका में 10 साल से ज्यादा समय तक काम करती रही। उन्होंने अफ्रीका के विभिन्न देशों की यात्रा की। उन्होंने तंजानिया में स्कूल बनाए । उन्होंने बोत्सवाना के गांवों में रास्ते बनाए। श्री छेन श्यौ शिंग के विचार में यह उन का कर्तव्य था। यह एक चीनी कंपनी और एक चीनी व्यापारी की अफ्रीका में उठाई गई सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा

मेरे विचार में कारोबार में भी मानव की तरह अच्छे गुण होने चाहिए। चीन की परंपरागत सभ्यता में मानव को एक दूसरे को मदद देनी चाहिए। दूसरे लोगों की मदद करना अपनी मदद करने के बराबर है। इसलिए हमें स्थानीय सभ्यता व धर्म का समादर करने के साथ-साथ विदेशी दोस्तों को भी मदद देनी चाहिए।

अफ्रीका में श्री छेन श्यौ शिंग द्वारा दिए गए योगदान से सन् 2008 में नाइजीरिया के राष्ट्रपति ने उन्हें नाइजीरिया की तीन बड़ी जातियों में से एक इबो जाति का अमीर बनाया। उन्होंने श्री छेन श्यौ शिंग को विदेश से आए ईगल का नाम भी दिया।

श्री छेन श्यौ शिंग ने कहा कि अमीर बनाना नाइजीरियाई लोगों द्वारा उन में प्रदर्शित सब से बड़ा विश्वास है। भविष्य में वे अपने साथियों के साथ नाइजीरिया के विकास और लोगों की जीवन स्थिति सुधारने के लिए ज्यादा योगदान देंगे। वे चीन अफ्रीका की परंपरागत दोस्ती मजबूत करने और आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा कोशिश करेंगे।

अच्छा श्रोता दोस्तो, समाज जीवन कार्यक्रम आज यहीं समाप्त होता है। अब पवन को आज्ञा दें, नमस्कार । (पवन)

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