भारत-आस्ट्रेलिया के बीच 7 मैंचों की सीरीज 25अक्तूबर को बङौदा में शुरू होकर 11 नवंबर तक चली। अगर एक दो मैचों को छोङ दें तो भारत खेल के हर क्षेत्र में आस्ट्रेलिया के सामने कहीं टिक नही पाया। नतीजा कंगारू 4-2 से सीरीज अपने नाम कर घर लौटे।
कई अहम खिलाडि़यों की गैरमौजूदगी के बावजूद आस्ट्रेलिया शुरूआत से ही काफी विश्वस्त दिख रहा था। पहले मैच मे ही कंगारुओं ने इसे हकीकत में बदल डाला। उसने भारत के सामने जीत के लिए 292 रनों का विशाल लक्ष्य रखा, जिसमें कप्तान रिकी पोंटिग और माईकल हसी ने 74 और 73 रन बनाए। इसके जबाब में भारत शुरु से ही लङखङा गया, हालांकि गौतम गंभीर ने 68 रनों की पारी खेली, एक वक्त भारत की हार निश्चित लग रही थी, लेकिन प्रवीण कुमार व हरभजन सिंह ने मैच को भारत के पक्ष मे मोङने की पूरी कोशिश की । मगर इनका प्रयार नाकाफी रहा। आखिर में भारत के गले चार रनों की हार लगी। आस्ट्रेलिया की ओर से खब्बू माईकल हसी मैच विनर बनकर उभरे।
सीरीज का दूसरा मैच 28 अक्तूबर को नागपुर में खेला गया। आस्ट्रेलिया ने टास जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। उम्मीद के उलट कप्तान धोनी और उनकी सेना ने आस्ट्रेलियाई के मंसूबों पर पानी फेरते हुए मेहमान टीम के सामने जीत के लिए 354 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। जिसमें भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का शानदार शतक भी शामिल था। आस्ट्रेलिया इसके जबाब में शुरु से ही काफी लाचार दिखा, उसका कोई भी बल्लेबाज भारतीय टीम के गेंदबाजी के आगे नहीं टिक सका। यह मैच भारत ने बङी आसानी से 99 रनों से जीतकर, सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली। भारतीय टीम के कप्तान धोनी को शानदार 124 रनों के लिए मैन आफ द मैच चुना गया।
सीरीज का तीसरा मैच 31 अक्तूबर को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में खेला गया। आस्ट्रेलियाई टीम ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया, जो आस्ट्रेलिया के लिए काफी महंगा साबित हुआ। भारतीय गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी के कारण, आस्ट्रेलियाई टीम अपने लिए सिर्फ 229 रन ही जुटा पाई। इसके जबाब में, भारतीय टीम के युवराज सिंह और कप्तान धोनी के शानदार बल्लेबाजी से भारतीय टीम ने 10 गेंद रहते हुए हि मैच को 6 विकेट से जीतकर सीरीज में 2-1 से अपनी बढत बना ली। युवराज सिंह को उनके धमाकेदार बल्लेबाजी (8चौके, 2 छक्के) के लिए मैन आफ दी मैच का पुरस्कार दिया गया।
सीरीज का चौथा मैच 2 नवम्बर को मोहाली में खेला गया। भारतीय टीम के कप्तान धोनी ने टास जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला लिया। आस्ट्रेलियाई टीम ने महज 24 रन पर ही पहला विकेट गवाँ दिया, लेकिन वाटसन और पोंटिग की समझदार साझेदारी ने आस्ट्रेलिया को मजबूत शुरुआत दी। पोंटिग की सेना ने भारत के सामने 251 रनों का लक्ष्य रखा। लेकिन भारतीय टीम में से कोई भी खिलाङी अर्द्धशतक तक लगाने में कामयाब नहीं हो पाया। यह मैच आसानी से आस्ट्रेलियाई टीम के झोली में डाल दिया। कंगारू टीम ने यह मैच 24 रनों से जीत लिया इस मैच मे भारतीय धुरंधर बल्लेबाज आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे काफी लाचार दिख रहे थे। वाटसन को मैन आफ द मैच के खिताब से नवाजा गया।
सीरीज का पाँचवां मैच 5 नवम्बर को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय मैदान में खेला गया। आस्ट्रेलियाई टीम ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया, और ऐसा लगता था जैसे रिकी पोंटिग ने इस मैच के लिए कोइ खास रणनीति बनाई थी। आस्ट्रेलियाई टीम के शिर्ष बल्लेबाजों ने करिश्माई बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए, टीम इंडिया के सामने 350 रनों का विशाल स्कोर खङा किया।
टीम इंडिया की तरफ से जबाबी हमले में, सचिन तेंदुलकर को छोङकर किसी भी बल्लेबाज का बल्ला नहीं चला। तेंदुलकर ने 19 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 175 रन जोङे और इसके साथ ही अपने कैरियर के 17000 रन पूरे किए। लेकिन सचिन की अतिशी बल्लेबाजी भी भारतीय टीम को हार से नहीं बचा सकी। इस मैच मे एक बार फिर भारतीय टीम की बल्लेबाजी की पोल खुल गई। आस्ट्रेलिया ने यह मैच 3 रनों से जीतकर सीरीज मे 3-2 से अपनी बढत बना ली। सचीन को उनके सर्वश्रष्ठ प्रदर्शन के लिए मैन आफ दी मैच का पुरस्कार दिया गया।
सीरीज का छठा मैच 8 नवम्बर को गुवाहाटी में हुआ। भारतीय कप्तान ने टास जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। गुवाहाटी में एक बार फिर से टीम इंडिया की सेना कंगारुओं से पानी माँगते नजर आए। टीम इंडिया के शीर्ष बल्लेबाज आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों से मुँह चुराते नजर आये। टीम इंडिया ने कंगारुओं के सामने 170 रनों का आसान लक्ष्य रखा, जिससे कंगारुओं ने 49 गेंद रहते हुए हि 6 विकेट पर जीत दर्ज कर ली। और सीरीज अपने नाम कर ली। आस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान रिकी पोंटिग ने कहा कि यह जीत उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इस सीरीज में आस्ट्रेलिया के तमाम खिलाङी चोटिल होने के वजह से नहीं खेल सके और पोंटिग को नये और कम अनुभवी खिलाङीयों के साथ खेलना पङा। कप्तान रिकी पोंटिग इस जीत के बाद काफी खुश दिखाई दे रहे थे, और इस जीत को उन्होनें अपने कैरियर की अहम जीत बताया।
सीरीज का सातवाँ और आखिरी मैच मुंबई मे होना था, जो बारिश की भेंट चढ गया, और इसके साथ ही टीम इंडिया लाज बच गयी। आस्ट्रेलियाई टीम जिस मंसूबे से भारतीय दौरे पर आयी थी, उसको सफल बनाने में टीम इंडिया का भी कम योगदान नहीं रहा। यह सीरीज भारत के लिए तो निराशाजनक रही, लेकिन आस्ट्रेलिया ने खुद को फिर से किकेट की दुनिया का बादशाह साबित कर दिखाया। हालांकि भारत के लिए सचिन ने अपने 17000 रन पूरे किए। इस सीरीज के समाप्ति् के साथ ही, भारतीय टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर एक बार फिर से सवालिया निशान लग गया है।