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गाने में शिनच्यांग की जानकारी पाना
2009-10-20 10:40:00

विश्व की विभिन्न जगहों की अपनी-अपनी संस्कृति है ।गीत-संगीत के जरिये एक दूसरे की अंदरूनी भावनाएं महसूस की जा सकती हैं । चीन का शिनच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश हमेशा से गीत-संगीत और नृत्य में आगे रहा है । शिनच्यांग में मनोहर परंपरागत गीत-संगीत के अलावा कुछ युवा संगीतकारों ने अपनी शैली वाले लोक-संगीत का विकास भी शुरू किया है ।

वर्ष 2008 में शिनच्यांग स्वायत्त प्रदेश में गीत-संगीत जगत में नयी हवा बहने लगी । इसी वर्ष शिनच्यांग में लोक गीत-संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । दो महीनों में 370 नए गीतों का संग्रहण किया गया , उन में 140 रचनाएं अल्पसंख्यक जातियों की भाषाओं में रचित हैं । फिर विजयी 50 गीतों का एक समारोह शिनच्यांग की राजधानी ऊरुमुछी शहर में आयोजित हुआ । नया गीत-संगीत शिनच्यांग की परंपरागत शैलियों से भी मेल खाता है । मिसाल के तौर पर ' शिनच्यांग नान ' शीर्षक गीत इस रूझान का ठीक प्रतिनिधित्व करता है ।

' शिनच्यांग नान ' जैसे नया गीत-संगीत शिनच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश की लौकिक जीवन का वर्णन करता है । वेवुर जातीय गायक शाउकाट ने कहा कि ' शिनच्यांग नान ' में वेवुर जातीय संगीत है , पर साथ ही इस के साथ आधुनिक लोक-संगीत का तत्व भी जुड़ा हुआ है ।

नान शिनच्यांग वासियों के रोज़मर्रे का खाद्य पदार्थ है । पर ' शिनच्यांग नान ' में जातियों की एकता और भाई-बहिन जैसी स्नेहपूर्ण भावना आदि भी जाहिर होती है । इस गीत में सूर्य के रूप वाला नान , नान का आकार वाले सूर्य का वर्णन है। शिनच्यांग के नान से मेरा स्वप्न जाहिर होता है ।

नान आटा मेदे से बनी रोटी है , जो शिनच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश में दो हजार वर्ष से बनाई जा रही है । सिंच्याग स्वायत्त प्रदेश में लोग नान से अतिथियों का सत्कार करते हैं और दोस्तों के घर जाते समय भी उपहार के रूप में नान देते हैं । गत वर्ष पेइचिंग ऑलंपियाड की खुशी मनाने के लिए शिनच्यांग के एक किसान ने अपने परिवारजनों के साथ एक विशाल ऑलंपिक नान बनायी । गत मई में जब दक्षिण-पश्चिमी चीन के स्छ्वान प्रांत में गंभीर भूकंप आया , तब शिनच्यांग के हामी शहर के सौ से अधिक दुकानदारों ने भूकंपग्रस्त लोगों के लिए 20 हजार नान बनाकर विमान से भेजे । नान शिनच्यांग के खाद्य पदार्थों का प्रतिनिधि माना जाता है ।

लेकिन शिनच्यांग के गीत-संगीत में सिर्फ नान नहीं , बल्कि फूल , फल , तरबूज-खरबूजा , पशु , थिएनशान पर्वत और सफेद बादल आदि भी प्रमुख विषय हैं । गायक ऐसे गीतों में शिनच्यांग के प्रति अपनी प्यार की भावना प्रस्तुत करते हैं । आप सुनिये आन मिंग ल्यांग के द्वारा रचित ' यही शिनच्यांग ' ।

आन मिंग ल्यांग के पिता भीतरी इलाकों से गये सैनिक किसान थे । पिता की पीढ़ियों ने हाथ पांव तोड़कर शिनच्यांग में बहुत से सुनसान जगहों को उपजाऊ बनाया । और आन मिंग ल्यांग को भी बचपन से शिनच्यांग में विभिन्न जातियों के बीच एकजुटता और समृद्ध जीवन दिखाई पड़ा । इसी कारण आन मिंग ल्यांग के गीत में शिनच्यांग के प्रति गहरे गौरव की भावना भरी हुई है । उन्हों ने कहा कि उनके गीतों का स्रोत शिनच्यांग की विशाल भूमि है ।

शिनच्यांग गीत-संगीत की शैली हमारी रचनाओं का स्रोत है । मैं बाद में भी शिनच्यांग की भावना के मुताबिक अपनी नयी रचनाओं में और अधिक ऐसे तत्व डालूंगा ।

शिनच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश में अनेक जातियां रहती हैं । विभिन्न जातियों के गायकों ने गीतों में अपनी अपनी जन्मभूमि की खूब प्रशंसा की है । बायीनगोल शिनच्यांग स्वायत्त प्रदेश में स्थित मंगोलिया स्वायत्त शासन राज्य है । गायिका जू श्यू ली द्वारा गीत-संगीत प्रतियोगिता में सुनाया गया गीत 'मेरा बायीनगोल 'को विशेष पुरस्कार मिला ।

शिनच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश के खाशी शहर से आये गायक आरकिन वर्ष 1999 में पेइचिंग के केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय में स्नातक होने के बाद संगीतकार बने । आज आरकिन शिनच्यांग के गीत-संगीत जगत में मशहूर हैं । आरकिन ने कहा कि चाहे वे बाद में कहीं भी जाएं , और वे कैसी भी शैली अपनाएं , वे हमेशा शिनच्यांग संगीत के विकास के लिए अपना योगदान देते रहेंगे । उन्हों ने कहा ,हम भिन्न-भिन्न जातियों के लिए स्वीकृत लोक-गीत , और परंपरागत तथा आधुनिक विशेषता वाले गीत रचने का प्रयास कर रहे हैं , ताकि शिनच्यांग संगीत के विकास को बढ़ावा दे सकें ।

आरकिन ने कहा कि अब वे अपनी जन्मभूमि यानि शिनच्यांग प्रदेश के खाशी शहर के बच्चों के लिए एक विशेष गीत संग्रह रचने में व्यस्त हैं । खाशी में वेवुर जाति , उचपेकी जाति , टाचिकी जाति और खलखजी जाति के चालीस बच्चों से गठित एक कोरस द्वारा गीतों के संग्रह बनाने का काम किया जा रहा है । आरकिन अब पेइचिंग में रहते हैं , पर वे पेइचिंग और उरुमुछी शहर के बीच आते जाते रहते हैं।

शिनच्यांग स्वायत्त प्रदेश के युवा संगीतकार पुराने पारंपरिक गीत-संगीत की संस्कृति में डूबे हुए हैं । और साथ ही उन्हों ने शिनच्यांग के गीत-संगीत में कुछ नये तत्व डालने का प्रयत्न भी किया है । उन्हों ने अपने गीत संगीत में शिनच्यांग के प्यार की भावना प्रकट की है और अपनी जन्मभूमि के तेज़ विकास की उम्मीद जतायी है । शिनच्यांग के गायक काऔ-आन ने कहा कि युवा संगीतकार शिनच्यांग गीत-संगीत जगत की नयी पीढ़ी हैं , उन की कोशिश नहीं रुकेगी । गायक काऔ-आन ने इस के लिए एक गीत भी बनाया , जिस का नाम है , ' शिनच्यांग , उड़ जाओ । '

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