आप को जरूर ही मालूम हुआ होगा कि भीतरी मंगोलिया उत्तर चीन में अवस्थित है , वहां के विशाल मैदान पर 49 चीनी जातियां बसी हुई हैं । भीतरी मंगोलिया की राजधानी हुहहाउत शहर में विभिन्न जातियां एकजुट होकर समान रुप से विकास करने में जुटी हुई हैं ।
नागरिकों के रहने की स्थिति को सुधारने के लिये होहहोत शहर ने 2003 से अब तक कुल एक करोड़ 40 लाख वर्गमीटर वाले पुराने टुटे फुट मकानों को हटाकर जिस नये क्षेत्र का निर्माण किया है , उस का क्षेत्रफल पुराने शहर के कुल क्षेत्रफल का एक तिहाई भाग बनता है । समचे शहर में निर्मित नया शहर क्षेत्रफल 2003 से दो गुना बढ़ गया है । मंगोल , हान , ह्वी, ताहांर और अवनक समेत 36 जातियां इसी तेज विकसित शहर में मेलमिलापपूर्वक रहती आयी हैं ।
73 वर्षिय हान जातीय बुजुर्ग ली क्वी इंग को हुहहोत शहर में रहे हुए 50 साल से अधिक हैं , उन की आपबीती यहां के जीवन में आये बदलाव का साक्षी है ।
मैं शान शी प्रांत रहने वाली हूं , 1957 में मैं अपने पति के साथ यहां आयी हूं । उस समय यहां पर पेड़ों को छोड़कर कुछ नहीं था , भवन का कोई नामोनिशान भी नहीं था । अभी शहर में जो बड़े बड़े भवन नजर आते हैं , वे सब से सब इधर 20 सालों में निर्मित हुए हैं , आज का जीवन दिन ब दिन सुधरता जा रहा है , हर क्षेत्र में बड़ा सुधार आया है ।
यह बिलकुल सच है , 6 साल पहले हुहहोत शहर में 50 मीटर ऊचे भवनों की संख्या 30 से कम थी , पर आज यह संख्या बढ़कर 500 से अधिक हो गयी है , अब हुहहोत शहर में रोड लम्बे चौड़े ही नहीं , दोनों किनारों पर गगनचुम्बी इमारतें भी कतारों में खड़ी हुई दिखाई देती हैं ।
बुजुर्ग ली क्वी इंग ने कहा कि उन की संतानों ने अब अपना अपना घर बसा लिया है , इतना ही नहीं उन के पोते भी नौकरी करते हैं । वे अपने पति के साथ 75 वर्गमीटर वाले रोशनीदार फ्लेट में रहती हैं , पर्याप्त पेंशन मिलने से उन का जीवन अत्यंत सुखी व निश्चिंत हुआ है । हर डिनर के बाद वे अपने पड़ोसियों के साथ समुदाय के केंद्रीय बाग बगीचे में मन बहलाने के लिये गीत गाती हैं ।
बुजुर्ग ली क्वी इंग ने आगे कहा कि शुरु शुरु में मैं और अपना पति कुल दो लोग यहां आये थे , पर अभी हमारे पूरे परिवार में कुल 19 सदस्य हैं । बड़ा सुखद महसूस हो रहा है , मुझे यहां स्थानांतरित करने पर कभी पछतावा नहीं हुआ ।
शहरी वासियों के जीवन को और खुशहाल बनाने के लिये हुहहोत शहर की सरकार ने क्रमशः 6 बार सेवा से निवृत बुजुर्गों के पेंशन और चार बार सफाई मजदूरों के वेतन को बढा दिया , जिस से शहरी वासियों के लिये नीम्नतम गारंटी , चिकित्सा बीमा और बेराजगारी संबंधी सामाजिक प्रतिभूति व्यवस्था मूल रुप से स्थापित हो गयी है ।
क्योंकि हुहहोत शहर बहुजाति बहुल शहर है , इसलिये विकास की प्रकिया के दौरान स्थानीय सरकार विभिन्न जातियों के संस्कृतियों के सम्मान व संरक्षा और प्रचार को विशेष महत्व देती है । पिछले कई सालों में चाओ चुन म्युजियम , बड़ा चुलाखान , पंचमीनार मठ और राजकुमारी भवन समेत बहुत से सांस्कृतिक ऐतिहासिक अवशेषों की मरम्मत की या उन का विस्तार किया गया , इसलामी जातीय विशेषता युक्त सड़क और मंगोलिया य्वान सांस्कृतिक विशेषता सड़क आदि प्रतीकात्मक सांस्कृतिक सड़कों का निर्माण पूरा किया गया ।
सिनच्यांग वेगुर स्वायत्त प्रदेश रहने वाला मुसलीम युकत अलीमू इसी शहर के इसलामी विशेषता वाली सड़क पर व्यापार करता है । उस के स्टाल के पास खड़ा होकर भुने हुए मटन की गाढ़ी महक को छोड़कर उत्साहित सिनच्य़ांग गाना भी सुनाई देता है ।
उस ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि उसे एक साल पहले यहां आकर भुने हुए मटन की कड़ियां बेचता है , यहां बहुत सी जातियां साथ मिलकर रहती हैं , बड़ा मजेदार है ।
हुहहोत की नगर पालिका के सचिव हान ची रान ने परिचय देते हुए कहा कि यहीं की जातीय एकता गर्भित सामंजस्य की अभिव्यक्ति है । मंगोल जाति की जनता घाम मैदान जितनी विशाल भावना लिये किसी भी संस्कृति व जाति का बहिष्कार कभी भी नहीं करती ।
ऐतिहासिक ग्रंथों को खोलकर पढ़ने को मिलता है कि तमाम मंगोलियाई सत्ता कालों में जातियों के बीच मेलमिलाप और एकता बहुत अच्छी तरह बरकरार रही है । कैथोलिक , बौद्ध धर्म , और इसलाम समेत 6 बड़े बड़े धर्म मेलमिलापपूर्वक अस्तितित्व रहते आये हैं । अब मंगोलिया में विशेषकर शहरी परिवारों में ऐसे परिवार की खोज निकालना बहुत कठिन है , जिस की तीन पीढ़ियां शुद्ध मंगोलियाई जाति की हैं।
हुहहोत शहर की सरकार ने शिक्षा को काफी बड़ा महत्व दिया है , इधर सालों में कुछ प्राइमरी व मीडिल स्कूलों व किंडरगार्टनों की परियोजनाएं पूरी कर ली हैं , बाहर से आने वाले लोगों की संतानों के स्कूल जाने की समस्या मूल रुप से दूर हो गयी है । 17 वर्षिय छात्रा श्वे च्या छी को अभी अभी विश्वविद्यालय भरती पत्र मिला । उस ने कहा
हमारी क्लास में 59 छात्र छात्राएं हैं , जिन में 23 मंगोल जाति के हैं , इस के अलावा अलुनछन और अवनक जातियों के भी हैं , हम सब बड़े मेलमिलाप के साथ रहते हैं ।
हुहहोत शहर , यहां तक कि पूरे भीतरी मंगोलिया में सुधार और खुले द्वार नीति लागू किये जाने के बाद संबंधित सरकारी विभागों ने क्रमशः अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रीय विकास कोष स अविकसित क्षेत्रीय विकास राशि , अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रीय भत्ता फीस , अविकसित क्षेत्र के विकास की सहायता राशि और जातीय व्यापार व जातीय दैनिक वस्तुओं के विशेष उत्पादन कर्ज आदि विविधतापूर्ण विशेष धन राशि अनुदित कर हजारों अल्पसंख्यक जातीय अर्थतंत्र , शिक्षा , संस्कृति और स्वास्थ्य परियोजनाओं का समर्थन किया है और अल्पसंख्यक जातियों को गरीबी से छटकारा पाने में मदद दी है । भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के सामाजिक विज्ञान अकादमी के प्रोफेसर हाउ छंग ची ने कहा
एकजुट होने से पहाड़ निकाला जाता है , भाई बहन खुन पसीना एक करके मिट्टी को स्वर्ण के रुप में बदलने में सक्षम हैं । हम जातीय एकता के सूत्र में बांधकर हाथ में हाथ मिलाकर उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं । यहां का पूंजी निवेश वातावरण अनुकूल क्यों है , क्योंकि यहां पर व्यक्तितों और जातियों के बीच संबंध मधुर है और समाज सामंजस्पूर्ण है ।