जनवादी कोरिया विश्व के अधिकतर लोगों के लिये एक रहस्यमय देश है , पर चीनी कोरियाई सीमांत क्षेत्र स्थित चीनी ल्याओ निंग प्रांत के तान तुंग शहर रहने वाले नागरिकों के लिये कोई अनजान नहीं है , वे कोरियाइयों के साथ पडोसियों की तरह या लू च्यांग नदी के दोनों तटों पर रहते आये हैं । आज के इस कार्यक्रम में हम आप के साथ इसी सीमांत शहर तान तुंग के दौरे पर जा रहे हैं , वहां पर चीनी व कोरियाई जनता की मैत्रीपूर्ण आवाजाहियों से जुड़ी भावुक कहानियां सुनने को मिलेंगी ।
तानतुंग शहर उत्तर पूर्व चीन के ल्याओ निंग प्रांत के दक्षिण भाग से होकर बहने वाली या लू च्यांग नदी के पास स्थित है और वह जनवादी कोरिया लोक गणराज्य के शिन ई चओ क्षेत्र के आमने सामने खड़ा हुआ है । 1988 में तान तुंग शहर खुला समुद्रतटीय शहर के रुप में प्रकाश में आया है , जनवादी कोरिया लोक गणराज्य के साथ व्यापार का निर्यात जनवादी कोरिया को चीनी कुल निर्यात का 80 प्रतिशत बनता था । तान तुंग शहर की प्रसिद्ध प्रगति सड़क जनवादी कोरिया के साथ व्यापार करने वाला अग्रिम झरोखा माना जाता है । वह चीनी व कोरियाई कस्टमों से मात्र कई मीटर दूर है । यहां पर बीस तीस दुकानें नजर आती हैं ।
श्री छयेन चालू वर्ष में चालीस से अधिक वर्ष के हैं , वे तान तुंग शहर रहने वाले हैं । गत सदी के 80 वाले दशक के अंत से जब वे स्कूल में पढ़ते थे , तो कोरियाई भाषा सीखने लगे । पर उस समय कोरिय़ाई भाषा आज जैसी जितनी चर्चित नहीं है ।
मैं ने गत सदी के 80 वाले दशक में जब कोरियाई भाषा सीखी , तो मेरा समर्थन करने वाला कोई नहीं था । मेरी कोरियाई भाषा सीखने की पाठ्य सामग्री पेइचिंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पाठ्य सामग्री की फोटो कापी ही थी , डर के मारे मैं ने पाठ्य सामग्री का प्रथम पृष्ठ फाड़ दिया , ताकि दूसरे लोगों को इस पाठ्य सामग्री के विषय का पता न लगे , उस समय मैं इसी तरह चुपचाप से कोरियाई भाषा सीखता था । स्नातक होने के बाद नौकरी करने के साथ साथ मैं ने कोरियाई भाषा सीखना नहीं छोड़ा , साथियों ने यह देखकर मुझ से कहा कि कोरियाई भाषा सीखने का क्या अर्थ है , अंग्रेजी या जापानी भाषा सीखना इस से कहीं बेहतर होगा , ऐसी हालत में हमारे यहां कोरियाई भाषा सीखने वाले बहुत कम मिलते थे , पर आज की स्थिति एकदम बदल गयी है , कोरियाई भाषा सीखना एक बहुचर्चित बात बन गया है । आज जब मैं फटाफट कोरियाई भाषा बोलता हूं , तो लोगों को बड़ा ताजुब हुआ है कि मुझे कोरियाई भाषा कैसे आती है , यह सचमुच उन की कल्पना से परे है , साथ ही मुझे अपनी दूरदर्शिता पर बड़ा गर्व महसूस हुआ है ।
श्री छ्येन ने आज की स्थिति में आये जिस बदलाव का उल्लेख किया है , वह चीनी व कोरियाई जनता के बीच दिन ब दिन घनिष्ट होने वाले संबंधों से जुड़ा हुआ है । वर्तमान तान तुंग शहर में कोरियाई भाषा सीखने की लहर जोरों पर है , कोरियाई भाषा किंडरगार्टन , मीडिल स्कूल और हाई स्कूल स्थानियों वासियों को आकर्षित कर लेते हैं । उन्हो ने बहुत सादे शब्दों में कोरियाई जनता के साथ तान तुंग वासियों के संबंध का वर्णन करते हुए कहा
दोनों देशों के बीच मैत्री बहुत पुरानी है , उन के साथ सम्पर्क से हमें महसूस हुआ है कि दोनों देशों की जनता के बीच मैत्रीपूर्ण भावना बनी रही है , सब लोग सुख चैन से जीवन बिताना , आर्थिक विकास करना और अपना जीवन स्तर उन्नत करना चाहते हैं ।
तान तुंग शहर रहने वाला होने के नाते श्री छ्यान ने हमारे संवाददाताओं को चीन कोरिया मैत्रीपूर्ण आवाजाही की बहुत सी कहानियां सुनायीं । या लू च्यांग नदी चीन कोरिया मैत्री का अनूठा प्रतिनिधि है , या लू च्यांग नदी पर कोई सीमा रेखा नहीं है , दोनों देश समान रूप से इस नदी का प्रयोग करते हैं , यह विश्व के दूसरे देशों से भिन्न है । दोनों देशों की जनता मुक्त रुप से नदी में नाव चलाते या मछली मारते दिखाई देती है और एक दूसरे से मिलने पर बड़ी शिष्टा से अभिवादन भी करती है , जब नदी में कोई कोरियाई मछुआ जहाज नदी में चट्टान से टक्कर मारकर रुका , तो तान तुंग वासियों ने उसे उबारने की पूरी कोशिश की ।
जनवादी कोरिया के साथ व्यापार करने के पिछले दसेक सालों में श्री छ्यान चीन कोरिया संबंध उत्तरोत्तर प्रगाढ़ होने का साक्षी ही नहीं , बल्कि उन्हें परोक्ष रूप से कोरियाई समाज में आये कुछ परिवर्तन महसूस हुए हैं । शुरु शुरु में कोरियाई जनता केवल बुनियादी दैनिक आवश्यकताओं पर संतुष्ट थी , पर आज वह रोजमर्रे में आने वाली वस्तुओं की गुणवत्ता का ख्याल रखने लगी है ।
इधर दस सालों में जनवादी कोरिया में यह परिवर्तन आया है कि जीवन और तिजारती मालों की गुणवत्ता का स्तर लगातार बढ़ता गया है । मिसाल के लिये दस साल से पहले पसीना पोंछने वाले तोलिये की क्वालिटी पर कोरियाई लोगों का ज्यादा ध्यान नहीं हुआ , पर आज वे तोलिये की क्वालिटी , रंग , दूषण को कहीं अधिक महत्व देने लगे हैं , अब उन के लिये दाम क्वालिटी जितना महत्वपूर्ण नहीं है।
युग की प्रगति से कोरियाई जनता के साथ तान तुंग वासियों का आदान प्रदान लगातार प्रगाढ़ होता जा रहा है । तान तुंग शहर की सड़कों पर कुछ कोरियाई रेस्तरां और दुकानें दिखाई देती हैं । श्री छ्यान ने कहा कि तान तुंग रहने वाला होने के नाते उन्हों ने कोरियाई जनता में जो बदलाव आया है , वह है कोरियाई जनता में आत्मविश्वास दिन ब दिल बढ़ता गया है ।
आर्थिक विकास के साथ साथ आदान प्रदान बढ़ता गया है और व्यक्तिय़ों की आवाजाही भी पहले से अधिक हो गयी है । अब सड़क पर कोरियाई जनता बातचीत करते हुए नजर आती है , और तो और उस के बात करने का लहजा और आवाज में भी चीनियों से ज्यादा फर्क भी नहीं पड़ता । लेकिन पहले वह दूसरे लोगों की नजरों से बचने के लिये बहुत धीमी आवाज में बातचीत करती थी । आज वह बड़ी निश्चिंतता से यहां आती है , उस के बोलने की आवाज से जाहिर है कि वह चीन आने पर पहले से ज्यादा आत्म विश्वसनीय हो गयी है ,अब या लू च्यांग नदी के दोनों तटों पर बसी चीनी व कोरियाई जनता की आवाजाही जोरों पर है ।
व्यापार में श्री छ्यान कुछ कोरियाई मित्रों से परिचित हुए हैं । उन्हों ने कोरियाई मित्रों की प्रशंसा में कहा कि वे बहुत विनम्र और शरीफ हैं । कोरियाई मित्रों की दोस्ती से वे बहुत प्रभावित हुए हैं । उन्हों ने इस दोस्ती को याद करते हुए कहा
मुझे कोरियाई मित्रों के साथ सम्पर्क किये हुए अनेक साल हो गये हैं , इस दौरान एक बात मैं आज तक भुला नहीं सकता हूं । कुछ साल पहले मैं ने अपना घर नये मकान में स्थानांतरित किया । एक कोरियाई मित्र को अचानक पता चला कि मैं नये मकान में रह गया हूं , तो उन्हों ने तुरंत ही एक बहुत खूबसूरत तेल चित्र मुझे भेंट किया , मैं वैसे तेल चित्र के बारे में बहुत कम जानता हूं , पर उस तेल चित्र में चित्रित भू दृश्य और चित्रण कला उच्च कोटि की है । पहले मैं ने यह तेल चित्र अपने नये घर में लगा दिया था , अब मैं ने मंगल के लिये अपनी दुकान में लटका दिया । चीन व कोरिया दोनों देशों की जनता की दोस्ती एक दूसरे पर निर्भर है , हम उस के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं , तो वह भी हमारे साथ दोस्ती बनाना चाहती है ।
श्री छ्यान ने कहा कि तान तुंग शहर के विकास में कोरिया की बड़ी भूमिका है । आइंदे वे अपने बच्चे को कोरियाई भाषा सीखने भेजेंगे और जनवादी कोरिया में खुले द्वार नीति लागू करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ।
जनवादी कोरिया में खुले द्वार नीति लागू होने के बाद मैं अपना व्यापार विस्तृत कर दूंगा , कोरियाई माल चीन में लाऊंगा और चीनी माल कोरिया में पहुंचाऊंगा । मीडिल स्कूली शिक्षा की समाप्ति के बाद मैं अपने बच्चे को कोरियाई भाषा सीखने भेजूंगा , जनवादी कोरिया का द्वार खुलने के बाद तान तुंग शहर में रोजगार के ज्यादा मौके सामने आयेंगे ।