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थु चा जाति के रीति रिवाज का आभास
2009-07-27 15:09:11

 आप को मालूम हुआ होगा कि चीन की प्रथम नदी के नाम से नामी यांगत्सी नदी यानी छांग च्यांग नदी का त्रिघाटी क्षेत्र चीन के दस मशहूर रमणीय पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है , इस त्रिघाटी क्षेत्र में छू थांग घाटी , ऊ घाटी और शी लिंग घाटी शामिल हैं । कोई भी पर्यटक जहाज पर सवार होकर जब त्रिघाटी से गुजरता है , तो त्रिगाटी के दोनों किनारों के गगनचुम्बी पर्वतों और घुमावदार तेज लहरों पर मोहित हो जाता है । असल में त्रिगाटी के दोनों किनारों पर बेशुमार दर्शनीय प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलते हैं । यांगत्सी नदी के मध्य घाटी क्षेत्र में अवस्थित हू पेह प्रांत के त्रिघाटी क्षेत्र परिवार पर्यटन स्थल उन में से एक है । आज के इस भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ इसी त्रिघाटी परिवार पर्यटन स्थल का दौरा करने जा रहे हैं ।

 आप को मालूम हुआ होगा कि चीन की प्रथम नदी के नाम से नामी यांगत्सी नदी यानी छांग च्यांग नदी का त्रिघाटी क्षेत्र चीन के दस मशहूर रमणीय पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है , इस त्रिघाटी क्षेत्र में छू थांग घाटी , ऊ घाटी और शी लिंग घाटी शामिल हैं । कोई भी पर्यटक जहाज पर सवार होकर जब त्रिघाटी से गुजरता है , तो त्रिगाटी के दोनों किनारों के गगनचुम्बी पर्वतों और घुमावदार तेज लहरों पर मोहित हो जाता है । असल में त्रिगाटी के दोनों किनारों पर बेशुमार दर्शनीय प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलते हैं । यांगत्सी नदी के मध्य घाटी क्षेत्र में अवस्थित हू पेह प्रांत के त्रिघाटी क्षेत्र परिवार पर्यटन स्थल उन में से एक है । आज के इस भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ इसी त्रिघाटी परिवार पर्यटन स्थल का दौरा करने जा रहे हैं ।

हमें त्रिघाटी परिवार पर्यटन स्थल में कदम रखते ही चीनी अल्पसंख्यक जातियों में एक थु चा जाति की ऊंची आवाज सुनायी देने लगी है , थू चा जाति के लोग आम तौर पर मेहमानों की अगवानी में इसी गीत से अपनी खुशी व्यक्त करते हैं । दूर से नजर दौड़ाते हुए पता चला कि जहाज पर थु चा जाति की युवतियां व युवक गीत गाते हुए तट पर खड़े पर्यटकों को अभिवादन कर रहे थे , इस मर्मस्पर्शी दृश्य से लोगों को एक सजीव पानी स्याही चित्र की याद आती है ।

त्रिघाटी परिवार पर्यटन स्थल में एक लम्बी पतली सरिता दक्षिण से उत्तर की ओर बह जाती है , यही तुंगछिंग सरिता ही है । लुंगछिंग सरिता भिन्न भिन्न बौगोलिक स्थितियों के कारणों से अलग अलग भू सूरत के रुप में दिखायी देती है । खासकर समतल क्षेत्र में गुजरकर आगे बह जाती है , तो इस सरिता के दोनों किनारों पर घने जंगत के प्राचीन पेडों की छायाएं सरिता की तह में साफ साफ नजर आती हैं । इस सरिता का नाम एक भीमकाय पत्थर से कोइ संबंधित है । व्याख्याकार वांग चिन य्येन ने कहा कि सामने ऊंचे पर्वत पर जो पट्टी वाला पत्थर ढलान स्थित है , उस का आकार प्रकार एक स्वच्छ सरिता में कूदने वाला ड्रेगन जान पड़ता है , इसीलिये यह सरिता इसी ड्रेगन रूपी पत्थर से लुंग छिंग यानी ड्रेगन सरिता के नाम से प्रसिद्ध हो गयी ।

हरे भरे पर्वत और स्वच्छ पानी तथा चित्र जैसा दिलकश प्राकृतिक दृश्य को छोड़कर त्रिघाटी परिवार पर्यटन स्थल की अलग पहचान अल्पसंख्यक जाति थु च्या जाति के विशेष रीति रिवाज ही है । त्रिघाटी परिवार पर्यटल स्थल के दौरे पर यह दृश्य देखा जा सकता है कि सरिता के तट पर थु जाति की युवतियां गाना गाते हुए कपड़े धोती हैं , स्थानीय लोग मछली मारने में संलग्न हैं , इतना ही नहीं , पर्यटक थु च्या जाति के शादी व्याह में भाग भी ले सकते हैं ।

मध्य चीन के हू पेह प्रांत से आये पर्यटक थ्येन शाओ यूंग ने कहा कि वह जातीय संस्कृति के अध्ययन में रुचि लेते हैं । उन का विचार है कि थु च्या जाति का शादी व्याह और आदत अलग ढंग की हैं , पर्यटक खुद भाग लेने से थु च्या जाति के रीति रिवाजों को सीधे तौर पर महसूस कर सकते हैं , जिस से यह जातीय संस्कृति पर्यटन कार्य पर प्रभाव डालकर अच्छी तरह प्रदर्शित हो जायेगी । पर्यटक थ्येन शाओ यूंग ने कहा कि सांस्कृतिक विषय का असर पर्वत व पानी समेत प्राकृतिक दृश्य पर पड़ेगा , तो पर्यटकों को यात्रा में अगल अनुभव हो जायेगा । पर्यटकों को यात्रा में प्राकृतिक दृश्य ही नहीं , बल्कि विविधतापूर्ण संस्कृतियों का आभास भी हो सकता है ।

नाना प्रकार वाले आदिम पारिस्थितिकि रीति रिवाजों को छोड़कर सरिता के दोनों किनारों पर स्थित लटकी इमारतें और विशेष पहचान बना लेती हैं । लटकी इमारतें थु च्या जाति समेत बहुत सी अल्पसंख्यक जातियों की परम्परागत निवास स्थान ही हैं । यह इमारत लकड़ियों से निर्मित हुई है , आम तौर पर वह दो या तीन मंजीलों की है , सब से ऊपर मंजिल गर्मियों से बचने के लिये है , मध्यम मंजिल पर घर वाले रहते हैं , जबकि नीचली मंजिल पर दैनिक जीवन में आने वाली वस्तुएं रखी जाती हैं ।

थाइवान से आये पर्यटक श्यू ई श्यांग ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि उन्हों ने न सिर्फ त्रिघाटी परिवार पर्यटन स्थल में दर्शनीय प्राकृतिक सौंदर्य देखा है , बल्कि सरिता के दोनों किनारों पर निर्मित इमारतों और विविधतापूर्ण लोकाचार प्रदर्शनों से अल्पसंख्यक जातीय शैलियों को महसूस भी हुआ है । उन का कहना है कि यहां के दौरे पर मैं ने जो पानी , पर्वत जैसे प्राकृतिक सौंदर्य को देखा है , वे वाकई बहुत खूबसूरत हैं , बाद में मैं अवश्य ही मंडल लेकर फिर आऊंगा । यहां का प्राकृतिक दृश्य मनोहर ही नहीं , मानव भाव और स्थानीय विशेषता भी अलग ढंग की है ।

लुंग छिंग सरिता के दूसरे छोर से वापस लौटने के दौरान व्य़ाख्याकार वांग चिन य्येन ने दूर के सीधी खड़ी चट्टान पर लटके ताबूत की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह ठीक दक्षिण चीन में बसी अल्पसंख्यक जातियों में प्रचलित विशेष अंतिम संस्कार का तरीका ही है यानी लटकने वाला ताबूत संस्कार । उस ने कहा कि वह अल्पसंख्यक जातियों में से एक मन पा जाति का लटका ताबूत है । क्योंकि बहुत पहले मन पा जाति थु च्चा जाति का पूर्वज है । उस समय मनपा जाति में किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई , तो उसे गुफा में दफनाया जाता था , इसे पत्थर अंतिम संस्कार कहा जाता है ।

पर पुराने जमाने में लोगों ने लाश को दफनाने के लिये यही तौर तरीका क्यों चुन लिया , इसी संदर्भ में विद्वानों के बीच कोई सहमति नहीं बन पायी । तो और शंकित बात यह है कि पुराने जमाने में उत्पादन शक्ति के अविकसित हालत में इस भारी ताबूत को सीधी खड़ी चट्टान पर किस तरह पहुंचाया गया । व्याख्याकार वांग चिन य्येन ने कहा कि यह सवाल अभी भी अनुसंधानकर्ताओं के लिये एक न बुझने वाली पहली बन गयी है । कुछ लोगों ने कहा कि ढेर सारी मिट्टी गुफा के मुंह तक पहुचायी जाने से ताबूत को गुफे में रखा गया , कुछ लोगों ने कहा कि पानी के गुफे के मुंह तक पहुंचने के बाद ताबूत गुफे में रखा गया और कुछ लोगों का मानना है कि सीधी खड़ी चट्टान पर लगाये जाने वाले चक्करों से ताबूत गुफे में पहुचाया गया । पर ये अलग अलग कथन इस शंका को दूर करने में असमर्थ हैं ।

जब सब लोग इसी पहली की चर्चा में अपनी अपनी कल्पना करने में होड़ सी लगा रहे थे , तो सरिता के तट पर बैठी एक थु च्चा जातीय युवती लोकप्रिय पहाड़ी गीत गाने लगी , जिस से एकदम भिन्न भिन्न कल्पनाओं में मग्न पर्यटकों को वास्तविकता में लौटा दिया गया ।

सुरीली आवाज सुनते सुनते पर्यटकों ने त्रिघाटी परिवार पर्यटन स्थल का दौरा भी समाप्त हो गया । थाइवान के पर्यटक वांग छ्वान ने कहा कि त्रिघाटी का भव्यदार दृश्य उपनी कल्पना में है , पर बड़े बड़े पर्वतों के बीच अद्भुत सुंदर त्रिघाटी परिवार पर्यटन स्थल छिपा हुआ है , इस की कल्पना उन्हों ने कभी भी नहीं की ।

मेरे ख्याल से यह एक बहुत खूब सूरत पर्यटन स्थल है । आते समय मेरी कल्पना नहीं थी कि यहां पर इतना बढ़िया स्थल उपलब्ध है । यहां शारीरिक स्वास्थ्य के लिये अत्यंत लाभदायक है , नजर दायरे के लिय भी बढ़िया है , यहां देखने लायक है ।

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