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चित्र जितना सुंदर लू शान पर्वत पर्यटन स्थल
2009-07-06 17:15:47

2010 शानहाई विश्व मेले की आहट निकट आ रही है , आज के इस कार्यक्रम में हम आप को शानहाई शहर के बगल में स्थित लू शान पर्वत पर्यटन स्थल का दौरा करने ले चतले हैं ।

लू शान पर्वत मध्य चीन के च्यांगशी प्रांत के च्यु च्यांग शहर के भीतर विख्यात पर्वत ही है और वह यांगत्सी नदी यानी छांग च्यांग नदी के मध्यम निचले क्षेत्र स्थित पो यांग झील के तट पर खड़ा हुआ है । झील व नदी घाटी क्षेत्र में स्थित होने की वजह से लू शान पर्वत का मौसम बहुत सुहावना है , गर्मियों में औसत तापमान 22 सेल्सियर्स डिग्री मात्र ही है । लू शान व शानहाई शहर के बीच का फासला 900 किलोमीटर से अधिक है , यातायात बहुत सुविधापूर्ण है । ट्रेन पर सवार होकर शानहाई से लू शान पर्वत तक पहुंचने में दस घंटे लगते हैं ।

अभी आप ने जो आवाज सुनी है , वह लू शान पर्वत पर्यटन स्थल के सब से दर्शनीय स्थल सान त्ये महा झरने की आवाज ही है । सान त्ये झरना लू शान पर्वत का प्रथम आश्चर्यजनक भू दृश्य माना जाता है । स्थानीय लोग कहते हैं कि सान त्ये झरना तक न पहुंचने से लू शान पर्वत न देखने के बराबर है । वसंत में सान त्ये झरने के पानी 155 मीटर की ऊंचाई पर से नीचे गिरने का दृश्य अत्यंत भव्यदार है । पर्यटक वांग येन ने इस झरने की चर्चा करते हुए कहा

यह झरना बहुत विशाल है , बहुत सुंदर है , इसे देखने आये पर्यटक भी बहुत ज्यादा हैं , तमाम पर्यटक बड़े खुश नजर आते हैं और वे यहां के प्राकृतिक दृश्य पर मोहित हो जाते हैं ।

लू शान पर्वत का प्राकृतिक दृश्य साल भर में मनोहर लगता है । आज से हजार वर्ष पहले के थांग राजवंश काल में कवियों ने लू शान के अनौखा प्राकृतिक दृश्य का वर्णन किया था । लू शान पर्यटन ब्यूरो के उप प्रधान ताई त्येन ने इस का परिचय देते हुए कहा

वसंत में लू शान पर्वत पर्यटन क्षेत्र का प्राकृतिक दृश्य कविता व सपने जितना काल्पनिक है । खासकर मार्च व अप्रैल में पूरा लू शान पर्वत पर्यटन स्थल गहरे कोहरे से घिरा हुआ है , गगनचुम्बी चोटियां मंडराते हुए बादलों के बीच झांकते हुए दिखाई देते हैं , अजीबोगरीब सीधी खड़ी चट्टानें कभी सामने नजर आती हैं , कभी ओझल हो जाती हैं । लू शान पर्वत पर्यटन स्थल में वनस्पति बागान , चिन श्यू घाटी , ह्वा चिंग पार्क और सान त्ये झरना का प्राकृतिक दृश्य वसंत में सब से बहारदार है ।

मौसम के नियम के अनुसार लू शान पर्वत पर्यटन स्थल में वसंत का मौसम साल में अप्रैल की अंतिम दशमी में आता है । वास्तव में हजार वर्ष पहले के थांगराजवंश काल के विख्यात कवि पाई चियू ई मित्रों के साथ लू शान पर्वत के दौरे पर आये और ता लिन नाम के मंदिर में ठहरे , यहां पर ठहरने के दौरान उन्हों ने देखा कि पूरे पहाड़ी क्षेत्र पर रंग बिरंगे फूल खिले हुए थे और चारों तरफ फलते फूलते का बहारदार नजारा नजर आ रहा था । कवि पाई च्यु ई ने इस से प्रभावित होकर यहां के खिले हुए फूलों की प्रशंसा में प्रसिद्ध कविता लिखी । क्योंकि वह समय चीनी पंचांग के अनुसार चौथे माह का था , पर्वत के नीचे कब से ही गर्मी आ गयी है , क्या जाने पर्वत के ऊपर बसंत का बहारदार नजारा नजर आ रहा था ।

1988 में लू शान पर्वत पर्यटन स्थल के ह्वा चिंग पार्क में कवि पाई च्यू ई का प्रदर्शनी कक्ष स्थापित हुआ , ह्वा चिंग नामक मंडप में खड़े शिला लेख पर अंकित ह्वा चिंग इन दोनों शब्दों की लिपी सुप्रसिद्ध कवि पाई च्यू ई की है । यहां पर एक पर्यटक छन खुन ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा शोरगुल से भरे शहर से यहां आने के बाद प्रकृति में वापस लौटने का आभास होता है , हर जगह पर हरा भरा नजर आ रहा है , बीच में खिले हुए रंगीन फूल बहुत सुंदर लगते हैं ।

लू शान पर्वत पर्यटन स्थन के ह्वा चिंग पार्क में आड़ू की किस्में विविधतापूर्ण हैं, भिन्न भिन्न प्रकार वाले आड़ू फूल मार्च से मई तक हर रोज तीन हजार से अधिक देशी विदेशी पर्यटन अपनी ओर खिंच लेते हैं । इस पार्क के प्रभारी छ्येन ई फी ने इस का परिचय देते हुए कहा

हर वर्ष मई में लू शान पर्वत पर्यटन स्थल में भिन्न भिन्न किस्मों वाले फूल खिल जाते हैं , अप्रैल के शुरु में ह्वा चिंग पार्क में खिले हुए आड़ू फूल बड़ी तादाद में पर्यटकों को मोहित कर लेते हैं । नवम्बर 2008 से हम ने चच्यांग , फू च्येन और हू नान आदि प्रांतों से आड़ू की अनेक नयी नयी बढ़िया किस्में आयातित की हैं ।

जब वसंत के बाद गर्मी आती है , तो ह्वा चिंग पार्क के बगल में अवस्थित चिंग श्यू घाटी बहुत दर्शनीय लगती है । रमणीय चिन श्यू घाटी 1.5 किलोमीटर लम्बी है । घाटी की दोनों ओर सीधी खड़ी चट्टानों पर सीढियां निर्मित हुई हैं , पर्यटकों को सीढियों का अनुसरण करते हुए ऊपर चढ़ने में बड़ा आनन्द मिलता है । पर्यटक शयू ली ने अपना अनुभव बताते हुए कहा

चिन श्यू घाटी का प्राकृतिक दृश्य अत्यंत सुंदर है , आज हम ने दुर्लभ बादल समुद्र और लू शान झरने बादलों जैसे आश्चर्यजनक प्राकृतिक दृश्य देख लिये हैं , बहुत अविस्मरणीय है ।

थाईवान से आये पर्यटक वांग सोंग रुंग ने इस की चर्चा में कहा

मैं चीन के मशहूर ह्वांग शान व थाई शान पर्वत देखने गया था , पर लू शान पर्वत का सौंदर्य उन दोनों पर्वतों से अलग है , हालांकि यहां का प्राकृतिक दृश्य ह्वांग शान पर्वत व थाई शान पर्वत का जितना भव्यदार नहीं है , पर यहां की सुदरता बहुत नरम और सीधी सादी लगती है ।

असल में लू शान पर्वतीय क्षेत्र में जीवजंतुओं की भरमार होती है । जंगलों का क्षेत्रफल 76.6 प्रतिशत बनता है । कीड़े मकोड़ों की किस्में कोई दो हजार से अधिक हैं , नाना प्रकार वाले पक्षियों की किस्में 70 से अधिक है और जानवरों की किस्में कोई 37 पायी जाती हैं । लू शान पर्वत पर्यटन स्थल के भीतर कोई तीन सौ हैक्टर क्षेत्रफल वाला वनस्पति बागान भी उपलब्ध है और यहां पर तीन हजार चार सौ किस्मों से अधिक वनस्पति उगी हुई है , जिन में मुख्यतः देवदारु व आजालिया जैसे पेड़ बहुत चर्चित हैं । समूचे बागान में देवदारू बगीचा , अंतर्राष्ट्रीय मैत्री आजालिया बगीचा , ग्रीन हाऊस क्षेत्र , घास व फूल बगीचा , चट्टान उद्यान व जड़ी बूटियों का उद्यान व चाय बागान आदि नौ विशेष दर्शनीय क्षेत्र स्थापित हुए हैं , जिन में तीन सौ से अधिक किस्मों वाले आजालिया उगे हुए हैं , जब वसंत में आजालिया फूल खिलते हैं , तो समूचा बागान फूलों का समुद्र जान पड़ता है ।

लू शान पर्वत पर जड़ी बुटियों की किस्में भी अत्यंत बेशुमार होती हैं । यहां के जड़ी बूटी बागान में तीन सौ किस्मों से अधिक जड़ी बुटियां उगी हुई हैं । लू शान पर्वत के वनस्पति बागान के प्रधान व्यी चुंग श्येन ने इस का परिचय देते हुए कहा

लू शान पर्वत का वनस्पति बागान 1934 में स्थापित हुआ , आज तक उस का इतिहास कोई 75 साल पुराना है । हमारे वनस्पति बागान की तीन विशेषताएं देखी जाती हैं , पहली , चिड़ों व देवदारों की किस्में सर्वाधिक हैं , समूचे विश्व में उपलब्ध 600 किस्मों में से 247 किस्में यहां पर पायी जाती हैं , दूसरी विशेषता है कि समूचे चीन में 600 से अधिक किस्मों वाले आजालिया पाये जाते हैं , पर हमारे यहां तीन सौ से अधिक किस्मों वाले आजालिया देखने को मिलते हैं । तीसरी विशेषता है कि हमारे बागान में संग्रहित वनस्पति की किस्में विश्व में सर्वमान्य प्राप्त हैं । जी हां लू शान पर्वत पर्यटन स्थल में पैदा कोहरा चाय भी बहुत विख्यात है । पर्यटकों को चश्मे के पानी से तैयार कोहरा चाय की चुस्की लेने में बड़ा मजा लगता है ।

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