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पृथ्वी के स्वर्ग के नाम से मशहूर सूचओ शहर का दौरा
2009-06-29 15:31:05

जैसा कि आप जानते हैं कि 2010 शांगहाई विश्व मेले के आयोजन से एक साल से कम समय बाकी है । यदि कोई पर्यटक शांगहाई विश्व मेले के दौरान शांगहाई शहर में घूमने आना चाहता है , तो उस के लिये इस दौरे को लेकर एक संतोषजनक योजना बनाना जरूरी है , क्योंकि शहर शहर के ईर्दगिर्द बहुत से दर्शनीय पर्यटन स्थल देखने लायक हैं । चीन में यह कहावक अभी भी प्रचलित है कि आकाश पर स्वर्ग है , जबकि पृथ्वी पर सूचओ व हांगचओ रमणीक स्थल भी हैं । आज के इस कार्यक्रम में हम आप को पृथ्वी स्वर्ग के नाम से विख्यात सूचओ शहर के दौरे पर ले चलते हैं , आइये , अब हम घूमने चले ।

च्यांगसू प्रांत का सूचओ शहर यांगत्सी नदी यानी छांग च्यांग नदी के डेल्टे के मध्यम भाग में अवस्थित है , उस का पूर्वी भाग शांगहाई शहर से सटा हुआ है और दक्षिण भाग च च्यांग प्रांत से लगा हुआ है , जबकि पश्चिमी भाग चीन की प्रसिद्ध झील थाई हू और उत्तरी भाग छांग च्यांग नदी से जुड़े हुए हैं । सू चओ शहर की निर्माण योजना के अनुसार पुराने शहरी क्षेत्र और नये औद्योगिक क्षेत्र को एक दूसरे से अलग कर दिया गया है , इस तरह सूचओ शहर के पुराने क्षेत्र का संरक्षण हुआ ही नहीं , नये औद्योगिक क्षेत्र को विकास की पर्याप्त गुंजाइश भी मिल गयी है । वर्तमान सू चओ शहर के पुराने शहरी क्षेत्र में थलीय मार्गों व जल मार्गों को एक दूसरे के साथ जोड़े जाने की विशेष सूरत बरकरार रही है । पुराने शहरी क्षेत्र में फिंग च्यांग , छुचंग य्वान , ई य्वान , शान थांग और य्येन मन ये पांच पुरानी ऐतिहासिक सड़के और बड़ी तादाद में विख्यात ऐतिहासिक सांस्कृतिक अवशेष संरक्षित हुए हैं ।

प्रसिद्ध शांन थांग सड़क सुंदर सुचओ शहर की प्रथम नामी सड़क मानी जाती है , सड़क के दोनों किनारों पर इमारतें अपनी विशेष पहचान बना लेती हैं , छोटी बड़ी दुकानें बड़े सुव्यवस्थित रूप से खड़ी हुई दिखायी देती है । विशेषकर रात को रंगबिरंगे लालटेन चकमगाते हुए नजर आते हैं , अनेक सरिताएं शहरी क्षेत्र को चीर कर कल कल करते हुए आगे बह जाती हैं , जब कि सूचओ शहर के लोकप्रिय स्थानीय औपेरा फिंग थान की सुरीरी आवाज वायु मंजल में गुंजते हुए पर्यटकों को आकर्षित कर लेती है । सिगापुर से आये पर्यटक ह्वांग एन लिंग ने अपना अनुभव बताते हुए कहा

यह सचमुच चित्र जैसा क्षेत्र ही है , बहुत खूब सूरत है , लोगों को पुराने शहर का महसूस होता है । यह वाकई एक बड़ा सुखद दौरा ही है ।

शानथांग सड़क के रात्रि दृश्य देखने के बाद यदि पर्यटक वापस लौटना नहीं चाहते , तो वह किसी चाय घर में थाई हू झील के स्वच्छ पानी से तैयार चाय की चुस्की लेते हुए स्थानीय औपरा फिंग थान का आनन्द उठा सकते हैं ।

जैसा कि कोई पर्यटक पेइचिंग शहर के दौरे पर पेइचिंग औपेरा देखने जरूर जाता है , वैसा ही कोई पर्यटक सूचओ शहर पहुंचने के बाद स्थानीय प्रसिद्ध औपेरा फिंग थान अवश्य ही सुनने जाता है , नहीं तो उस के लिये सूचओ शहर न पहुंचने के बराबर है । सू चओ शहर में छ्येन थांग रन चा , छुनलेई , श्वी थ्येन थांग और चा रन छुन जैसे चाय घर बहुत चर्चित हैं । मिसाल के लिये चिन ची झील के तट पर स्थित छुन लेई चाय घर को ले लीजिये , इस चाय घर की सजावटें बेहद सीधी सादी ही नहीं , इंतजाम भी अलग ढंग के हैं , चारों तरफ चाय की महक व्याप्त ही है , हल्की पीली रोशनी में पूरा कमरा एकदम शांतिमय व आरोमदेह लगता है , ऐसे वातावरण में चाय की चुस्की लेते हुए स्थानीय औपेरा फिंग थान सुनने में पर्यटक अपनी तमाम परेशानियों को भूल जाते हैं ।

पर ऐसे सुख चैन वातावरण का मतलब यह नहीं है कि सू चओ शहर की जीवन गति धीमी है ।

अभी आप ने जो आधुनिक संगीत सुन लिया है , वह सू चओ शहर के य्वान रुंग शह ताए चौक का प्रतीकात्मक संगीत ही है । इस चौक का सब से विख्यात भू दृश्य विश्व के प्रथम पर्दा के नाम से विख्यात लम्बी लालटेन पट्टी है । इस लालटेन पट्टी की लम्बाई पांच सौ मीटर है और चौड़ाई 32 मीटर है , इस पट्टी पर कुल दस करोड़ से अधिक य्वान लगाकर दो करोड़ से अधिक बल्ब लगे हुए हैं । अब यहां अधिकाधिक पर्यटकों का गंतव्य स्थल बन गया है । हरिसोन व जाम्स नामक दोनों अमरीकी किसी काम के लिये सू चओ शहर आये , वे दोनों भी इस बड़े पर्दे को देखने विशेष तौर पर आये । हरिसन ने देखने के बाद हमारे संवाददाता से कहा

यह वाकई अकल्पनीय है , बहुत प्रशंसनीय है । मुझे यह आकाश पर्दा बहुत पसंद है , कंप्यूटर से नियंत्रित चित्र जीवनी वातावरण से ओतप्रोत है , बहुत असली लगता है , विविधतापूर्ण विषय भी अति सुंदर हैं , चित्र में स्वतंत्र देवी की मूर्ति व बाज मुझे बहुत पसंद हैं , साथ ही चित्रों में प्रदर्शित अन्य देशों के चित्र भी बहुत प्रशंसनीय हैं , बहुत समार्ट हैं ।

जाम्स ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि उन्हों ने पहले दूसरे क्षेत्र में इसी प्रकार वाला आकाश पर्दा देखा था , पर सू चओ शहर के इस अति लम्वे आकाश पर्दे ने उन्हें सचमुच अचंभे में डाल दिया है । उन का कहना है

इस आकाश पर्दे का विषय और अधिक विविधतापूर्ण है , वह सू चओ शहर के बारे मर्मस्पर्शी कहानियां व चमकदार छवि बताने पर जोर देता है , जिस से सू चओ की स्थानीय विशेषता और सौंदर्य की अच्छी तरह अभिव्यक्ति की गयी है ।

पेइचिंग के राष्ट्रीय स्टेडियम यानी बर्ड्स नेस्ट का नाम आप ने जरूर ही सुना ही होगा , पर सू चओ शहर के छोटे बर्ड्स नेस्ट के नाम से नामी सू चओ ज्ञान विज्ञान सांस्कृतिक कला केंद्र भी बहुत चर्चित है । इस कला केंद्र का आकार प्रकार आधे चांद जैसा है , प्रमुख गेट चिन ची झील के केंद्र की ओर खुला है , ऊपर आकाश से नीचे देखने में समूचा निर्माण एक आधे खुले सीप के बीच जेड़ा मोती जान पड़ता है ।

इस कला केंद्र की डिजाइन विश्वविख्यात फ्रांसीसी डिजाइनर पोरो आंद्रू ने की है , श्री पोरो पेइचिंग राष्ट्रीय स्टेडियम बर्ड्स नेस्ट का डिजाइनर भी हैं । पर इस प्रसिद्ध डिजाइनर ने सू चओ के कला केंद्र की डिजाइन में स्थानीय बगीचेनुमा वास्तु शैलियों का ग्रहण कर लिया है , जिस से यह कला केंद्र आधुनिक व पुरानी वास्तु शैलियों से युक्त है । सू चओ ज्ञान विज्ञान सांस्कृतिक कला केंद्र के व्याख्याकार शन चिंग चिंग ने इस की चर्चा में कहा

इस कला केंद्र की बाह्य धातु दीवार नजदीगी से देखने में रेशम धागा लगती है , जबकि दूर से देखा जाये , तो वह रेश्मी कपड़ा मालूम पड़ती है , इस का अर्थ है कि सू चओ एक रेश्मी कपड़ों की जन्मभूमि है । पर्दे दीवार पर 20 हजार से अधिक बल्ब लगे हुए हैं और वे भिन्न भिन्न बिजली दबाव से रंग बदल देते हैं ।

बेशक , सू च्ओ ज्ञान विज्ञान सांस्कृतिक कला केंद्र बाह्य सौंदर्य ही नहीं , उस क्षमता भी अव्वल दर्जे की है । इस कला केंद्र में सब से समुन्नत साज सामाज से सुसज्जित बड़े थियटरों की संख्या एक हजार दो सौ है , एक पांच सौ दर्शकों को समा सकने वाले प्रस्तुति हाल भोजन करने व अभिनय देखने में समर्थ है , साथ ही सात सिनेमा घर भी हैं । इस के अलावा ज्ञान विज्ञान प्रदर्शनी भवन में 23 हजार वर्ग मीटर विशाल डिपार्टमेंट स्टोर भी स्थापित हुआ है , वह सचमुच पर्यटन , संस्कृति व वाणिज्य जैसी क्षमता से युक्त एक संपूर्ण बहुदेशीय निर्माण कहने लायक है ।

मशहूर सू चओ शहर की सुंदरता का वर्णन यहां पर हम पूरी तरह करने में असमर्थ हैं । शांगहाई शहर से गाड़ी चलाकर एक घंटे से कुछ अधिक समय में सू चओ शहर पहुंच जाता है । यदि 2010 में शांगहाई विश्व मेले को देखने आप आयेंगे , तो दर्शनीय सू चओ शहर का दौरा करने जरूर जाएंगे , आप को सुखद अनुभव होगा ।

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