जर्मन नेट फ्रैड मानयल ने पूछा कि मैं स्वयंसेवक की हैसियत से चीन की मदद करना चाहता हूं , खेद की बात है कि आर्थिक स्थिति की वजह से मैं चीन जाने में असमर्थ हूं । क्या मुझ जैसे लोगों को स्वयंसेवक बनने का मौका मिलेगा ?
जवाबः भूकम्प ग्रस्त क्षेत्र जाने वाले स्वयंसेवकों के लिये यह जरूरी है कि वे सर्वप्रथम भूकम्प ग्रस्त क्षेत्रों की जरूरतों को पूरी करने में सक्षम हों । वर्तमान में भूकम्प ग्रस्त क्षेत्रों में राहत कार्य रोग संगरोध व पुनर्निर्माण के दौर में दाखिला हुआ है । इसलिये स्वयंसेवकों को स्वास्थ्य , रोग संगरोध , जल संरक्षण , बिजली पावर और भवन निर्माण जैसे क्षेत्रों में ज्ञानी होना चाहिये । दूसरी तरफ स्वयंसेवकों को मनोविज्ञान और भाषी सम्पर्क करने में भी समर्थ होना चाहिये ।
रोग संगरोध और पुनर्निर्माण के दौरान स्वयंसेवकों को बड़ी तादाद में बेघर लोगों व अपने परिजनों से वंचित ग्रस्तों का सामना करना पड़ता है , इसलिये स्वयंसेवकों के लिये यह जरूरी है उन में मजबूत मनौगत गुणवत्ता हो और वे संकट ग्रस्तों को भूकम्प से उत्पन्न कुप्रभाव से छुटकारा दिलाने और जीवन प्रति आशा जगाने में समर्थ भी हों ।