2009-02-13 12:47:15

सामन्ती समाज का उदय:युद्धरत-राज्य काल

                     

                      

 युद्धरत-राज्य काल (475-221 ई.पू.)

चीन में सामन्ती समाज का प्रारम्भ युद्धरत-राज्य काल से हुआ था और 19 वीं शताब्दी के मध्य में बरतानवी पूंजीपति वर्ग द्वारा चीन के खिलाफ़ छेड़े गए अफीम युद्ध से थोड़ा पहले इस का अंत हो गया। इस प्रकार, यह समाज कोई 2300 वर्षों तक कायम रहा।

युद्धरत-राज्य काल में सामन्ती व्यवस्था की स्थापना

वसन्त और शरद काल के अन्त में विभिन्न जागीरदार राज्यों की सत्ता उदीयमान जमींदार वर्ग ने छीन ली और सामन्ती व्यवस्था की स्थापना की। एक दूसरे को हड़पने की भीषण लड़ाइयों के बाद, युद्धरत-राज्य काल में केवल सात महत्वपूर्ण राज्य रह गए थे। इनके नाम थे:छी, छू, येन, हान, चाओ, वेइ और छिन। नई परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इन राज्यों के शासकों ने आगे-पीछे अपने-अपने यहां राजनीतिक सुधार किए। इस प्रकार के सुधारों की शुरूआत सबसे पहले वेइ राज्य के ली ख्वेइ द्वारा की गई, जबकि छिन राज्य के शाङ याङ द्वारा किए गए राजनीतिक सुधार अपेक्षाकृत सम्पूर्ण थे। ये सुधार मुख्य रूप से इस प्रकार थे:भूमि की "चिङथ्येन व्यवस्था"को खत्म कर दिया गया, निजी भू-स्वामित्व को और निर्बाध रूप से जमीन खरीदने व बेचने के हक को मान्यता दी गई, लोगों को खेती करने और कपड़ा बुनने तथा उत्पादन का विकास करने के लिये प्रोत्साहन दिया गया, रईसों के मौरूसी विशेषाधिकारों को रद्द कर दिया गया, तथा युद्ध में फौजी योगदान के अनुसार जमीन, मकान और ओहदे देने की व्यवस्था लागू की गई, सभी अफसरों की नियुक्ति केन्द्रीय सरकार द्वारा की जाने की व्यवस्था लागू की गई और इस प्रकार एक सामन्ती तानाशाही शासन-व्यवस्था कायम की गई। इन राजनीतिक सुधारों के परिणामस्वरूप छिन राज्य दिन-ब-दिन शक्तिशाली और समृद्ध होता गया। नवस्थापित सामन्ती व्यवस्था ने सामाजिक अर्थव्यवस्था और संस्कृति के विकास को बढ़ावा दिया। खेतीबारी में लोहे के औजारों तथा बैलों का और बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाने लगा। वेइ राज्य के एक अफसर शीमन पाओ ने एक नहर बनवाई, जिससे चाङहो नदी के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग होने लगा और उसके राज्य के कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिला। सछ्वान में तूच्याङ बांध और क्वान-चुङ में चङक्वो नहर छिन राज्य की सब से बड़ी जल-संरक्षण परियोजनाएं थीं। कृषि और दस्तकारी का उल्लेखनीय विकास हुआ। वाणिज्य और शहरी निर्माण का भी भरपूर विकास हुआ। छी राज्य का लिनचि, चाओ राज्य का हानतान, चओ राज्य का ल्वोयाङ, छू राज्य का इङ, येन राज्य का ची और छिन राज्य का शेनयाङ उस समय के सुप्रसिद्ध नगर थे। छी राज्य की राजधानी लिनचि में अनेक शाही महल और बाजार थे, सड़कों पर आदमियों और गाड़ियों की भीड़ रहती थी। प्राचीन लिनचि नगर की खुदाई से पता चला है कि यह नगर 20 किलोमीटर से अधिक की परिधि में फैला हुआ था। यहां लोहा गलाने की 6 तथा कांसा गलाने और हड्डी की वस्तुएं बनाने की अनेक कर्मशालाएं थीं। मुद्रा का बड़े पैमाने पर प्रचलन शुरू हुआ और विभिन्न राज्यों की अपनी-अपनी मुद्राएं हो गईं।

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