2009-02-06 09:18:41

छिपकली की कहानी

 किसी प्रांगन की दीवार के दरार में छिपकली का घर था । एक दिन , छिपकली नींद से जागा , उसे कुछ भूख लग रही थी , सो उस ने अपनी माता से कहा, मम्मी , मैं खाना ढूंढने बाहर जाना चाहता हूं ।

हां , जाओ , पर ज्यादा दूर न जा , खाना मिलने के बाद फटाफट लौट आना ।

माता से बिदा हो कर छोटी छिपकली दीवार के दरार से बाहर निकला , चार छोटी छोटी टांगों के बल पर वह दीवार की परत पर रेंगते हुए जा रहा था और उस का लम्बा लम्बा तुच्छ पीछे पीछे खिंच रहा था ।

प्रांगन की दीवार बहुत ऊंची थी , उस की भित्ति पर इधर उधर रेंगते हुए भी छिपकली नीचे गिर नहीं सकता , इस का क्या कारण , कारण यह था कि छिपकली के चार पांव चुंबक की भांति दीवार को कसकर पकड़ सकते थे । इस से वह जहां समतल जमीन पर चल सकता था , वहां सीधी दीवार पर भी रेंगते हुए चल सकता और नीचे गिर नहीं सकता

छोटी छिपकली रेंगते हुए बाईं दाईं ओर नजर भी दौड़ा रहा था और खाना ढूंढ रहा था । सहसा एक मच्छर भिनभिना कर उड़ आया , उसे देख छोटी छिपकली ने तुरंत मुंह खोला और अपनी लम्बी जीभ मार कर मच्छर को पकड़ा और उसे हलक के नीचे उतार दिया । थोड़ी देर में एक मक्खी भी उड़ कर आयी , छिपकली ने फिर मुंह खोल कर उसे भी पेट के अन्दर निगल लिया । छोटी छिपकली धीरे धीरे ऊपर से नीचे की ओर बढ़ रहा और मक्खी-मच्छरों को पकड़ पकड़ कर खाता रहा

वह कीट कीड़ा पकड़ने में इतना लग्न हो गया था कि ध्यान भी नहीं आया था कि कोई बिल्ली उसे दबोचने की ताक में बैठी थी ।

छोटी बिल्ली को दीवार पर ऊपर नीचे रेंग रहे छिपकली में बड़ा कौतुहल आया । वह अपने शरीर को धनुषाकार बना कर झपके के साथ छिपकली पर टूट पड़ी , छिपकली का लम्बा दुम उसी की पकड़ में आ गया , जिस से छिपकली बुरी तर चौंक गया और घबरा कर भागने लगा । लेकिन उस का पुच्छ बिल्ली के पंजे तले दबा था , उस ने जोर से दुम खींचा , दुम तुरंत टूट कर शरीर से अलग हो गया ।

अपने दुम के शरीर से कट जाने पर छोटी छिपकली को बेहद दुख हुई , वह दीवार पर ऊपर की ओर चढ़ते समय रो भी रहा था , घर पहुंच कर उस ने रूद्ध स्वर में मां से कहा , मम्मी , मेरा दुम बिल्ली के पंजों से कट गया है , अब मेरा दुम नहीं रहा है ।

माता ने उसे तसल्ली देते हुए कहा , रोना मत , बेटा , रोना मत ।

लेकिन छोटी छिपकली की सिसकियां नहीं रूकी । तो उस की मां ने फिर उसे मनाते हुए कहा , बेटा , रोना मत , दुम टूटा है , तो टूट जाने दो , कुछ दिनों के बाद तुम्हरा फिर नया दुम निकलेगा ।

क्या कहा , मेरा क्या नया दुम निकल सकेगा .

हां , बेटा , हम छिपकली हैं , जिस का यह एक विशेष गुण है कि जब कभी हमारा दुम कट गया , तो कुछ समय बाद शरीर पर एक नया दुम पैदा होता है । आगे जब कभी तुम्हारा दुम दुश्मन द्वारा पकड़ा गया , तो तुम अपनी दुम तोड़ कर वही छोड़ दो और जल्दी से भाग निकलो , क्यों कि बाद में तुम को एक नया दुम मिल सकता है ।

माता की बात सुन कर छोटी छिपकली की सिसकियां बन्द हो गई थी , वह फिर माता के साथ हानिकर कीड़ा पकड़ने निकला ।

कुछ दिन गुजरा , छोटी छिपकली के शरीर पर सचमुच एक नया दुम पैदा हो गया ।