2009-02-05 15:46:44

अंतर्राष्ट्रीय संगीत जगत में विख्यात चीनी संगीतकार क्वो विन जिंग

श्री क्वो विन जिंग हमेशा चीन में रहते हैं, लेकिन उन की संगीत रचनाएं विश्व के विभिन्न देशों में प्रस्तुत की जाती हैं।

 आप सुन रहे हैं क्वो विन जिंग द्वारा गत शताब्दी के 90 वाले दशक में रची गयी सिम्फोनी म्युजिक स्छ्वान का दुर्गम मार्ग , जो एक हजार तीन सौ वर्ष पहले चीन के थांग राजवंश काल के महान कवि ली पाई की कविता के आधार पर रूपांतरित संगीत है, जिस में प्राचीन दक्षिण-पश्चिमी चीन के स्छ्वान प्रांत में दुर्गम रास्ते का वर्णन किया गया। स्छ्वान प्रांत श्री क्वो विन जिंग की जन्मभूमि भी है।

इस साल, 52 वर्षीय क्वो विन जिंग का जन्म चीन के छोंग छिंग शहर में हुआ। छोंग छिंग शहर पहले स्छवान प्रांत का सब से बड़ा शहर था। वर्ष1997 में छोंग छिंग को केंद्रीय शासित शहर बनाया गया है। श्री क्वो विन जिंग की आरंभिक काल की अधिकांश संगीत रचनाएं उन की जन्मभूमि से संबंधित है। इस के बारे में उन्होंने कहा

हालांकि मेरी रचनाओं के शीर्षक और विषय हमेशा से स्छ्वान के पहाड़ या नदी से जुड़े हुए हैं, फिर भी इन रचनाओं की मर्मता सिर्फ प्राकृतिक दृश्यों से संबंधित नहीं है, बल्कि मनुष्य , मानवी शक्ति और मानवी भावना से जुड़ी हुई है। मैं लोगों का अन्तर्भाव अभिव्यक्त करना चाहता हूं।

क्वो विन जिंग के बचपन काल में चीन में सांस्कृतिक क्रांति का आंदोलन चल रहा था। जिस के कारण उन्होंने सुव्यवस्थित और औपचारिक शिक्षा नहीं प्राप्त की, लेकिन इस के दौरान उन का बाल जीवन तरह तरह के बंधन से मुक्त था और देहाती क्षेत्र में उन्मुख जीवन से उन्हें बड़ी सुखी लगी थी। 12 वर्ष की आयु में उन्होंने वायलिन सीखना शुरू किया। वाद्य यंत्र बजाने में वह एक समय बहुत उन्मत हुआ था। किन्तु बाद में उन्हें पता चला कि उन की सच्ची दिलचस्पी संगीत रचने में है। वर्ष 1973 में क्वो विन जिन छोंग छिंग के पेइचिंग आपेरा के थिएटर में एक वादक बन गये। तभी उन्होंने एक म्युजिक पुस्तक खरीदी और संगीत शास्त्र का अध्ययन करना शुरू किया। एक दिन जब उन्होंने सोवियत संघ के संगीतकार शोसथाकोविच द्वारा रचा गया संगीत ग्यारहवां सिम्फोनी सुना, तो तुरंत ही वे इस से आकृष्ट हो गए। इस बात की याद करते हुए उन्होंने कहा

शोसथाकोविच के म्युजिक बहुत ही रोमांचक लगते है। मुझे इस से असीम लगाव हुआ। मैं ने संगीतकार बनने का फैसला किया। मैं म्युजिक के जरिये मेरी भावना व चिन्तन अभिव्यक्त करना चाहता हूं। इसलिये मैं ने खुद संगीत तैयार करने की कला सीखना शुरू किया। हमारे वादन दल के नेता ने इस क्षेत्र में मेरी बड़ी मदद की ,उन्हों ने मुझे एक सफल संगीतकार बनने के लिए प्रेरित किया।

1978 में चीन में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला परीक्षा व्यवस्था बहाल हुई। उसी साल श्री क्वो विन जिंग चीनी केंद्रीय म्युजिक कालेज के संगीत विभाग में भर्ती हो गये। उन्होंने म्युजिक व संगीत सिद्धांत के विषय सीखना शुरू किया। संगीत कालेज में पढ़ने के दौरान वे बहुत मेहनत थे और संगीत रचने का काम भी शुरू किया था।(रूपा)